दोस्तों आज हम In hindi story पर आपके कर लिए एक और motivational story लेकर आये हैं। यह कहानी आपको निश्चित रूप से प्रेरित करेगी।
राजा रोने लगा और बोलने लगा कि ” मेरी बेटी मुझ से छीन गई , मैं खा और पी भी नही सकता।” यह वरदान नही ये तो अभिशाप है ये यह सब मेरे लालच के कारण हुआ है।” उसी समय वह अजनबी फिर राजा के पास आता है और राजा से पूछता है कि ” क्या आप मेरे वरदान से खुश हैं? राजा ने रोते हुए कहा ” मैं इस वरदान के कारण दुनिया के सबसे अभागा व्यक्ति बन गया हूँ।” अजनबी ने कहा ” अब बताओ तुम्हे क्या चाहिए अपनी बेटी और भोजन या फिर सोना और सोने की बनी बेटी।” राजा मिदास ने गिड़गिड़ाकर कहा ” मुझे अपनी बेटी और पुराना जीवन ही चाहिए ये सोना और ये जीवन सब मेरे लिए मूल्यहीन हैं।” उस अजनबी ने अपना वरदान बापस ले लिया। राजा को अपनी बेटी बापस मिल गई और एक सबक भी जिसे वि जिंदगी भर नही भूल सका।
एक बच्चा पालतू जानवर की दुकान में एक पिल्ला खरीदने के लिए गया। वहाँ पर कई सारे पिल्ले बैठे हुए थे। हर एक पिल्ले की कीमत 50 डॉलर थी । एक पिल्ला सबसे अलग एक कोने में बैठा था। बच्चे ने उस पिल्ले की और इशारा करते हुए पूछा कि ” क्या ये पिल्ला बिकाऊ है और ये सबसे अलग क्यों बैठा है? दुकानदार ने जवाब दिया ” यह एक अपाहिज पिल्ला है ये बिकाऊ नही है।”
बच्चे ने फिर पूछा ” इस पिल्ले को क्या हुआ है और आप अब इसका क्या करोगे? दुकानदार ने कहा ” इस पिल्ले की एक पैर खराब हो गया है इस अब मौत की नींद सुला दिया जायेगा।” बच्चे ने पूछा की क्या वह अभी उस पिल्ले के साथ खेल सकता है । दुकानदार ने कहा ” हाँ तुम खेल सकते है।” बच्चे ने उस पिल्ले को अपनी गोद मे उठाया तो वह पिल्ला उस बच्चे को चाटने लगा। उस बच्चे ने निर्णय कर लिया की वह इस पिल्ले को खरीदेगा। पर दुकानदार ने कहा ” यह एक अपाहिज पिल्ला है ये बिकाऊ नही है।” पर वः छोटा बच्चा जिद करने लगा तो दुकानदार मन गया।
उस बच्चे ने दुकानदार को 2 डॉलर दिए बाकि 48 डॉलर लेने के लिए अपने घर की और दौड़ा अभी वह दुकान से बाहर ही निकलने वाला था कि दुकानदार ने चिल्लाकर पूछा ” मुझे समझ नही आ रहा की तुम इतने डॉलर में एक अच्छा पिल्ला खरीद सकते हो फिर भी इस अपाहिज पिल्ले को क्यों खरीदना चाहते हो।” लड़के ने कुछ जवाब नही दिया बस मुस्कुराया और अपनी पेंट को ऊंचा किया तो उसकी एक टांग में उसने ब्रेस पहन रखी थी उसका भी एक पैर ख़राब था। दुकानदार ने यह देखकर कहा ” मैं अब समझ गया कि तुम इस अपाहिज पिल्ले को ही क्यों खरीदना चाहते हो।”
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि आप किसी व्यक्ति की परेशानी को तभी अच्छे से समझ सकते हैं जब अब भी उसी परेशानी से गुजरें हों।
यह story in hindi with moral है जो एक शिक्षाप्रद कहानी है। एक किसान का अपने पड़ोसी से कुछ बात को लेकर झगड़ा हो जाता है। किसान अपने पड़ोसी को बहुत ज्यादा अपशब्द बोल देता है। कुछ समय बाद किसान को अहसास हुआ कि उसने अपने पडोसी के साथ बुरा व्यवहार किया है। इसका पश्चाताप करने के लिए वह एक पादरी के पास जाता है और पादरी से कहा ” मैंने अपने पड़ोसी को बहुत अपशब्द बोलें है मैं अपनी व्यवहार से दुखी हूँ और इसके लिए क्षमा मांगने आया हूँ। पादरी ने कहा ठीक है ” ये पंख लो और इन्हें शहर के बीचों बीच बिखेर का आजाओ।” किसान ने ऐसा ही किया कुछ समय पश्चात पादरी ने किसान को एक थैला देते हुए कहा ” जाओ और उन सारे पंखों को इस थैले में भर कर ले आओ।” किसान जब शहर के बीचों बीच पहुंचा तो सारे पंख यहाँ वहाँ उड़ चुके थे किसान ने उन्हें इकठ्ठा करने की बहुत कोशिश की पर वह नाकाम रहा । किसान खली थैला लेकर पादरी के पास पहुंचा और कहा ” मैंने बहुत कोशिश की फिर भी सारे पंखों को एकत्रित नही कर पाया।” पादरी ने कहा ” शब्द भी इन पंखों के समान ही होते हैं एक बार निकल गए तो दुबारा बापस नही आते इसलिए शब्दों को बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए।”
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि हमें अपने शब्दों का चयन बहुत सावधानी पूर्वक करना चाहिए। क्योंकि कोई आपके गलत बोले गये शब्दों के लिए आपको माफ़ तो कर सकता है । पर उन शब्दों को कभी नही भूल।सकता।
Comfort जोन से बाहर कैसे निकल ? Comfort zone के क्या नुकसान हैं? इस प्रकार के सभी सवालों का जवाब देती है यह moral story in hindi। एक बार एक साधु अपने शिष्य के साथ घूमने के लिए निकले। चलते चलते उन्हें एक जंगल में शाम हो गई। साधु महाराज ने अपने शिष्य से कहा कि ” वत्स शाम हो गई है आज की रात हमें इसी जंगल में गुजारनी होगी। जाकर देखो कहीं कोई आज रात गुजारने की जगह मिल जाये।” शिष्य अपने गुरु की आज्ञा पाकर आश्रय की तलाश करने लगा । तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी । शिष्य अपने गुरु को लेकर उस झोपडी में पँहुचा। दरवाजा खटखटाया तो एक व्यक्ति उस झोपडी से बहार आया। जैसे ही उसने देखा कि एक साधु महाराज उसके घर के सामने खड़े हैं। उसने शीघ्रता से साधु के चरण छूते हुए कहा ” आज तो मेरे भाग्य ही खुल गए जो आप मुझ गरीब के यहाँ पधारे।”
साधु ने उस व्यक्ति को आशीर्वाद देते हुए कहा ” बेटा क्या हमको आज रात गुजारने के लिए यहाँ थोड़ी सी जगह मिल सकती है। सुबह होते ही हम यहाँ से चले जायेंगे।” व्यक्ति ने प्रसन्न होकर कहा ” महाराज आप इसे अपना ही घर समझें।” उस व्यक्ति ने साधु महाराज का बहुत स्वागत किया अच्छा भोजन करवाया। साधु महाराज ने कहा ” बेटा मैं तुम्हारे इस अतिथि सत्कार से बहुत प्रसन्न हुआ।” साधु ने आगे कहा ” बेटा तुम इस वीरान जंगल में कैसे जीवन निर्वाह करते हो।” उस व्यक्ति ने कहा ” महाराज मेरे पास एक भैंस है बस उसके ही दूध से जीवन निर्वाह होता है। जो मेरे पास जमीन है उसमें भैंसे के लिए चारा उगाता हूँ। मैं और मेरा परिवार इससे बहुत खुश हूँ।” साधु ने कहा ठीक है अब हम आराम करते है तुम भी सो जाओ। जब वह व्यक्ति और उसका पूरा परिवार गहन निंद्रा मे सो गया तो साधु ने अपने शिष्य से कहा चलो अब यहाँ से चलते हैं। एक काम करो ये जो जड़ी मैं तुम को देता हूँ । उसे तुम भैंस को खिला दो शिष्य ने वैसा ही किया जड़ी बूटी भैंस को खिला दी।
जब वो लोग जंगल से बाहर निकले तो शिष्य ने साधु से पूछा कि आखिर वो जड़ी बूटी किस कार्य के लिए थी और भैंस को क्यों खिलाई? साधु ने कहा ” वह जड़ी जहर का कार्य करती है। उसको खा कर भैंस मर जायेगी।” यह सुनकर शिष्य गुस्सा करते हुए अपने गुरु से बोला ” उसने हमारा इतना सत्कार किया और अपने उसकी आजीविका उस भैंस को मार दिया। आप बहुत ही निर्दयी हो।” साधु ने कुछ जवाब नही दिया।
बहुत वर्ष बीत गए एक दिन साधु ने अपने उसी शिष्य से कहा “चला आज हम उस व्यक्ति के पास चलते हैं । जिसकी भैंस को हमने मार दिया था।” शिष्य ने जवाब दिया ” हमने उसकी आजीविका को खत्म कर दिया था। मेरे हिसाब से शायद अब वो जीवित भी नही होगा।” फिर भी चलकर देखते हैं कि उसका क्या हुआ। जब साधु और उसका शिष्य उसी जगह पर पहुँचते हैं तो देखते हैं कि अब झोपडी की जगह ये बहुत ही सुंदर घर बना हुआ था चारों तरफ फसल लहरा रही थी। जब इन दोनों ने दरवाजा घटघटाया तो वही व्यक्ति बाहर निकाल उसने साधु को देखते ही उनके चरणों में गिर गया। शिष्य को बहुत आश्चर्य हो रहा था उसने पूछा ” पहले ये बताओ कि तुमने इतनी तरक्की कैसें कर ली।” उस व्यक्ति ने कहा ” ये तो सब इन साधु महाराज की कृपा है । जिस दिन आप हमारे घर से गये थे उसी दिन हमारी भैंस मर गई। हमारे पास जीविका का कोई साधन नही था इसलिए हमने हमारे खेतों को साफ कर उनमें फसल बोना शुरू कर दिया। और उससे बहुत आमदनी हुई।” शिष्य को अभी भी कुछ समझ नही आ रहा था।
साधु ने अपने शिष्य को असमंजस में पड़े देख कहा मैं समझाता हूँ ” यदि इस व्यक्ति की भैंस न मरी होती तो यह अब भी उस भैंस को ही चरा रहा होता। और इसके खेतों में फसल की जगह चारा होता। यह अपनी भैंस के अलावा कुछ नही सोचता था वह भैंसे ही इसकी प्रगति में बाधक थी। इसलिए हमने उस भैंस को मार दिया। जिसके परिणाम तुम देख ही रहे हो।”
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि आपके जीवन में comfort zone ही वह भैंस है जो तुम्हें आगे बढ़ने से रोक रही है। यदि जीवन में कुछ अलग कर के दिखाना है तो comfort zone रूपी इस भैंस को मारना ही होगा।
रामू एक बढ़ई था। वह एक गाँव में रह रहा था। उनकी मां का काफी समय पहले देहांत हो चुका है। उसके वृद्ध पिता, धर्मपाल, रामू के साथ रहते थे। धर्मपाल बहुत कमजोर थे। वह ठीक से चल भी नहीं सकते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि रामू उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं देता था। रामू ने अपने पिता को एक छोटी सी मिट्टी की थाली दी थी। थाली में थोड़ी मात्रा में चावल भी ज्यादा दिखाई देता था। रामू एक बुरा आदमी था। वह एक शराबी भी था। ड्रिंक्स लेने के बाद वह अपने पिता को बुरी तरह से गाली देता ।
एक चरवाहा लड़का अपने मालिक की भेड़ों को गांव से बहुत दूर एक घने जंगल में चराने के लिया ले जाता था। जल्द हि वह इस कार्य से बोर होने लगा। वह समय पास करने के लिए अपने कुत्ते से बात करता या फिर कोई खेल खेलने लगता था।
एक दिन जब वह भेड़ों को और घने जंगल में ले गया। वह सोचने लगा कि वह अब क्या करेगा। तो उसने सोचा यदि अभी एक भेड़िया आ जाये तो क्या होगा, यह एक अच्छी योजना थी। उसके मालिक ने उससे कहा था कि जब भेड़िया झुंड पर हमला करे तो मदद मांगनी चाहिए, और ग्रामीणों को बुला लेना चाहिए। तो अब, हालांकि उसने कुछ भी नहीं देखा था फिर भी, वह जोर से चिल्लाते हुए गाँव की ओर भागा, “भेड़िया! भेड़िया!”
जैसा कि उसने उम्मीद की थी, उसके चिल्लाने और रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने अपना काम छोड़ दिया और वो जंगल की ओर दौड़े। लेकिन जब वे वहां पहुंचे तो उन्होंने पाया कि लड़के ने उन के साथ एक गन्दा मज़ाक किया, वह लड़का ग्रामीणों के ऊपर खूब हँसा। कुछ दिनों बाद फिर वह चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” फिर से ग्रामीण उसकी मदद करने के लिए दौड़े, इस बार फिर से उस लड़के ने ग्रामीणों का मज़ाक उड़ाया।
फिर एक शाम जब सूरज जंगल के पीछे से छिप रहा था और चरागाह पर छाया पड़ रही थी, एक भेड़िया ने वास्तव में भेड़ों पर आक्रमण कर दिया।
दहशत में लड़का “भेड़िया आया चिल्लाता हुआ गाँव की ओर भागा! भेड़िया!” हालांकि ग्रामीणों ने उसका रोना सुना, पर वे उस की मदद करने के लिए नहीं आये, उन्होंने सोचा की। “यह लड़का फिर से हमें बेवकूफ बना रहा है,”
उस लड़के की कई भेड़ों को उस भेड़िया ने मार डाला और फिर जंगल की ओर में चला गया। अब उस लड़के को अपनी गलती पर पछतावा हुआ।
Moral of story: अगर आप झूठ बोलते रहे , तो आप अपनी विश्वसनीयता खो दोगे कोई भी फिर आपके सच बोलने पर भी विश्वास नहीं करेगा। इसलिए हमेशा सत्य बोलो।
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आज हम आपके लिए एक और motivational story in hindi लेकर है। अक्सर लोग हमसे बोलते हैं कि ” तुम जीवन में कुछ नही कर सकते ” क्या वो सच बोलते है? इस सवाल का जबाव देती है आज की story in hindi।
“तुम जीवन में कुछ भी बड़ा नहीं कर सकते ”, वरिष्ठ प्रबंधक ने चिल्लाकर उसे निकाल दिया।MBA करने के बाद यह उसका पहला जॉब था। आशा और आकांक्षा के साथ वह एक प्रतिभाशाली युवक था।
सपने आसमान में थे, लेकिन वास्तविकता इस क्रूर दुनिया की कड़वी है।
अपनी पहली नौकरी खोने के बाद वह घबरा गया था; अभी भी, आत्मविश्वास चरम पर था।
उसने दूसरी नौकरी के लिए आवेदन किया।
प्रबंधक, “उन्होंने आपको क्यों निकाल दिया?”
उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। प्रबंधक ने उन्हें नौकरी के लिए अस्वीकार कर दिया।
इस बार उसे अधिक घबराहट हुई, लेकिन आशा अभी भी जीवित थी।
फिर, अंतहीन उत्साह के साथ, उसने नई नौकरी के लिए आवेदन किया।
“ठीक है, हम आपको जॉब देना चाहते हैं, लेकिन वेतन प्रति माह 10000 होगा।” कुंद स्वर के साथ प्रबंधक।
उसके पास ज्वाइन करने के अलावा कोई चारा नहीं था।
उसने पूरे जोश के साथ वहां काम करना शुरू किया। उसने सभी अवसरों को पाने के लिए वहां कड़ी मेहनत की। उसका काम प्रमोशन पाने के लिए काफी अच्छा था लेकिन ऑफिस की राजनीति के कारण उसे ऐसा नहीं मिला।
वह मामूली परिवार से था। बूढ़े माता-पिता, अविवाहित युवा बहन और अधूरे सपनों के साथ एक भाई उसकी संपत्ति थे।
उसका दुनिया पर राज करने का सपना था। उसका माता-पिता के जीवन में स्वास्थ्य, धन और खुशियों की रोशनी लाने का सपना था।
जीवन एक पल में कैसे बदल सकता है। यह कोई नही जनता है।
एक दिन, वह पगडंडी से चल रहा था;
“मैडम के लिए ये फूल ले जाइए, सर”, उसने देखा, छोटी लड़की उससे पूछ रही थी, सपने के साथ उन गुलाबों को बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करने का।
“तुम यहाँ ये गुलाब क्यों बेचते हो?”, उसने लड़की से पूछा।
“मुझे अपने परिवार का भरण पोषण करना है। भूख हमारे लिए एक दुश्मन है, उस क्रूर दुश्मन से लड़ने के लिए, मुझे यहां गुलाब बेचना है। ”, उसने जवाब दिया।
सहानुभूति के साथ उसकी आँखों से आँसू आ गए।
उसने अदृश्य दुश्मन-द हंगर से लड़ने के लिए उस छोटी सी योद्धा लड़की से मुट्ठी भर गुलाब खरीदे।
अंधेरी रात में घड़ी बहुत तेजी से टिक रही थी। वह अपने बिस्तर पर हाथ में गुलाब लेकर बैठा था। विचार लगातार उसके दिमाग में बह रहे थे।
अचानक, उसने सशक्त विचारों में से एक विचार को पकड़ लिया।
“मैं अनपढ़ लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकता हूं”, उसने खुद से पूछा। उसे जबाव पता था।
उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया; उसके सभी सहयोगियों के लिए अप्रत्याशित कदम था।
उसने उस छोटी लड़की को खोजना शुरू किया, जिसने उसे जीवन का सबक सिखाया। वह शहर की बस्ती में खड़ा था; उसने उस छोटी लड़की को देखा, जो उसके सामने खड़ी थी।
“क्या आप मुझसे अधिक गुलाब चाहते हैं, सर?” उस खूबसूरत छोटी लड़की ने उसे मुस्कुराहट और आशा के साथ काम करने के लिए कहा।
“नहीं, लेकिन मेरे पास आपके लिए कुछ और है।”, उसने जवाब दिया।
“वह क्या है”, लड़की
“मैं तुम्हारे दुश्मन से लड़ना चाहता हूं।”, उसने अधीर होकर कहा।
उसने हर जगह से संसाधनों को इकट्ठा किया, वह संभवतः जो कर सकता था। फिर, उसने एनजीओ को भूख और ज़रूरतमंद लोगों को खिलाने के लिए शुरू किया।
उनके जीवन का उद्देश्य सरल था “भुखमरी को नष्ट करें”। उन्होंने अपने करियर और जीवन को महान उद्देश्य के लिए समर्पित किया।
जल्द ही, वह अनपढ़ लोगों के सामाजिक सशक्तीकरण का चेहरा था। उसने “हृदयहीन दुश्मन” को गिराने के लिए ज़रूरतमंद लोगों की मदद करके अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा किया।
उसने ऐसा करके अपार संतुष्टि और संतुष्टि हासिल की।
वह अपने दोस्तों के साथ वहां मुख्य अतिथि था;
उसके सभी दोस्त सड़कों, फुटपाथों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप से एकत्र हुए थे।
उनका स्वागत करने के लिए सबसे मूल्यवान कंपनी के सीईओ थे। सीईओ ने उनका स्वागत किया और उन्हें गुलदस्ता दिया।
“क्या आपने मुझे पहचाना?” उसने सीईओ से पूछा।
“हाँ सर, आज सारी दुनिया आपको मानवता की सेवा के लिए जानती है। आप महान इंसान हैं ”सीईओ ने जवाब दिया।
लेकिन, मैं आपको याद दिलाने के लिए जानता हूं, कि मैं वही इंसान हूँ जिससे आपने कहा था कि”तुम जीवन में कुछ भी बड़ा नहीं कर सकते।”
यह कहकर वह गर्व और आंतरिक संतुष्टि के साथ मंच की ओर बड़ा।
सीईओ अब भी सदमे में थे।
“कभी भी किसी भी व्यक्ति की असीमित शक्ति को कम मत समझो।”
Moral of story:
भूख जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन है। यदि आप भूख को नष्ट करने के लिए थोड़ी मात्रा में धन या समय का योगदान कर सकते हैं, तो ऐसा करने में संकोच न करें।
कभी किसी को न बताएं कि: “वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता है”।
जीवन में विकास की असीमित क्षमता हर किसी के पास होती है। लोगों के जीवन में अंतर लाने की कोशिश करें और दुनिया आपको एक नेता के रूप में पहचान देगी।
आपसे एक अपील।
यदि आपको लगता है, आपको समाज में योगदान देना चाहिए, तो अपने साथियों के साथ इस तरह की शक्तिशाली, प्रेरक और प्रेरक छोटी कहानियों को साझा करके अपने चारों ओर सकारात्मकता फैलाने का प्रयास करें।धन्यवाद!
एक बार एक जवान लड़का था। वह बहुत आलसी और काम और प्रगति के प्रति उदासीन था। उसकी मानसिकता जीवन के प्रति नकारात्मक थी। वह अपने जीवन से बहुत दुखी था।
एक दिन कोई उसे महान दार्शनिक सुकरात से कुछ शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहता है।
तब वह युवा लड़का सुकरात के पास पहुँचा और उसने सुकरात से पूछा कि उसे ज्ञान, समृद्धि और सफलता कैसे मिल सकती है।
सुकरात ने उसे उत्तर दिया, “क्या तुम वास्तव में यह चाहते हो और क्या तुम उसके लिए स्वयं को समर्पित करने के लिए तैयार हो?”
युवा लड़के ने कहा, “मैं अपने जीवन में सफल होना चाहता हूं और उसके लिए कुछ भी कर सकता हूं।”
सुकरात ने उससे कहा, “ठीक है, तुम्हें अगले दिन मेरे पास आना होगा।
अगले दिन, सुकरात उस लड़के को एक नदी में ले गये, और उसे आदेश दिया,
“तुम मेरे साथ गहरे पानी में चलो”।
लड़के ने सुकरात के आदेश का पालन किया।
फिर अचानक सुकरात ने अपनी पूरी ताकत के साथ लड़के के सिर को पानी के नीचे धकेल दिया और उसे वहां रखा, जब तक कि लड़का सांस लेने के लिए बुरी तरह से हांफने न लगा, उस लड़के ने बहुत जोर लगाया और अपना सिर छुड़ा लिया।
पर कुछ ही देर में लड़का कुछ समय के लिए बेहोश हो गया।
जब लड़के को वापस होश आया तो सुकरात ने उससे पूछा, “जब आप पानी के नीचे थे, तो तुमने सबसे ज्यादा किस चीज की इच्छा की थी?”
“मैं प्रबल इच्छा थी की में किसी भी तरह साँस के लिया हवा लूँ”, लड़के ने कहा।
सुकरात ने उससे कहा, “जब तुम ज्ञान और सफलता को उतना ही चाहते हैं जितना कि आप पानी में डूबे होने पर हवा चाहते हैं, तो आप निश्यचित ही सफलता प्राप्त करेंगे”।
सुकरात के इस प्रकार समझाने पर उस लड़के को यह अच्छी तरह समझ में आ गया कि प्रबल इच्छा ही जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण कुंजी है।
यदि आप जीवन में कुछ महान प्राप्त करना चाहते हैं, तो उस विशेष चीज के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और जुनून का निर्माण करें। प्रबल इच्छा और शक्तिशाली विश्वास, असंभव को संभव में बदल देते हैं।
यदि आपको सफलता का रहस्य story in hindi
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एक दर्शनशास्त्री अपनी कक्षा के सामने टेबल पर कुछ वस्तुओं के साथ खड़ा था। जब कक्षा शुरू हुई, तो उन्होंने एक बहुत बड़ी और खाली जार ( पानी का बर्तन) उठाया और इसे छोटे छोटे पत्थरों से भर दिया ।
उन्होंने तब छात्रों से पूछा कि क्या जार भरा हुआ है। सभी छत्रों ने कहा हाँ ” ये भरा हुआ है।
तो प्रोफेसर ने बहुत छोटे कंकड़ का एक डिब्बा उठाया और उन्हें जार में डाल दिया। उसने जार को हलके से हिलाया। कंकड़, बेशक, छोटे पत्थरों के बीच के गैप में सेट हो गए ।
उन्होंने तब छात्रों से फिर पूछा कि क्या जार भरा हुआ है। वे सहमत थे कि जार भर गया है।
प्रोफेसर ने रेत का एक डिब्बा उठाया और जार में डाल दिया। बेशक, रेत ने जार के शेष खुले क्षेत्रों को भर दिया।
उन्होंने तब एक बार फिर पूछा कि क्या जार भरा हुआ है। छात्रों ने एकमत से जवाब दिया “हाँ।”
“अब,” प्रोफेसर ने कहा, “मैं चाहता हूं कि आप यह पहचानें कि यह जार आपके जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। पत्थर के टुकड़े वो महत्वपूर्ण चीजें हैं – आपका परिवार, आपका साथी, आपका स्वास्थ्य, आपके बच्चे – ऐसी चीजें जो अगर बाकी सब कुछ खो गईं और केवल वे बनी रहीं, तो आपका जीवन अभी भी भरा रहेगा। कंकड़ अन्य चीजें हैं जो मायने रखती हैं – जैसे आपकी नौकरी, आपका घर, आपकी कार। रेत बाकी सब कुछ है, छोटा सामान। ”
“अगर आप रेत को पहले जार में डालते हैं,” उन्होंने जारी रखा, “कंकड़ या चट्टानों के लिए कोई जगह नहीं है। वही तुम्हारे जीवन के लिए जाता है। यदि आप अपना सारा समय और ऊर्जा छोटे सामान पर खर्च करते हैं, तो आपके पास कभी भी उन चीजों के लिए जगह नहीं होगी जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। उन चीजों पर ध्यान दें जो आपकी खुशी के लिए महत्वपूर्ण हैं। अपने बच्चों के साथ खेलें। अपने साथी समय बिताएं । ”
“पहले चट्टानों का ध्यान रखो – जो चीजें वास्तव में मायने रखती हैं। अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित करें। बाकी सिर्फ रेत है। ”
सोचें कि यह एक आप एक उल्लेखनीय, उपयोगी और चमत्कारी चीज है ! पृथ्वी पर आने और जाने वाले सभी लोगों में से, समय की शुरुआत से, उनमें से कोई भी आप जैसा नहीं है!
कोई भी आप जैसा जो नहीं रहा है न कभी आने वाला है, आपकी क्षमताओं, प्रतिभा, उपस्थिति, दोस्तों, परिचितों, बोझ, दुख और अवसरों का संयोजन सब यूनिक है।
किसी के बाल ठीक वैसे ही नहीं बढ़ते हैं जैसे आप के हैं। किसी का भी फिंगर प्रिंट आपके जैसा नहीं है। चुटकुले और पारिवारिक अभिव्यक्तियों के अंदर किसी के पास रहस्य का समान संयोजन नहीं है जो आप जानते हैं।
कुछ ही लोग जो आपकी हर बात पर हंसते हैं, वे आपके काम करने के तरीके को नहीं छीन सकते हैं। जैसा आप सोचते हैं चिंताओं के बारे में कोई भी अन्य नहीं सोच सकता है।
न पहले कोई, न कोई आने वाला। आप पूरी तरह से अद्वितीय हैं!
इस विशिष्टता का आनंद लें। किसी और की तरह दिखने के लिए आपको दिखावा करने की ज़रूरत नहीं है। आप किसी और के समान नहीं हैं। आपको अपने उन हिस्सों को छुपाने के लिए झूठ बोलने की ज़रूरत नहीं है जो किसी और में नहीं दिखते हैं।
आप अलग होने के लिए हैं। अब तक के इतिहास में कभी भी किसी के दिमाग, आत्मा और आत्मा में वैसी ही बातें नहीं होंगी जैसी अभी आपके भीतर चल रही हैं।
आप का जन्म किसी महान कार्य के लिए हुआ है ।जिसे केवल आप को ही करना है । आप के अलावा उसे कोई नही कर सकता क्योंकि आप यूनिक हो।
आप विशिष्टता का खजाना हैं। यह केवल आपको दिया गया एक उपहार है। इसका आनंद लें और इसे साझा करें!
कोई भी दूसरों तक उसी तरह से नहीं पहुंच सकता है जिस तरह से आप कर सकते हैं। आपकी बात कोई नहीं बोल सकता। कोई भी आपका मतलब नहीं बता सकता है। आपके आराम से कोई आराम नहीं कर सकता। कोई भी व्यक्ति आपकी समझ को दूसरे व्यक्ति तक नहीं ला सकता है।
कोई भी आपके जैसा हंसमुख और खुशमिजाज नहीं हो सकता। आपकी मुस्कुराहट पर कोई भी फिदा हो सकता है। कोई और आपके लिए पूरे अनोखे प्रभाव को दूसरे इंसान तक नहीं पहुंचा सकता।
आप अपनी इस विशिष्टता को दूसरों से साझा करें। इसे अपने परिवार और दोस्तों और उन लोगों के बीच प्रवाहित करने के लिए स्वतंत्र होने दें, जहां आप कहीं भी हों, वहां रहने की हड़बड़ी और अव्यवस्था में मिलते हैं। यूनिकता का यह उपहार आपको आनंद और साझा करने के लिए दिया गया है। अपने आप को इससे दूर न रखें!
इसे देखें! इसे प्राप्त करें ! इसे आप गुदगुदी करने दें! इसे आप को सूचित करने और आप को प्रेरित करने दो! आप अलग हैं!
आप यूनिक हैं। आपके जैसा इस संसार में कोई और नही!
Moral:- भगवान ने आपको जो unique होने का गिफ्ट दिया है उस किसी और के जैसे बनने में बर्वाद न करें।
हाल ही में रवि
का एक कार एक्सीडेंट हुआ था। इसलिए उसने मरम्मत कार्य को करने के लिए अपनी कार को गैरेज में दे दिया। चूंकि उसे रोज़ाना नौकरी पर जाना था, इसलिए उसने तय किया कि जब तक कार तैयार नहीं हो जाती, तब तक वह मेट्रो ट्रेन से यात्रा करेंगे। एक दिन, उसने रात में ट्रेन स्टेशन पर एक गरीब आदमी को देखा। उसे उस पर दया आ गई, इसलिए उसने उसे अपनी जेब से कुछ रुपए निकाल कर उसको दे दिये।
उस आदमी ने इसके लिए उसे धन्यवाद दिया। अगले दिन फिर, उसने उसी जगह पर उस गरीब आदमी को देखा। इस बार हालांकि रवि ने उसे कुछ खाने के लिए दिया, इसलिए वह स्टेशन के बाहर गया और उसे भोजन करवाया। उस गरीब आदमी ने उसकी दया के लिए धन्यवाद दिया। लेकिन रवि उत्सुक हो गया और उससे पूछा, “आप इस स्थिति में कैसे पहुंचे?”
उस आदमी ने रवि को देखा और एक मुस्कुराहट के साथ, उसने कहा, “दूसरों की हेल्प करने से।” रवि को यह समझ में नहीं आया, इसलिए उसने उससे पूछा, “तुम्हारा क्या मतलब है?” उस आदमी ने जवाब दिया कि “मेरे पूरे जीवन के दौरान, मैंने यह सुनिश्चित किया कि हर कोई खुश रहे। कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे जीवन में क्या सही या गलत हो रहा था, मैंने हमेशा सभी की मदद की। ”
रवि ने उससे पूछा, “क्या आपको इसका अफसोस है?” जिस पर उस आदमी ने जवाब दिया, “नहीं, यह सिर्फ मेरी आत्मा को चोट पहुँचाता है कि जिन लोगों को मैंने अपनी कमीज़ दी थी, वे मुझे उसी शर्ट की एक आस्तीन नहीं देंगे जब मुझे ज़रूरत थी। बेटे, अपना घर बनाने और किसी को शरण देने के लिए आमंत्रित करने से बेहतर है कि तुम अपना ईंट-पत्थर उसे सौंप दो जबकि तुम उसका निर्माण कर रहे हो। एक दिन आप देखेंगे कि जहां आपने अपना घर बनाने की योजना बनाई थी। यहां एक खाली प्लॉट होगा। और वो ईंटे भी गायब हो चुकी होंगी जो अपने दूसरों को वो घर बनाने के लिए दी थी। ”
रवि समझ गया कि गरीब आदमी का क्या मतलब है और अच्छी सलाह के लिए उसे धन्यवाद दिया।
Moral: दूसरों की मदद करना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन कभी-कभी, जब हम दूसरों की मदद कर रहे होते हैं, हम अपनी समस्याओं और जरूरतों को भूल जाते हैं।
आप खुद को कमजोर स्थिति में लाने के बजाय मजबूत स्थिति में रहकर बहुत कुछ कर सकते हैं।
एक किसान अपने खेत से एक सर्द सुबह अपने घर की और जा रहा था । उसने देखा की जमीन पर एक साँप पड़ा है,वह अधिक ठंड के कारण मरने वाला है । किसान जानता था कि साँप कितना घातक हो सकता है, और फिर भी उसने उसे उठाया और उसे वापस जीवन के लिए उसे गर्माहट देने के लिए अपनी छाती से चिपका लिया।
सांप जल्द ही पुनर्जीवित हो गया, और जब उसके पास पर्याप्त ताकत आ गई, तो उस सांप ने उसी आदमी को काट दिया जिसने उसकी जिंदगी बचाई थी। साँप काफी विषैला था और किसान को लगा कि उसे अब मरना होगा। जैसे ही उसने अपनी आखिरी सांस ली, उसने आसपास खड़े लोगों से कहा, “मेरी इस दशा से सीखो कि एक बदमाश पर कभी भी दया न करें”।
Moral: कुछ ऐसे होते हैं जो अपने स्वभाव को कभी नहीं बदलते हैं, फिर चाहे हम उनके साथ कितना भी अच्छा व्यवहार करें। हमेशा सतर्क रहें और उन लोगों से दूरी बनाए रखें जो केवल अपने फायदे के बारे में सोचते हैं और उसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।