भूतिया मंदिर की रात – एक डरावनी कहानी
यह कहानी है भूतिया मंदिर की रात के बारे में। वह एक डरावनी रात थी, जब गहरे अंधेरे ने धरती को अपने आंचल में लपेट लिया था। एक छोटे से गाँव में एक भूतिया मंदिर था, जिसका नाम सुनते ही गांव के लोग डर जाया करते थे।
लोग कहते थे कि उस मंदिर में रात के समय भूत-प्रेत रहते हैं, और उनकी भयंकर आवाजें सुनाई देती हैं। वहाँ के लोग रात के समय उस मंदिर के पास जाने से बचते थे।
लेकिन एक रात, उसी गांव का एक साहसी युवक जिसका नाम आर्यन था। अपने दोस्तों के साथ उस भूतिया मंदिर में रात बिताने का फैसला किया। क्यों की वो लड़का भूतो को नहीं मानता था।
उसका कहना था की ये सब बस एक वहम है। इसलिए वो और उसके कुछ दोस्त रात के समय, उस भूतिया मंदिर के पास पहुंच गए, जहाँ लोग कहते थे की यहाँ भूत रहते है।
मंदिर के अंदर जाते ही उनको डरावना अहसास होने लगा, लेकिन यह आर्यन के उत्साह को और भी बढ़ा देता है। उसने अपने दोस्तों से कहा, “हम यहाँ अपना असली हिम्मत दिखाएँगे और देखेंगे कि क्या सच में भूत-प्रेत होते हैं या नहीं।”
उन्होंने वहाँ रखे दीपको को जलाया और भूतिया मंदिर के अंदर आगे बढ़ा। एक दूसरे कमरे में, उन्होंने एक भूतिया रोमांचक किताब मिली। आर्यन ने उसे लेकर अपने दोस्तों को दिखाया और वे सभी बैठकर उसे पढ़ने लगे।
धीरे-धीरे, रात बीत रही थी, और उनका डर भी कम हो रहा था। लेकिन तभी, एक अजीब आवाज सुनाई दी। “कौन है?” आर्यन ने ऊचे आवाज में पूछा।
कुछ ही क्षणों बाद, उन्हें किसी की दरवाजे की ओर दौड़ने की आवाज सुनाई दी। वे लोग डर रहे थे, लेकिन वे अपने आप को साहसी बनाने की कोशिश कर रहे थे।
तभी, एक डरावना भूत उनके सामने आया। उसकी आंखें लाल थीं, और उसके चेहरे पर भयंकर मुस्कान थी। “तुम्हारा स्वागत है, आर्यन,” उसने डरावनी आवाज में कहा।
आर्यन और उसके दोस्तों का दिल धड़कने लगा, और वे लोग डर से भयभीत होकर पीछे हटने की कोशिश करने लगे, लेकिन तभी उस भूत ने उनसे कहा अरे डरो नहीं।
“मुझे माफ करना, आर्यन,” ” मुझे तुम्हें डराने का इरादा नहीं था। मुझे बहुत दिनों से मनुष्यों से मिलना था, और मैं यह चाहता था की कोई इस मंदिर में आये।”
आर्यन और उसके दोस्तों का डर थोड़ा काम हुआ, और वे लोग उस भूत के साथ बातचीत करने लगे। वह एक पुरानी कहानी सुनाने लगा, जिसमें उसने बताया की कैसे कुछ लोगो ने उसे इस मंदिर के अंदर ही मार डाला था ।
तब से उसकी आत्मा उस मंदिर के अंदर ही भटकती रहती है, कोई इस रहस्य को जानता भी नहीं था इसलिए उसे आज तक मुक्ति नहीं मिल पाई है।
वे रात भर उस भूत के साथ बाते करते रहे, और समय के साथ उनका डर भी ख़तम हो गया। वे समझ गए कि सब भूत-प्रेत बस लोगो को परेशान ही नहीं करते, बल्कि कुछ अपनी मुक्ति के लिए लोगो से मदद भी मांगते है।
सुबह होते ही, वे लोग मंदिर से बाहर निकल आये, और उस भूत की मुक्त कराने का उपाय किया और वे सभी लोग बहुत खुश थे। उनके लिए यह अनुभव सचमुच यादगार था।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि डर को मानसिक रूप से परास्त करना हमारे लिए एक नया उत्साह का पैदा कर सकता है। भूतों और प्रेतों के डर को पार करके, हम अपने आप को बेहतर और मजबूत बना सकते हैं, और नए अनुभवों को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।
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अवलोकन – मुझे उम्मीद है कि आपको यह inhinditory.com द्वारा लिखी गई ये भूतिया मंदिर की रात कहानी आपको अच्छी लगी होगी।