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Arjun ….story in hindi for kids
द्रोणाचार्य ने कहा ” ऐसा कुछ नही है मैं सभी को समान ज्ञान देता हूँ अंतर केवल इतना है कि अर्जुन को सीखने की इच्छा तुम लोगो से ज्यादा है और वह इसके लिए मेहनत भी करता है इसलिए वो तुम सभी लोगों से जल्दी विद्यया सिख रहा है। फिर भी तुम लोगो को लगता है कि मैं कोई भेदभाव कर रहा हूँ तो कल मैं सिद्ध कर दूँगा की।अर्जुन अपनी बुद्धिमानी और मेहनत से सीखता है।”Arjun ….story in hindi for kids
यह कह कर द्रोणाचार्य ने कहा कल हम सब नदी नहाने चलेंगे वही अर्जुन की परीक्षा ली जायेगी। सभी ने यह बात स्वीकार कर ली। दूसरे दिन प्रातः काल द्रोणाचार्य ने सभी को बुलाया अर्जुन भी साथ में था और सभी से कहा ” आज तुम सब मेरे साथ नदी में स्नान करने के लिए चलो।” अर्जुन समेत सभी द्रोणाचार्य के साथ नदी के लिए चल दिए रस्ते में एक पीपल का पेड़ था। वहाँ पर जाकर द्रोणाचार्य ने अर्जुन से कहा ” अर्जुन मैं अपने वस्त्र आश्रम में भूल आया तुम शीघ्र जाकर मेरे वस्त्र लेकर आओ।”Arjun ….story in hindi for kids
अर्जुन , अपने गुरु की आज्ञा पाकर आश्रम की और चला जाता है। अब द्रोणाचार्य बाकि सभी से बोलते है “आज मैं तुम सभी को एक नई विद्या सिखाऊंगा जिससे तुम केवल एक तीर से उस पीपल सभी पत्तों में छेद कर सकते हो। द्रोणाचार्य ने सभी को एक मन्त्र बताया फिर उन्होंने अपने धनुष से एक तीर पीपल के पेड़ में मारा तो पेड़ के सभी पत्ते में एक -एक छेद हो गया। इसके बाद द्रोणाचार्य ने उस मन्त्र को वहीँ जमीन पर लिख दिया और सभी को लेकर नदी की और चल दिए।Arjun ….story in hindi for kids
अब यहाँ अर्जुन वस्त्र लेकर नदी की और लौट रहा था तो उसका ध्यान पीपल के पेड़ पर गया। उसने देखा कि पीपल के हर एक पत्ते पर एक छेद है जोकि कुछ देर पहले नही था। अर्जुन ने सोचा जरूर गुरुदेव ने आज नई विद्या सिखाई होगी। मैं उसको कैसे सीखू कैसे सीखू इस प्रकार अर्जुन उस पेड़ के चारों और गौर से देखने लगा । अचानक उसकी नजर जमीन पर लिखे मन्त्र पर पड़ी। अर्जुन ने पूरी श्रद्धा से उस मन्त्र का उच्चारण कर कर अपने धनुष से पीपल के पेड़ पर तीर चला दिया। ये क्या अभी पत्तों पर एक छेद था अब सभी पत्तों पर दो छेद हो गए। यह देखकर अर्जुन बहुत खुश हुआ और वस्त्र लेकर नदी पर पहुँच गया।story in hindi for kids
सभी ने स्नान किये फिर द्रोणाचार्य सभी को पेड़ के पास ले गए । पेड़ को देखकर सब को बहुत आश्चर्य हुआ की पत्तियों पर दूसरा छेद कैसे हुआ। द्रोणाचार्य ने सभी से पूछा कि ” यह किसने किया।”story in hindi for
तभी अर्जुन डरते हुए आगे आया और बोला ” गुरुदेव यह अपराध मैंने किया है मुझे लगा कि अपने यह विद्या सबको सीखा दी और अब मैं आप से यह विद्या सीखूंगा तो आपका समय नष्ट होगा इसलिए गुरुदेव मैंने यहाँ जमीन पर लिखे आपके मंत्र को बिना आपकी आज्ञा के उपयोग किया आप मुझे क्षमा कर दें।”story in hindi for
द्रोणाचार्य की आँखों में आँसू या गये और उन्होंने अर्जुन को गले लगा लिया और बाकि सब से बोले ” इसलिए अर्जुन मेरा प्रिय शिष्य है।” अब सभी को समझ आ गया था कि अर्जुन विधा सीखने के लिए उन सब से ज्यादा मेहनत करता है।story in hindi for
Moral of story -: हम ज्यादातर बहाने बनाते रहते हैं कि मैं इस कारण पढ़ाई नही कर पता , मेरे पास समय नही हैं , जिस दिन यह टॉपिक पढ़ाया उस दिन तो मैं आया ही नही था आदि । यदि सफलता पाना है तो नया सीखने की इच्छा और मेहनत अर्जुन की तरह करनी होगी। आज से बहाने बनाना छोड़ दो।story in hindi for kids
Arjun ….story in hindi for kids
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