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best motivational story in hindi

सोच best motivational story in hindi

Hi दोस्तों स्वागत है आपका inhindistory.कॉम पर सोच एक best motivational story in hindi जो 
आपके जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। आज जो भी सक्सेस व्यक्ति हैं उसका एक मात्र कारण उनकी सोच है जो उनको अन्य व्यक्ति से अलग बनाती है। ज्यादातर लोग बढ़ा सोचते ही नही तो आप ही बताओ वो बढ़ा कैसे बन सकते हैं । यदि मुझे तैरना सीखना है तो पहले यह एक विचार मन में आना जरुरी है कि मुझे तैरना सीखना है। जब एक बार हमने सोच लिया की तैरना है तो बाकी चीजें अपने आप हमारे दिमाग में आती जाती हैं जैसे की तैरना सीखना है तो हम किसी तैरने वाले से पूछते हैं कि भाई तुम ने तैरना कैसे सीखा फिर वह अपने अनुभव बताता है और साथ ही कई सारी टिप्स भी देता है। हम उनको follow करते हुए धीरे धीरे practice करते हैं और एक दिन सीख़ जाते हैं । पर हम ध्यान दें कि हम सीखे कैसे तो आपको पता चलेगा कि अपनी सोच की वजह से अब मैं आपका ज्यादा time न लेते हुए start करता हूँ
 सोच best motivational story in hindi:-
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आज रामपुर स्कूल में कभी हलचल थी । कोई कुर्सियों को अच्छी तरह व्यवस्थित कर रहा था तो कोई माइक को चेक कर रहा था। कुछ छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे तो सभी शिक्षक भी काफी  व्यस्त लग रहे थे । क्योंकि आज जिला के कलेक्टर साहब स्कूल में आने वाले थे खास बात यह थी की collector साहब इसी स्कूल के पूर्व छात्र थे ।कुछ ही देर में collector साहब की गाड़ी स्कूल में प्रवेश करती है । अपनी कार की खिड़की खोलकर कलेक्टर साहब ने बाहर देखा और सोचने लगे की स्कूल कुछ खास नही बदला है आज भी वो नीम का पेड़ गेट के पास ही है जिसकी छाँव में वो और उनके दोस्त लांच करते थे। बाकि सभी school के छात्र क्लास रूम में ही खाना खाते थे पर collector साहब और उनके दोस्त उस पेड के नीचे ही खाना खाते थे ।  इन ख्यालों में खोए हुए थे की उनकी नजर चपरासी रघु पर पड़ी । रघु के चेहरे पर कुछ झुर्रियां आ गई थी जो बता रही थी की समय कितना कुछ बदल देता है । कलेक्टर साहब को आज भी याद है जब कभी वो late है जाते थे । तो teacher से ज्यादा उनको raghu से डाँट खानी पड़ती थी । अब कार रुक गई और कलेक्टर साहब कार से उतरे ही थे की सामने शर्माजी अभिवादन करते हुए दिखे कलेक्टर साहब ने भी मुस्कुरा कर अभिवादन किया । शर्माजी math के टीचर थे और बहुत ही गुस्सेल स्वभाव वाले। स्कूल के दिनों में सभी छात्र के साथ साथ कलेक्टर साहब भी शर्माजी से बहुत डरते है । शर्माजी ने कलेक्टर साहब का स्वागत किया । और उन्हें मंच पर पर आने के लिए बोला । जैसे ही कलेक्टर साहब मंच पर पहुँचे तो चारों तरफ तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी । उन्होंने माइक संभाला और बोलना प्रारम्भ किया
” आज मैं आप सभी को मेरे बारे में बताना चाहता हूँ  क्योंकि मुझे पता है कि यहाँ उपस्थित ज्यादातर छात्र यही जानना चाहते हैं कि मैंने अपने जीवन में इतनी सफलता कैसे प्राप्त की ऐसा क्या है मेरे अंदर जो भीड़ से हटकर अपना एक नया मुकाम हासिल किया। आपको लगता होगा की मैं कोई बहुत ही टैलेंटेड व्यक्ति हूँ। शायद पड़ने में बहुत ज्यादा होशियार । पर ऐसा बिल्कुल भी नही है जब मैंने 10th स्टैण्डर्ड पास किया तो मेरे इतने कम नंबर आये की मेरे घरवालों और दोस्तों ने बोला तेरा कुछ नही हो सकता । तू 12th में साइंस विषय नही ले सकता क्योंकि तेरे नंबर कम है और वो बहुत ही कठिन विषय है। आमतौर पर हमारे यहाँ ये धारण बन गई है कि जिसके 10th में ज्यादा नंबर वो ही साइंस विषय ले सकता है । और जिसके कम उसके लिए एक ही ऑप्शन है art विषय तो मुझे भी art विषय लेना पड़ा मुझे लगने लगा था कि पढ़ना लिखना मेरी बस की बात नही है ।  बस जैसे तैसे स्कूल की पढ़ाई हो जाये तो अपने घर पर ही कुछ छोटा मोटा कोई काम करलू । मैं class में भी रोज नही जाता था और जाता था भी तो बस यहाँ से कैसे भागु बस यही सोचता था । पढ़ाई मेरे लिए एक बोझ हो गई थी। जिससे मैं जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता था। जब हम किसी भी विषय के बारे में सोच बना लेते हैं की वह बुरी है तो हजार कारण मिल जाते हैं जो सिद्ध करते हैं कि वो चीज बुरी है। वैसे ही जब हम किसी विषय के बारे में सोच लेते हैं कि ये अच्छा है तो भी हजारों कारण मिल जाते हैं जो सिद्ध करते हैं कि वो चीज अच्छी है। खैर मेरी जिंदगी ऐसी ही चल रही थी मेरे परिवार, रिश्तेदारों , दोस्तों और खुद मुझको भी मुझ से कोई उम्मीद नही थी। फिर एक दिन जब मै स्कूल पहूँचा तो देखा की मेरी क्लास में एक नए सर पढ़ा रहे थे । मैं क्लास रूम के अंदर गया तो सर ने मुस्कुराकर पूछा इतने लेट क्यों आ रहे हो । मैंने भी जबाब दिया जल्दी आकार भी क्या कर लूँगा सर , सर ने बोला बहुत कुछ कर सकते हो अगर तुम चाहो तो , मैंने बोला सर अगर कुछ कर सकता तो art विषय क्यों लेता । सर ने फिर मुस्कुराकर बोला अच्छा तुमको लगता है कि जो art विषय लेता है वो कुछ नही कर सकता । मैं ने बोला हाँ सर सभी यही बोलते हैं। सर ने फिर मुस्कुराते हुए बोला अच्छा तो जो सभी बोलते हैं  इसलिए तुमको ऐसा लगता है , देखो लोग तो न्यूट्रॉन को भी बोलते थे की वो पागल है, एडिसन जिन्होंने बल्ब की खोज की उनको भी बोलते थे की कुछ नही हो सकता , पर बेटा उनकी सोच अलग थी , उन्होंने लोगो की बात नही मानी इसलिए आज हम जानते है कि वो सही थे और लोग गलत, हमें अपनी सोच पर चलना चाहिए न की दुनिया की सोच पर हर सब्जेक्ट हर इंसान खास होता है। बस हमे बड़ा से बड़ा सोचना चाहिए ऐसे लोगो से  इतिहास भरा पड़ा है जिन्होंने कम अंक लाकर भी बाद में बहुत बड़े बड़े कार्य किये । तुम भी कर सकते हो तुम में क्या कम है बताओ तो अपने परिवार को रिस्तेदारों को, दोस्तों को और स्वयं तुम को भी की तुम किसी से कम नही। बस आज से अपनी सोच बड़ी कर लो फिर देखो कैसे लोग तुम्हारी इज्जत करते हैं । जब तक तुम खुद अपनी इज्जत नही करोगे तो दूसरे क्यों करेंगे । बस एक बात मान लो आज ही ऐसी पल से अपनी सोच बड़ी कर लो फिर देखो चमत्कार । सर ऐसा कहते हुए मुस्कुरा रहे थे और मैंने उसी समय सोच लिया की मैं अपने जिले का कलेक्टर बनूगा”
इस तरह मेरी सोच बदली और मैं आज किस मुकाम पर हूँ । वो तो आप सब जानते ही हैं। मैं आप सब से यही कहना चाहता हूँ की लाइफ में कुछ बड़ा करना है । यो अपनी सोच बड़ी करो । इतना कहकर कलेक्टर साहब ने अपनी स्पीच ख़त्म की आज स्कूल के सभी छात्रों को सफलता का एक नया मन्त्र मिल गया था । जो उनके चेहरे पर मुस्कान के रूप में झलक रहा । शर्मा सर भी ताली बजा रहे थे । आज उन होने भी बहुत बड़ी बात सीखी थी।

Moral of story :- हम लाइफ में कुछ बड़ा करना है । तो हमारी सोच भी बड़ी होनी चाहिए। 
                              Write by Gaurav rajput

यदि आपके पास भी कोई motivational story हो तो आप हमको [email protected] पर भेज सकते हैं। 
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जीत आपकी होगी / jeet apki hogi hindi story

 

जीत आपकी होगी

Hi दोस्तों पहले तो आप सभी का धन्यवाद देना चाहता हूँ क्योंकि आपके सभी के प्यार के कारण www.inhindistory.com ने बहुत ही कम समय मे काफी अच्छी growth की है।

अब ज्यादा time न लेते हुए आज के टॉपिक पर आता हूँ दोस्तों  यदि सच्ची लगन हो   और उसके लिये कड़ी मेहनत की जाये तो जीत आपकी होगी कितनी भी मुश्किलें आयें फिर भी आप मैदान नही छोड़ते तो यकीन मानिए जीत आपकी ही होगी हालात बदसे बदतर हो जाएं सभी कहने लगे की तुझ से नही हो पायेगा तुमको भी लगने लगे की ये नही हो पायेगा फिर भी यदि आपके अंदर कहीं से आवाज आये की i do it तो यकीन मानिए जनाब आप बहुत special हो आप हजारों लाखों से अलग हो और जीत आपकी पक्की है । ऐसे ही एक बन्दे की real स्टोरी शेयर कर रहा हु जो लाखो युवाओं का real hero है……..

   विजय शेखर …. paytm founder

Paytm के बारे मे तो आप सभी जानते होंगे पर इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा के बारे मे बहुत ही कम लोग जानते हैं । विजय शेखर शर्मा का जन्म 8 जुलाई 1973 को up के अलीगढ़ जिले के एक गाँव विजयगढ़ मे हुआ था। midle क्लास परिवार में जन्मे विजय शेखर के पिताजी एक ईमानदार स्कूल टीचर थे और माँ simple हाउस वाइफ। विजय शेखर ने हिंदी medim स्कूल से 12th तक की पढ़ाई पूरी की जब वो delhi कॉलेज ऑफ engineering से इंजीनियरिंग करने लगे तो english weak होने के कारण उन्हें बहुत परेशानी होती थी कुछ अच्छे से समझ नहीं आता था इस कारण वो क्लास से bunk मारने लगे एक समय ऐसा भी आया जो उनको लगने लगा की वो अपनी पढ़ाई पूरी नही कर पायेंगे और उनके मन मे घर बापस लौट जाने का ख्याल आने लगा लेकिन पर घर वालो की उम्मीदों को ऐसे नहीं तोडना चाहते थे इसलिये उन्होंने निर्णय लिया की वो अपनी इंग्लिश strong करेंगे । कहते हैं न जहाँ चाहे वहाँ राह यदि कोई बस था ठान ले की उसे वो करना है तो दुनिया मे कोई भी चीज असम्भव नहीं है । विजय शेखर ने अपनी इंग्लिश स्ट्रांग करने और टॉपिक को समझने के लिए एक मस्त योजना बनाई वो बाजार से book के दो version खरीदते एक हिंदी मे और उसी का इंग्लिश translation इस तरह हिंद मे टॉपिक को समझते और फिर इंग्लिश में ट्रांसलेशन पढ़ लेते

हर कोई बन्दा रुपए कमाने के बारे मे सोचता है रुपए कमाने के दो ही रास्ते होते हैं first तरीका खुद का कुछ बिज़नेस स्टार्ट कर लो और second किसी दूसरे के बिज़नेस को ज्वाइन कर लो मतलब job(join other business) दूसरे का काम करो जिसके बदले मे वो आपको कुछ sallary देगा और आपको बता दू की ये सैलरी वो खुद नहीं देता बल्कि जब बन्दा उसे 100000 का काम करके देगा तब उसी मे से 15 या 20 हजार sallary उस बन्दे को प्राप्त होगी ।इसलिए ऐसे बोलते हैं नौकरी रुपए कमाने का ये तरीका hot febrate है 80 -90% लोग सेकंड तरीके को ही अपनाना चाहते हैं लेकिन विजय शेखर उन 10% लोगो मे से थे जो first तरीके को बेस्ट मानते हैं जिन्हें अपना काम किसी के under करने की आदत नही होती जो अपनी मर्जी के मालिक बनना पसन्द करते हैं जो लोग कुछ अलग करना चाहते हैं अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं विजय शेखर yahoo के founder सबीर भाटिया की तरह internet क्षेत्र मे कुछ अलग करना चाहते थे इसलिये collage टाइम में ही जो खली समय मिलता था उसमें book पढ़-पढ़ कर coading सीखी और एक content मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जिससे बहुत सारे अख़बार वाले use करते हैं।

विजय शेखर ने अपने engineering के 3rd year मे अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कंपनी स्टार्ट की जिस का नाम रखा XS विजय शेखर ने इस कंपनी को 5लाख डॉलर मे lotus नेटवर्क को बेंच थी और उसी मे जॉब करने लगे पर उन्हें किसी के under काम करना पसंद नही आया और उन्होंने जॉब छोड़ दी
जॉब छोड़ने के बाद विजय शेखर ने एक नई company की स्थापना की one 97 की पर ये कंपनी बुरी तरह फ्लॉप हो गई विजय शेखर के partners ने उनका साथ छोड़ दिया विजय शेखर रोड पर आ गए उनकी माली हालत इतने ख़राब हो गए की वो सारा सारा दिन बिना कुछ खाये सिर्फ चाय पीकर ही गुजर देते थे ।ऐसे मे कोई और होता तो हालात के सामने घुटने टेक देता पर विजय शेखर ने हार नही मानी । ऐसी समय बाजार मे स्मार्टफोन आने लगे तब विजय शेखर के दिमाग मे cash less ट्रांसिक्शन का idea आया और उन्होंने 2001 मे paytm की स्थापना की जो आज 15 हजार करोड़ से भी अधिक की कंपनी है विजय शेखर को  इंडियाज़ हॉटेस्ट लीडर अंडर 40 के लिए इकोनॉमिक्स टाइम ने चुना विजय शेखर ने बता दिया की मिडिल क्लास का कोई भी बन्दा milinior बन सकता है ।आज हजारो युवा विजय शेखर को अपना रोल मॉडल मानते है बस अंत मे इतना ही कहुगा की
“हालात के सामने घुटने मत टेको बल्कि हालात को अपने सामने घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दो”

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vivekanand story in hindi dhyan ki shakti

vivekanand story in hindi

    दोस्तों आज मैं आपके साथ स्वामी विवेकानंद जी की जीवन की एक और प्रेणादायी कहानी vivekanand story in hindi शेयर कर रहा हूँ
     
    बात शिकागो की है एक बार विवेकानंद अपने अनुनायियों के साथ टहलते हुए एक नदी के किनारे पर पहुँचे वहाँ पर देखते हैं कि कुछ लोग नदी मे बहने वाले अंडे के छिलकों पर बंदूक से निशाना लगा रहे हैं पर बहते हुए अंडो के छिलके पर किसी से भी निशाना नही लग रहा स्वामी जी ने कुछ देर यह सब देखा पर किसी से भी नदी मे बहते हुए अंडे के छिलकों पर निशाना नही लगा सब काफी मेहनत कर रहे थे स्वामी विवेकानंद अपने अनुनायियों के साथ उन बन्दों के पास गए जो निशाना लगा रहे थे और बोले की वह भी निशाना लगाना चाहते हैं जो निशाना लगा रहे थे उन्होंने आश्चर्य से स्वामी विवेकानंद को देखा क्योंकि वो एक सन्यासी के भेष मे थे और स्वामी विवेकानंद से पूछा की उन्होंने पहले कभीं निशाना लगया है तो स्वामी जी ने मुस्कुराकर जबाब दिया की के उन्होंने पहले कभी भी बन्दूक तक नही चलायी पर आज निशाना लगाना चाहते हैं जो निशाना लगा रहे थे उन्होंने स्वामीजी को अपनी बन्दूक दे दी विवेकानन्दजी ने ध्यान से अंडो के छिलकों को देखा और एक के बाद एक 6 निशाने लगाये सभी अचूक निशाने वहाँ पर उपस्थित सभी लोग आश्चर्य से स्वामी जी को देखने लगे स्वामी विवेकानंद मुस्कुरा रहे थे सभी निशानेबाजों ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा की अपने ये कैसे किया तो स्वामी विवेकानंद ने जबाब दिया की यह तो कोई भी कर सकता है बस अपने लक्ष्य पर पूरा ध्यान केंद्रीत होना चाहिये और मन से सब डर को निकाल दो तो कोई भी कार्य कठिन नही तुम लोग जब निशाना लगा रहे थे तब तुम्हारा पूरा ध्यान अंडो के छिलकों पर नही था बल्कि इस बात पर था कि यह नही होगा इसलिए जिस बात पर तुम्हारा ध्यान था वही हुआ तुमसे निशाना नही लगा और मैं ने लगाया कि क्योंकि मेरा ध्यान केवल अपने aim पर था

        

               

   स्वामी विवेकानंद की यह कहानी हमे यह सीख देती है कि जो भी कार्य हम करते हैं उसमें सफलता उस कार्य पर हमारे ध्यान पर निर्भर करती है हम देखते है कि कुछ कार्य को कुछ लोग आसानी से कर लेते है और कुछ लोग कभी मेहनत के बाद भी नही कर पाते इसका कारण यह है कि वो उस कार्य पर ध्यान ही केंद्रित नही करते बस वैसे ही मेहनत करते रहते हैं जैसे story मे निशानेबाज कर रहे थे यदि आपको सफल होना है किसी कार्य मे तो आपका पूरा ध्यान उस कार्य पर होना चहिये यदि ऐसा करते हैं तो कोई कार्य असम्भव नही
                        दोस्तों जब हम कोई कार्य करते है तो हम यदि उस कार्य के बारे मे यदि सोचते है कि ये हम से नही हो पायेगा तो यह हमारे अचेतन mind मे फीड हो जाता है अब हम चेतन mind से कितना कार्य करें पर result वही आता है जोकि हमारे अचेतन मन मे हमने कार्य करने के पहले ही save कर के रखा है क्योंकि अचेतन मन की पावर चेतन mind की तुलना मे बहुत अधिक होती है तो जो व्यक्ति बहुत ज्यादा मेहनत कर रहा है पर result अच्छा नही आ रहा उसका एक ही कारण है कि उसने कहीं न कहीं ये mind मे save कर के रख लिया है कि यह कार्य उससे नही हो सकता यदि आप के साथ भी ऐसा है तो सारा डर निकाल दीजिये और अपने अचेतन mind को बता दो you can do it और फिर देखो result……………[email protected]गौरव राजपूत
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Swami vivekanand 1 best motivational story in hindi

 

Swami vivekanand 1-  motivational story in hindi

दोस्तों आप हो hindi motivational story website inhindistory.com पर आप सभी स्वामी Vivekanand के बारे में जानते ही हो हमारे देश के अग्रणी महापुरुषों मे स्वामी जी का नाम आता है।

उनके शिकागो मे दिए भाषण को हमेशा याद की जायेगा स्वामी विवेकानन्द युवा के रोल मॉडल है और मेरे भी मैं inhindistory पर उनके जीवन की सभी रोचक कहानियां पोस्ट की जाएंगी ।

आज कृपया सभी पोस्ट पढ़े आज स्वामी विवेकानन्द के जीवन की बहुत ही मोटिवेशनल स्टोरी     Swami vivekanand 1-  motivational story in hindi   share कर रहा हूँ

 

 

 भागो मत
 
 
Swami vivekanand 1- motivational story in hindi
 

एक बार स्वामी विवेकानन्द एक मंदिर मे पूजा करने के लिए जाते हैं पूजा कर के मंदिर से लौटने लगते हैं तो कुछ बन्दर उन्हें घेर लेते हैं स्वामी विवेकानंद आगे की और बढ़ने लगते है तो बन्दर भी उन पीछे दौड़ने लगते हैं ।

स्वामी विवेकानंद भी भागने की सोचते है पर वहाँ का पुजारी चिल्लाकर बोलता है स्वामी विवेकानंद से की भागो मत खड़े रहो स्वामी विवेकानन्द पुजारी की बात सुनकर खड़े हो जाते हैं ।

और बन्दरों को देखने लगते है अब बंदर जो स्वामी विवेकानंद के पीछे दौड़ रहे थे खड़े हो जाते हैं स्वामी विवेकानंद को निडर खड़े देखकर सभी बन्दर एक एक कर भाग जाते हैं उस दिन विवेकानन्द को बहुत बड़ी सीख मिली जो उन्हों ने अपनी किताब मे भी लिखी की जीवन की जो परेशानियां होती हैं ।

वो उन बन्दर के समान होती है यदि भागोगे तो और पीछे आयेगी तो भागो मत खड़े रहो।
दोस्तों स्टोरी छोटी है लेकिन बहुत बड़ी सीख़ देती है नॉर्मली हमारी जिंदगी मे ऐसा होता है कि हम हमेशा परेशानियों से दूर भागते और परेशानी ह
हमारा पीछा करती हैं फिर हम बोलते हैं ।

यार मेरी लाइफ मे बहुत परेशानी भाई परेशानी कुछ नही है बस जब तक है जब तक की हम उससे भाग रहे हैं बस एक बार खड़े हो जाइये फिर देखो चमत्कार चलो हम एक example से समझते हैं
मानलो दो बन्दे हैं A aur B दोनों को एक टेस्ट देना है test के लिए 4 दिन का time दिया 8 टॉपिक जिनमें से question पूछे जायेंगे अब दोनों पड़ना start करते हैं बन्दा B सोचता है।

यार आज थोड़ी मस्ती करता हु 8 टॉपिक हैं बचे 3 दिन मे पढ़ लूँगा पर जो बन्दा A है वो उसी टाइम से पढ़ाई start कर देता है next day बन्दा B सोचता है यार कल से दो दिन जमकर पढ़ाई करूँगा ।

आज और मस्ती कर लेता हूँ पर A उस दिन भी पढ़ाई करता हैं 3rd day बन्दा B book खोलता है पर जब टॉपिक देखता है।

तो होश उड़ जाते हैं यार इतने बड़े टॉपिक दो दिन मे कैसे होंगे यार नही हो सकते इतना सारा उस दिन A पढ़ाई करता है इस तरह टेस्ट का दिन आता है नॉर्मली आप सब तो समझ ही गये होंगे की कौन पास होगा और कौन फ़ैल?
अब हम स्वामी विवेकानन्द की थ्योरी के अनुसार समझते हैं A aur B के लिए समस्या common थी पर B उससे भागने की कोशिश करता है और समस्या   इतनी बढ़ जाती है कि वह हार मान लेता है ।

और बिना कुछ करे ही हार जाता है अब बात करते हैं A की वह भागता नहीं सामना करता है इसलिए उसे कोई समस्या ही नही लगती क्योंकि वो भागा नहीं so freind अंत मे इतना ही कहूंगा आज से ही भागना छोड़िये बस खड़े हो जाइये फिर देखिये result………@गौरव राजपूत
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जिद्द – motivaional story in hindi

     Motivational story in hindi – jidd

शायद जिद्द ही होती जिससे कोई बड़ा पहाड़ खोदकर रास्ता बना देता है शायद जिद्द ही होती है कोई दुनियाँ मे मसहूर ताजमहल बना देता है शायद जिद्द ही होती जिससे एक गरीब लड़का scientist फिर राष्टपति बन जाता है शायद जिद्द ही होती जिससे कोई पेट्रोल पम्प पर काम करने वाला एक देश का बड़ा बिज़नस men बन जाता है दोस्तों आज में आपके साथ एक बहुत ही प्रेणादायी कहानी शेयर कर रहा हूँ। motivaional story in hindi


जेक एक बहुत ही गरीब घर का लड़का था पापा एक मजदूर थे घर की condition ऐसी थी कि दो टाइम का खाना मिलना बहुत किस्मत की बात थी जेक की एक बहन थी जो 2nd standardपढ़ती थी जेक उससे एक साल छोटा था  वह अपनी बहन के साथ साथ स्कूल पहुँच जाया करता था।

एक दिन मास्टर जी ने सबसे अपनी जिंदगी का लक्ष्य बताने को कहा एक के बाद एक अपने aim को बता रहे थे मासूम जेक चुपचाप सब सुन रहा था सबसे last में msterji ने जेक को बुलाया और बोला कि तुम इस क्लास मे पढ़ते हो क्या जेक ने जबाब दिया नही मास्टर जी मे अपनी बहन के साथ आ जाता मेरी बहन पढ़ती है मास्टरजी ने फिर बोला की बताओ क्या बनना चाहते हो यह सुनकर क्लास के बच्चे बोल मास्टरजी ये तो मज़दूर ही बनेगा जेक चुपचाप खड़ा रहा ।

मास्टरजी मुस्कुराये जैसे जेक पर व्यंग कर रहे हों मासूम जेक अभी भी चुप रहा उसकी बहन की आँखों से आंसू आने लगे शायद गरीबों को सपने देखने का अधिकार नहीं मास्टर जी मुड़कर जाने लगे तो जेक ने कपकपाती हुई आवाज मे कहा मास्टरजी मे एक बहुत बड़ा डॉक्टर बनूगा मास्टरजी ने मुड़कर खा beta तुम अभी छोटे हो  और मुस्कुराये उस दिन सारी क्लास ने जेक का मजाकक udaya कि ये मजदूर का लड़का डॉक्टर बनेगा जेक शाम को घर पहूँचा तो पापा ने पूछा बेटा आज इतने उदास क्यों हो।

जेक ने कहा पापा मे डॉक्टर बन चाहता हूँ यह मैंने स्कूल मे कहा तो मास्टरजी और सभी लड़को ने मेरा बहुत मजाक उड़ाया पापा ने कहा बेटा एक मजदूर के लड़के हो कर इतना बड़ा सपना देखोगे तो लोग मज़ाक उड़ायेंगे ही बेटा हम मजदूर है और तुम भी मजदूर बनोगे ये ही सच्चाई है जेक ने कहा मे इसको बदल दूँगा मे एक बड़ा डॉक्टर बनकर दिखाऊँगा।
30 साल बाद एक बुजुर्ग को एक अस्पताल मे लाया जाता है उसके परिवार वाले बहुत चिंतित लग रहे थे क्योंकि डॉक्टर ने बताया ताकि हार्ट सर्जरी के लिए विदेश से डॉक्टर बुलाना पड़ेगा खर्च बहुत आयेगा और ऑपरेशन सफल होने की सम्भावना 50% है सारी उम्र भर की कमाई जो उस बुजुर्ग ने कितनी मेहनत से जोड़ी थी वो भी उसकी जान बचाने के लिए पर्याप्त नही थी सभी हताश थे की इतने सारे पैसा का प्रबंध कैसे होगा ।

उसी समय डॉक्टर वर्मा परिवार वालो के पास आते है और कुछ बोलना ही चाहते हैं उससे पहले उस बुजुर्ग के परिवार वाले बोलते हैं कि उनके पास operation के लिए पैसे नही हैं इन शब्दों मे कितनी बेवसी होती हैं कितना दर्द होता है इसे वो व्यक्ति ही समझ पता है जो कभी ऐसी परिस्थिति से गुजरा हो । डॉक्टर वर्मा ने मुस्कुराते हुए जबाब दिया की डॉक्टर साहब भारत आ रहे हैं घूम ने के लिए तो वो मरीज को देख लेंगे फीस की चिंता आप न करें। दो दिन बाद विदेश से एक डॉक्टर आता है डॉक्टर वर्मा उनको मरीज दिखाते हैं।

मरीज को देखकर उस विदेशी डॉक्टर के हाव भाव बदल जाते है और डॉक्टर वर्मा से बोलता है कि वो इसी समय मरीज का ऑपरेशन करेंगे । जल्दी से आपरेशन की व्यवस्था की जाती है कभी देर तक आपरेशन चलता है। आपरेशन खत्म होने के बाद डॉक्टर वर्मा उस बुजुर्ग मरीज के परिवार वालो के पास जाकर बताते हैं कि आपरेशन सफल रहा कुछ घंटों बाद मरीज को होश भी आ जायेगा ।

कुछ घंटे बाद जब मरीज को होश आ जता है तो परिवार के सभी लोग मिलने जाते हैं उनके चेहरों पर खुशी और चिंता दोनों दिखाई दे रही थी । बुजर्ग मरीज देखकर सब समझ गया अपनी जिंदगी की सारी कमाई जाने वाली थी शायद अपना घर भी बेचना पड़े कितने सारे विचार मन मे आ रहे थे क्या इस उम्र मे भी ऐसा दिन देखना पड़ेगा कभी सोचा नही था । इतने में नर्स कुछ बिल लेकर आती है उससे देखकर सब की धड़कने बढ़ जाती हैं।

बिल मरीज के बड़े बेटे को दिया जाता है वो बिल को पढ़ता है खत मे लिखा था मास्टर जी आपके जेक duara सारा बिल चूका दिया गया है…..आपकी हंसी ने मेरी जिंदगी परिवर्तित कर दी सभी ने मेरा मजाक उड़ाया आपको और उन सब को शुक्रिया जिनके कारण मे एक बड़ा डॉक्टर बन पाया जब जब सब मुझ पर हँसते थे मेरे डॉक्टर बने का इरादा उतना ही मजबूत होता था मे दिखाना चाहता था उन सबको जो बहुत गरीब होते हैं जिनको  एक time का खाना भी नशीब नहीं होता।

जिनको बतया जाता है कि उनको अपनी सारी जिंदगी ये सी ही जीनी है जिनको बताया जाता है कि तुम कोई बड़ा सपना भी नही देख सकते जिनका हर पल मजाक उड़ाया जाता है मैं बताना चाहता हूँ उनको की जिद्द पर जब कोई आ जाता है तो एक छोटे किसान का बेटा देश का pm बन जाता है जब कोई जिद्द पर आ जाता है ।

तो क्रिकेट का भगवान बन जाता है जब कोई जिद्द पर आ जाता है तो महा मुर्ख से महा कवि बन जाता है जब कोई जिद्द पर आजाता है तो ेेतीहास् बदल देता है जब कोई जिद्द पर आजाता है तो महान सिकंदर को भी खाली हाथ लौटना पड़ता है जिद्द बड़ी जिद्दी होती है मे बताना चाहता हूँ ।

उनको जो मन मे हार कर बैठें उठो बता दो उनको जो आपसे बोलते हैं कि तुम ऐसा नही कर सकते की बो गलत हैं । ताकि किसी का फिर कोई मज़ाक न उड़ाये …….खत को सुनकर मास्टर जी (मरीज) को मासूम जेक का चेहरा नज़र आने लगता है और आँखों से आंसू की बर्षात यह बताती है कि वो गलत थे शायद……………@गौरव राजपूत

आत्मविश्वाश……a very motivational story

आत्मविश्वाश……a very motivational story

Motivational kahani कहानी के अंतर्गत बहुत ही मोटिवेशनल स्टोरी share कर रहा हूँ यह मोटिवेशनल कहानी  आपकी जिंदगी परिवर्तित कर सकती है
Inhindistory

              एक  बिजनिस मेन राम को अपने बिजनैस मे बहुत घाटा लग जाता है जिससे वह कर्ज मे बुरी तरह फंस जाता है उसके दोस्त famely सब उसका साथ छोड़ देते हैं ऐसी हालत मे जनरली लोग क्या सोचते है सोसाइड करने की वह भी यही सोचने लगता है कि उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई अब उसके जीवन मे कुछ अच्छा नही हो सकता इतना सारा कर्ज वह कभी भी नही चूका सकता ऐसे ही बैठा पार्क मे यह सब सोचता है तभी सामने से एक व्यक्ति आता दिखाई देता है उस व्यक्ति के पहनावे से साफ लगता है कि वह कोई बहुत अमीर  आदमी है वह सीधा राम  के पास जाता है और उसकी उदासी का कारण पूछता है राम अपनी पूरी story उसे बताता है वह व्यक्ति थोड़ा गंभीर हो कर कुछ सोचता fir बोलता है कि वह इस शहर का सबसे अमीर आदमी है और अपनी जेब से एक blank check देता है और बोलता है कि तुमको जीतने भी रुपए की जरुरत हो भर लेना । एक साल बाद हम ऐसी पार्क मे मिलेंगे जब मेरे रुपए बापस कर देना इतना कहकर वह व्यक्ति चला जाता है।

                   राम को भरोसा ही नही होता कि उसकी इतनी बड़ी प्रॉब्लम इतनी आसानी से सुलझ गई  अब वह decide करता है कि पहले वो अपने business को अपने बल पर फिर से शुरू करेगा और कोई दिक्कत आएगी तब उस check का  उपयोग करेगा फिर क्या था राम ने एक नई शुरुआत की और अपनी मेहनत के बल पर अपना पूरा कर्ज चूका दिया और अपने business को भी बहुत बड़ा कर लिया एक साल बाद राम ने वह blank चेक अपनी जेब मे डाला और उस पार्क की और चल दिया जहाँ उस व्यक्ति ने राम को blank चेक दिया था।राम पार्क पहुँचकर उस व्यक्ति का इंतजार करने लगा तभी देखता है सामने से वही व्यक्ति आ रहा है पर जैसे ही राम उस व्यक्ति की तरफ बड़ा इतने मे कुछ लीगो ने आकर उस व्यक्ति को पकड़ लिया और ले जाने लगे तभी रामने चिल्लाकर कहा कि तुम लोग क्या कर रहे हो यइ शहर के सबसे अमीर आदमी हैं  तब उन लोगों ने हँसकर जबाब दिया की साहब ये कोई आमिर आदमी नही है पागल है जो लोगो को blank चेक देता है और अपने आप को आमिर आदमी बताता है।राम ने सर पकड़ लिया जिसके बल पर उसने पूरा business फिर से शुरू किया वह चेक बस एक कागज का टुकड़ा मात्र था ।

              तो दोस्तों देखा कि कैसे हम बिपरीत परिस्थितियों में टूट जाते हैं उम्मीद खो देते हैं जबकि हमारे अंदर इतनी क्षमता होती है कि उस परिस्थिति से आसानी से निकल सकते हैं कैसें राम पहले सोचता था कि वह कर्ज नही चूका सकेगा पर जैसे ही चेक उसके पास आया उसके बाद बिना उसे उपयोग किये अपना पूरा बिज़नस फिर से शुरू कर लेता है जबकि  वह check only कागज का टुकड़ा था। यदि दोनों परिस्थितियों की तुलना करें तो वो same है पर राम का attitude और सोचने मे डिफरेंस है। पहली वाली condition मे वह नेगेटिव attitude रखता है तो उसे सब नेगेटिव ही दिखता है जिससे वह बहुत उदास हो जाता है और बहुत ज्यादा upset हो जाता है पर दूसरी कंडीशन same है पर इस बार उसका attidude possitive है जिससे सब पोसिटिव होता है और वह अपना बिज़नस फिर से शुरू कर पाता है तो दोस्तों हमारे अन्दर असीमित क्षमता होती है  बस हमें खुद पर विश्वाश होना चाहिए हम खुद पर कितना विश्वाश है यही point हमें दूसरों से अलग बनाता है जिंदिगी मे परेशानियां आती रहती है पर जिंदगी मे सफल व्यक्ति वही होता है जो मुश्किलों मे बिखरता नही निखर जाता है
                   दोस्तों यदि आप को कहानी पसन्द आयी हो तो शेयर करें कोई सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से हहमें जरूर बताएं ।

Help is a great heart touching story

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     आकाश ट्रैन से उतरता ह तब काफी घनघोर बारिस हो रही होती हैं।तेज हवाओं के साथ बारिस सारे शरीर मे कंपकपी पैदा कर रही थी।चरों तरफ अँधेरा छाया हुआ था।ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आज सारे दिन बारिश होगी।आकाश एक सेल्समेन था।टारगेट पूरा करने की चिंता उसके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई दे रही थी।Help is a great heart touching story

वह जेब मे से पर्स निकाल कर देखता है।पर्स मे सिर्फ 500रूपये थे।आकाश को भूख कभी तेज लग चुकी थी।पर पर्स देखकर भूख दम तोड़ने लगी।मिडल क्लास लोगो को अपने लिए भी रूपये खर्च करने मे भी कितना सोचना होता है।इस बात को आकाश ही अच्छी तरह बता सकता था उस समय।कुछ समय में मन मे रूपये और भूख की जंग मे जीत रुपये की हुई।आकाश ने decide किया कि अभी सिर्फ चाय पी कर ही काम चलाएगा और रात को खाना।यह सोचकर आकाश सीधा होटल पर जाता है।चाय आर्डर करता है।चाय देने के लिए एक 12साल का लड़का आता है।उसका चेहरा लटका हुआ था।बचपन के खेलने कूदने के दिनों मे उसके हाथ मे चाय के कप पकड़ा दिए गए थे।वह आकाश के पास आता है और अपने मासूम चेहरे पर न चाहते हुए भी मुस्कान लाकर बोलता है साहब आपकी चाय जल्दी पी लीजिये नही तो ठंडी हो जायेगी।आकाश मुस्कुरा कर चाय ले लेता है।चाय की चुस्की लेने के बाद बोलता है-“छोटू तुम स्कूल नही जाते क्या।”छोटू-” जाता हूँ।साहब आज रविवार है,तो होटल पर सुबह ही आ जाता हूँ।नही तो स्कूल की छुट्टी के बाद रात के11 बजे तक यंही पर काम करता हूँ।घर पर माँ बाप कोई नही है।बस एक छोटा भाई है।वह तीसरी कक्षा मे पड़ता है।उसे डॉक्टर बनाना है।और मैं एक बहुत बड़ा इंजीनियर बनना चाहता हूँ”। आकाश – “शहबास छोटू मेहनत करो एक दिन जरूर कुछ बनोगे।” छोटू – धन्यवाद साहब । आकाश – छोटू तूम परेशान क्यों लग रहे हो।”  छोटू- साहब कल रात से मेरे भाई की तबियत बहुत ख़राब है।डॉ ने दवाइयाँ लिखी है।साहब मेरे पास खरीदने के लिए रुपये नहीं।मालिक से बोला तो उन्होंने देने से साफ मना कर दिया।आज दूसरी होटल पर ओवर नाईट ड्यूटी करूँगा।” कहने के बाद मुस्कुराता है।कितनी जिम्मेदारी इस छोटी सी उम्र मे उसकी मुस्कुराहट मज़क उड़ाती है इस समाज का और इस सिस्टम का जिसमें न जाने कितने छोटू अपने बचपन को भुलाकर चाय का कप पकड़ लेते हैं य अन्य काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। आकाश यही सोचता है।फिर अचानक उसके हाथ जेब मे जाते हैं और पर्स मे से 500 का नोट निकालकर छोटू के हाथों मे रख देता है और बिना कुछ कहे होटल से निकल जाता है।छोटू डबडबाई आँखों से आकाश को देखता रहता है।

         

   25 साल बाद एक नीलामी हो रही होती है एक घर की जिसके घर की नीलामी होती है।वही उस के दर्द को जनता है।जिस शख्स के घर की नीलामी हो रही थी।वह चुपचाप  अपने आशियाने को देखता है।यह वही आशियाना है जिससे बनाते बनाते कब बल सफ़ेद हो गए पता ही नही चला और आज उसी की नीलामी उफ़। चपचाप बैठे इस शख्स के अन्दर के तूफान का अंदाज़ा वही लगा सकता है।जो इस स्थिति से गुजरा हो।नीलामी सुरु होती है।बोली बढ़ती जाती है।जैसे -जैसे बोली लगती है वैसे ही दिल की धड़कन बढ़ती जाती है उस शख्स की आखिरकार एक नवयुवक बोली लगता है।और घर को खरीद लेता है।वह शख्स जिसका मकान था बहुत मायूस हो जाता है।घर के पेपर देने के लिए उसे बुलाया जाता है।जैसे ही वह नव युवक मकान मालिक को देखता है और थोड़ा सा चौकता है ।फिर घर के कागज ले लेता है। और मकान मालिक जिसका नाम आकाश था उससे बोलता है कि कल आप ये घर खाली कर देना।

             अगली सुबह आकाश अपना सारा सामान बांधकर घर छोड़ने की तैयारी म रहता है।सारा परिवार आकाश  उसकी पत्नी और दो बेटे बहुत मायूस चिंतित की अब वो कहाँ जायेगे कौन देगा उन्हें सहारा। इसी समय वही युवक जिसने घर ख़रीदा था। अपनी कार से आता है और आकाश के पैर छूकर बोलता है।पहचाना साहब मे वही छोटू हूँ जिसके भाई के इलाज के अपने रुपये दिए थे। आकाश पहचानने की कोशिश करता है ऐसी बीच वह युवक घर के पेपर आकाश के हाथों मे देता है।अपनी कार से तेजी से चला जाता है।आकाश की आँखों से आँसू बहते हैं और जुबान से सिर्फ एक ही शब्द निकलता है -“छोटू ।
             दोस्तों कितने ही छोटू हैं जिन्हें हमारी मदद की जरुरत है ताकि वो इतने काबिल बन सकें की वक्त आने पर हमारी और दूसरों की मदद कर सकें। कितने ही छोटुओं की प्रतिभा किसी होटल पर य भीख माँगने खो जाती है। आओ इन छोटुओं का बचपन और प्रतिभा निखारने की छोटी से कोशिश करें। 

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1. सोच
2.कोरा ज्ञान
3.पाँच बातें
story in hindi.

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कोरा ज्ञान एक emotional motivational कहानी

Story in hindi


Hi दोस्तों आप हैं। प्रेणादायी chakhdey गौरव के साथ दोस्तों ज्यादतर हम लोग ऐसी शिक्षा प्राप्त करते हैं।जो सिर्फ किताबों तक सिमित होती है। एक तरह से पंगु बना देती है।हम आज इस टॉपिक पर विस्तार से बात करें।उससे पहले एक कहानी इस टॉपिक को खूबसूरत तरीके से बयाँ करती है।

        एक बहुत बड़े पंडितजी रहते हैं।जिनकी ख्याति दूर- दूर तक फैली होती है।उनके प्रवचन सुनने के लिए लोग दूर -दूर से आते हैं।पंडितजी को इस बात का बड़ा घमण्ड रहता है।वो हमेशा अपनी तारीफ सुन्ना पसंद करते हैं ।एक बार सावन के महीने मे एक गांव मे भगवत कथा करनी होती है।पंडितजी के गांव और उस गांव के बीच एक बड़ी नदी बहती है ।जिसे नाव के द्वारा पर करना पड़ता है।पंडितजी शाम के समय नदी किनारे पहुचते है।वहां पर नाव चलने वाले मल्लाह को बुलाकर कहते हैं कि मुझे जल्दी नदी पर कर दो बहुत जरूरी काम है। मल्लाह हाथ जोड़कर बोलता है पंडितजी कुछ लोग और आजाएं तो मुझे थोड़ा फायदा हो जायेगा।पंडितजी गुस्से से लाल आंख करते हुए बोलते है मुर्ख तू जनता है मैं कौन हूँ।मेरा थोड़ा सा समय भी बहुत कीमती है।तू मुझ अकेले को नदी पर करायेगा तो मे तुझे किराया तो दूँगा ही साथ मे बहुत सारा घ्यान भी दूँगा जिससे तेरा उद्धार होगा।मल्लाह ने हाथ जोडकर कहा पंडितजी पश्चिम मे घनघोर घटायें उठ आयी हैं।शाम भी हो गयी है ऐसे मे नदी मे नाव डालना उचित नही होगा।यह सुनकर पंडितजी बहुत भड़क जाते है।बहुत गुस्से से बोलते हैं कि अब एक मुर्ख मल्लाह मुझे सिखायेगा चुपचाप मुझे नदी पर करा दो नही तो तुम्हारी खेर नही।विचारा मल्लाह नदी मे नाव डाल देता है।पंडितजी बड़े अभिमान से नाव पर बैठ जाते हैं।कुछ देर बाद मल्लाह से पूछते हैं तुम्हारा नाम क्या है।मल्लाह-जी भोला नाम है ।पंडितजी फिर चुप हो जाते हैं कुछ देर बाद पंडितजी- भोला तुमने कितनी शिक्षा प्राप्त की है।मल्लाह-पंडितजी मैंने तो शाला का मुंह तक नही देखा।पंडितजी-मुर्ख तुम्हारा एक तिहाई जीवन बर्बाद हो गया।फिर पंडित जी- ”  शिक्षा प्राप्त नही की तो कोई बात नही पर मेरे जैसे विद्वान् के प्रवचन तो सुने ही होंगे न।’ मल्लाह  -“नही पंडितजी सारा समय तो इस नदी की गोद मे ही गुजरता है ।मेरा सौभाग्य ही कहाँ जो आप जैसे विद्वान् के बचनों को सुन सकूँ”।पंडितजी — “मुर्ख तेरे जीवन का एक तिहाई जीवन और बर्वाद हो गया”।
                इस समय नाव बीच नदी में आ गयी चारों तरफ घनघोर बदल छा गए ।मल्लाह बोलता है ऐसा लगता है कि बहुत भारी बर्षा होने वाली है। सच मे बादल तेजी से गरजता है और चारों तरफ अँधेरा छा जाता है।बहुत तेज हवाओं के साथ भारी बर्षा शुरू हो जाती है।नाव मे पानी भरने लगता है। मल्लाह –“लगता है आज  नदी हमे अपनी गोद मे समा लेगी पंडितजी आप को तैरना तो आता ही होगा”। यह सुनकर पंडितजी बहुत घबरा कर बोलते हैं नही भईया मुझे बिल्कुल भी तैरना नही आता। मलल्लाह बोलता है–“पंडितजी आपका तो सारा जीवन बर्वाद हो गया”।इतने मे नाव नदी म दुब जाती है।मल्लाह और पंडितजी दोनों नदी म गिरते हैं।मल्लाह के लिए नदी म तैरना कोई बड़ी बात भी रहती।लेकिन पंडितजी की हालत खराब हीने लगती है।मुह मे पानी भर जाता है।लेकिन मल्लाह जैसे तैसे पंडितजी को किनारे पर पंहुचा देता है।किनारे पर पहुँचकर मल्लाह –“पंडितजी ऐसा कोरा घज्ञान किस काम का जो समय आने पर साथ न दे सके।पंडितजी को आज सबसे बड़ी सीख मिली थी।जिसे वो चुपचाप सुनते रहते हैं।

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Focus only one it’s way of success In hindi

Focus only one……it’s way of success… In hindi

Hi दोस्तों आप हैं।आप है प्रेरणादायीं chakhdey पर आज हम बात करेंगे एक ऐसे टॉपिक पर जो हमारी सफलता मे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । पहले एक कहानी बताता हूँ।Focus only one it’s way of success In hindi

        रामचरण नाम का एक लड़का एक आश्रम मे पढ़ने के लिए जाता है। वहाँ के जो प्रमुख आचार्य होते है उनसे मिलता है कि उससे युद्ध कला मे पारांगत होना है । सबसे श्रेष्ठ योद्धा बनना है। आचार्य बोलते है ठीक है।कल से तुम्हारी कक्षाऐं शुरू होगी। दूसरे दिन सभी विद्यार्थियों के साथ रामचरण की practice शुरू होती है। रामचरण बहुत ज्यादा hard work करता है।पूरे आश्रम  मे उसकी hard working की चर्चाएं होती है।सभी बोलते है कि इस बार अश्रम की युद्ध प्रतियोगिता मे रामचरण ही जीतेगा।युद्ध प्रतियोगिता का time आता है।तीरंदाजी,भाला ,गदा,तलवारबाजी आदि events होते हैं।लेकिन रामचरण कोई भी event नही जीत पाता।अश्रम के सभी आचार्य भी बहुत दुखी होते हैं।पर प्रमुख आचार्य मुस्कुराते हैं। रामचरण को अपने पास बुलाकर पूछते हैं कि तुम्हे अपने हारने का कारण पता है।रामचरण हाथ जोड़कर बोलता है गुरुदेव मैंने सभी से ज्यादा मेहनत की थी।ये मुझे पढ़ाने वाले सभी आचार्यों को भी पता है। मुझे भी अभी तक यक़ीन नही हो रहा की मैं कैसे हर सकता हूँ।
                आचार्य प्रमुख मुस्कुराते हैं और बोलते हैं बेटा तुमने बहुत मेहनत की पर किसी एक चीज पर ही ध्यान नही दिया जिससे तुम्हारी मेहनत सभी कलाओ को सीखने मे बट गई।हर एक कला को सीखने के हिस्से मे बहुत कम मेहनत आई।यदि तुम ये सारी मेहनत किसी एक युद्घ कला को सीखने मे लगाते तो उस कला मे तुम्हें कोई नही हरा सकता था। तुमने जितने भी महान योद्धायों के बारे मे सुना या पड़ा होगा।वो सभी किसी एक ही कला मे पारंगत होते हैं जैसे अर्जुन श्रेष्ट धनुर्धर था।क्योंकि उसने पूरा ध्यान  और सबसे ज्यादा मेहनत केवल धनुर्विद्या सिखने मे कि यदि तुमको भी श्रेष्ट युद्धा बनाना है तो केवल किसी एक ही कला पर सारा ध्यान केंद्रित करना होगा।रामचरण ने आचार्य के चरणों को छुआ और बोला कि वह अगले साल की प्रतियोगिता मे सर्वश्रेष्ट तलवार बाज़ वही होगा।अगले साल के लिए रामचरण केवल पूरा ध्यान तलवारबाज़ी पर ही देता है और प्रतियोगिता मे सर्वश्रेष्ट तलवार बाज़ का पुरुष्कार प्राप्त करता है।
          दोस्तों इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमें पहले अपना एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।उसके बाद पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर होना चाहिये।हमारे पास असीमित शक्ति होती है।पर हम इसे devid कर देते हैं।जिससे हमें उपेक्षित परिणाम प्राप्त नही होता है। जैसे सूर्य की किरण बिखरी होती है।तब इनकी शक्ति कम होती है पर जब लैंस दुआरा इनको एक जगह केंद्रित किया जाता है तो कागज को जला देतीं हैं।इसी तरह हमारे mind की शक्ति भी अलग-अलग-अलग जगह बटी रहती है।यदि केवल एक जगह केंद्रित करें तो कोई भी सफलता आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
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खरगोश और कछुआ नई हिंदी स्टोरी/ khargosh aur kachua new hindi story

 

Story in hindi , story in hindi for kids

Hi दोस्तों , आपके लिए  खरगोश और कछुआ नई हिंदी स्टोरी लेकर आये है। उम्मीद है आपको ये मोटिवेशनल स्टोरी पसन्द आएगी।

           आप सभी ने khargosh aur kacchua की कहानी तो पड़ी ही होगी की kachhua aur khargosh की दौड़ होती है।खरगोश बहुत तेज दौड़ता है।फिर एक पेड़ के नीचे आराम करने लगता है और उसकी नींद लग जाती है।और कछुआ दौड़ जीत लेता है। ये मोटिवेशनल स्टोरी स्टूडेंट्स के लिए हैफिर एक बार

अब दोसरी स्टोरी-

      जब कछुआ रेस जीत जाता है।तब खरगोश को अपनी गलती का एहसास होता है।वह शेर के पास जाता हैऔर फिर से रेस करने की प्राथना करता है।शेर कछुए को बुलाकर पूछता है कि कछुआ तुम से एक बार फिर रेस करना चाहता है।क्या तुम तैयार हो चूँकि कछुआ रेस जीता था।इसलिए थोड़ा सा ईगो भी आ गया।शेर की बात सुनकर हँसकर बोलता है कि ख़रगोश भाई को फिर से हारने का शौक है तो वह तैयार है। दूसरे दिन सभी जानवर रेस देखने के लिए तय स्थान पर पहुँच जाते है।हरी झंडी दिखाई जाती है और रेस शुरू होती है।इस बार खरगोश पहली वाली गलती नही दोहराता है।तेजी से दौड़ कर बहुत बड़े अंतर से रेस जीत लेता है।
तीसरी स्टोरी–
         जब खरगोश जीत जाता है।तो कछुआ को बहुत दुःख होता है।वह भी हर मानने वालों में से नही रहता।वह शेर को एक बार फिर रेस कराने के लिए बोलता है।और शर्त रखता है कि रेस का रास्ता वह चुनेगा जिस पर रेस होगी।खरगोश को चैलेंज स्वीकार लेता है।रेस शुरू होती है।खरगोश तेज दौड़ता पर देखता है कि रास्ते मे एक बड़ी नदी है अतः खरगोश उसके किनारे पर रुक जाता है।कछुआ धीरे-धीरे नदी के किनारे पर आता है।खरगोश की तरफ मुस्कुराके देखता है।पानी मे तैरकर नदी पर कर रेस जीत लेता है।
अंतिम स्टोरी–
        एक बार फिर खरखोश और कछुआ रेस करने की मांग करते हैं।इस फिर सभी जंगल के जानवर रेस देखने के लिए आते है।जैसे ही रेस शुरू होती है सभी हैरान हो जाते है यह देखकर की खरगोश कछुआ को अपनी पीठ पर बैठा कर तेजी से दौड़ता है।नदी के पास जाकर कछुए को उतार देता है।अब कछुआ खरगोश को अपनी पीठ पर बैठा कर तेजी से तैरकर नदी पर कर लेता है और दोनों रिकॉर्ड टाइम मे रेस पूरी कर लेते हैं।खरगोश और कछुआ नई हिंदी स्टोरी/ khargosh aur kachua new hindi story से ये शिक्षाएं मिलती हैं—
1.पहली कहानी बता ती है कि यदि दो व्यक्ति है जिसमे से एक तेज है और दूसरा स्लो यदि तेज व्यक्ति रुक जाता है और स्लो वाला यदि चलता रहता है।तो हमेशा स्लो व्यक्ति जीतता है।
2.दूसरी कहानी बता ती है कि यदि दोनों अपनी रफ्तार से चलें और जो तेज व्यक्ति है वो बीच मे न रुके तो जीत हमेशा पहले व्यक्ति की होगी।
3.तीसरी कहानी है यदि आप कमजोर हैं अपने सामने वाले से तो वहां पर compitition करें जहाँ पर आपका strong point है।जीत आपकी ही होगी
4.अंतिम कहानी बेहद ही खूबसूरत सन्देश देती है कि सभी मे कुछ न कुछ qualities होती है।यदि झगड़े छोड़ कर एक टीम की तरह कार्य करें तो सभी जीत जायेंगे।
Moral of story – हम सभी को एक दूसरे से compitition कर एक दूसरे को हराने से बेतर है कि हम सब किसी भी कार्य को मिलकर करें। इसमें ही सब की जीत है । सभी के अंदर कोई न कोई काबलियत होती है सभी की काबलियत का सम्मान करना चाहिए और हमारी काबलियत को किसी पॉजिटिव way में उपयोग करना चाहिए।
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