सतर्क रहें story in hindi
एक बार, एक शेर था जो इतना बूढ़ा हो गया था कि वह अपने भोजन के लिए किसी भी शिकार को मारने में असमर्थ था। तो, उसने खुद से कहा, मुझे अपना पेट पालने के लिए कुछ करना होगा अन्यथा मैं भुखमरी से मर जाऊंगा।
वह सोचता रहा और सोचता रहा और आखिरकार एक विचार ने उस पर क्लिक कर दिया। उसने बीमार होने का नाटक करते हुए गुफा में लेटने का फैसला किया और फिर जो उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के लिए आएगा, वह उसका शिकार बन जाएगा। बूढ़े शेर ने अपनी दुष्ट योजना को अमल में लाया और काम करना शुरू कर दिया। उनके कई शुभचिंतक मारे गए। लेकिन बुराई के दिन कम ही होते हैं।
एक दिन, एक लोमड़ी बीमार शेर से मिलने आई। जैसा कि लोमड़ी स्वभाव से चतुर हैं, लोमड़ी गुफा के मुहाने पर खड़ी थी और उस लगा की कुछ तो गढ़बढ़ है। उसकी छठी इंद्री काम कर गई और उन्हें वास्तविकता का पता चल गया। तो, उसने बाहर से शेर को बुलाया और कहा, आप की तबियत कैसी है?
शेर ने जवाब दिया, “मैं बिल्कुल भी अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूँ। लेकिन तुम अंदर क्यों नहीं आ रही हो? ”
तब लोमड़ी ने जवाब दिया, मुझे अंदर आना पसंद है ! लेकिन मैंने गौर किया है कि, आपकी गुफा में अंदर जाने वालों के पैरों के निशान तो हैं पर कोई भी पैर का निशान बाहर नहीं आ रहा है,फिर भी मैं अंदर आ जाऊं इतनी मुर्ख भी नही हूं।
इतना कहकर लोमड़ी दूसरे जानवरों को सतर्क करने चली गई।
Moral of story: हमेशा अपनी आँखें खुली रखें और किसी भी स्थिति में चलने से पहले सचेत रहें।
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