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मासूम बकरीstory in hindi
एक बार एक लोमड़ी अंधेरे में घूम रही थी। दुर्भाग्य से, वह एक कुएं में गिर गयी। उसने अपने स्तर पर बाहर आने की पूरी कोशिश की लेकिन सभी व्यर्थ। इसलिए, उसके पास अगली सुबह तक वहां रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। अगले दिन, एक बकरी उस रास्ते से आई। उसने कुएँ में झाँका और वहाँ लोमड़ी को देखा। बकरी ने पूछा, “तुम वहाँ क्या कर रही हो?”
धूर्त लोमड़ी ने उत्तर दिया, “मैं यहाँ पानी पीने आई थी। यहाँ सबसे अच्छा मीठा पानी है जो तुमने कभी नही चखा होगा। आओ कुएं में कूद जाओ ओर इस शीतल जल का आनन्द लो ।” कुछ बिना सोचे-समझे, बकरी ने कुएं में छलांग लगा दी, अपनी प्यास बुझाई और बाहर निकलने का रास्ता खोजने लगी। लेकिन लोमड़ी की तरह ही उसने भी खुद को बाहर आने के लिए असहाय पाया।
फिर लोमड़ी ने कहा, “मेरे पास एक विचार है। तुम अपने पैरों पर खड़ी हों जाओ। मैं तुम्हारे सिर पर चढ़ जाऊंगी और बाहर निकल जाऊंगी फिर मैं तुम्हारी मदद भी करूंगी। बकरी इतनी मासूम थी कि उसने लोमड़ी की चालाकी को न समझा और जैसा कि लोमड़ी ने कहा था। वैसे ही उसे कुएं से बाहर निकालने में मदद की।
कुएं से बाहर निकल कर लोमड़ी जंगल की ओर जाते हुए बकरी से बोली ” अब किसी की बात पर इतने जल्दी बिना सोचे समझे यकीन मत करना बाकी तुम खुद समझदार हो।”
Moral of story: सोच समझकर ही किसी पर विश्वाश करना चाहिए। नही तो आप किसी बड़ी मुसीबत में फस सकते हो।
1. सोच
2.कोरा ज्ञान
3.पाँच बातें
4.two moral stories
5. Story in hindi एक बूढ़ा
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