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khush kaise rahe tips
khush kaise rahe tips in hindi
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Khush kainse rhein tips in hindi |
आप किसी छोटे बच्चे को देखिये कितना खुश रहता है और उसकी जो मुस्कान है न वो वास्तविक मुस्कान है जो कि हमेशा होनी चाहिए । पर क्या ऐसा होता है ? नही क्योंकि जैसे ही वो बच्चा बढ़ा होता आसपास का माहौल और समाज उसमे भय पैदा करता है। नाकामी का भय fail हो जाने का भय आर्थिक रूप से कमजोर होने का भय बीमारी का भय आदि का भय व्यक्ति के अंदर इतना भर दिया जाता है कि उसकी मुस्कान कहीं खो जाती है वह इतने डिस्प्रेशन में चला जाता है कि खुश होना ही भूल जाता है।
आज हम आपके लिए कुछ बेस्ट khush rhne ke tips लेकर आये हैं।
- Negative लोगो से दूर रहें :- यदि आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो आपको ऐसे लोगो से दूर रहना होगा जो negative सोच वाले हैं। ये लोग आपको भी negative सोचने पर मजबूर कर देते हैं। जिसके के परिणाम स्वरूप हीनता , उत्साह में कमी और अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आप कोई भी कार्य नहि कर सकते क्योंकि negative सोच वाले आपको ये यकीन दिला देते हैं कि आप उस कार्य में सफल नही हो सकते।
दूसरी सलाह ये हो सकती है कि सामने वाला व्यक्ति आपको वोले कि यदि तुम कड़ी मेहनत करोगे तो exam निकाल सकते हो साथ ही वो कुछ ऐसे लोगो के नाम भी बता सकता है जिन्होंने उस exam को पास किया है। उसकी सलाह है से आपका जोश और भी बढ़ जयेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे। ऐसे लोग positive सोच वाले व्यक्ति कहलाते हैं।
अब आपको decide करना है कि आप कैसे लोगो के साथ रहना पसंद करोगे।
- हमेशा कुछ नया सीखते रहें :- आप अच्छी बुक पढ़कर और youtube पर ज्ञानवर्धक video देखकर रोज कुछ नया सीख सकते हैं। जिससे आपको आंतरिक ख़ुशी का अहसास होगा और जो फालतू के विचार आते हैं उनसे भी छुटकारा मिल जायेगा। अपने खाली समय में कुछ नया सीखते रहें।
- सुबह जल्दी उठें :- आप सुबह कितने बजे उठते हैं यह भी आपके स्वभाव और दैनिक दिनचर्या पर बहुत प्रभाव डालता है। यदि आप देर सुबह तक सोते हैं तो आप दिन भर सुस्त महसूस करोगे साथ ही जो समय कि बर्वादी आपने सुबह लेट उठकर की है उसके लिए आपको सब कार्य जल्दी जल्दी करने होंगे जिससे गलती होने की संभावना बनी रहती है और और आप एक प्रेसर महसूस करते है साथ ही आफिस जाने में भी लेट हो जाते हैं।
- पर्याप्त व्यायाम करें :- हर रोज व्यायाम करने की आदत विकसित करें । आपने देखा होगा की खिलाड़ी कितने fit और खुश रहते हैं। उसका एक मात्र कारण उनका रोज exercise करना है। यदि आप exercise करते हैं तो दिन भर आप अपने अंदर एक अलग सी स्फूर्ति महसूस करेंगे, आप का confidence lavel अन्य लोगो की तुलना में अधिक रहेगा । इससे से आप अपने अंदर एक ख़ुशी महसूस करेंगे। exercise डिप्रेशन को कम कर खुशमिजाज बनाती है।
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jivan me lakshya ka mahatva
IMPORTANCE OF GOAL IN HINDIलक्ष्य का महत्व
अपनी नजर लक्ष्य पर रखें
लक्ष्य क्यों जरूरी है?
Why are goals importance?
सपने और लक्ष्य में अंतर
Diffirence between dreams and goal
- दिशा (direction)
- समर्पण ( Dedication)
- दृढ़निश्चय ( Determination)
- अनुशासन ( Discipline)
- समय सीमा (Deadline)
सपनों को हक़ीक़त कैसे बनायें
- एक कागज पर अपना स्पष्ट लक्ष्य लिखें ।
- लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य योजना बनाएं।
- उपरोक्त बातों को रोज दो बार पढ़े।
ज्यादातर लोग अपना लक्ष्य क्यों नही बनाते?
Why don’t more people set goals ?
- निराशावादी नजरिया ( pessimistic) :- ज्यादातर लोगो का नजरिया निराशावादी होता है वो सम्भावनाओ के बारे में न सोचकर कठिनाइयों के बारे में सोचते है। इसलिए वो अपना कोई लक्ष्य निर्धारित नही कर पाते हैं।
- अभिलाषा की कमी ( lack of ambition) :- यह जीवन मूल्यों के साथ साथ भरपूर जिंदगी जीने की इच्छा के आभाव का परिणाम होती है। हमारी सिमित सोच हमें आगे बढ़ने से रोकती है। एक मछुआरा था जो जब भी कोई बड़ी मछली पकड़ता उसे पानी में पुनः फेंक देता। ऐसी अजीब हरकत को देखकर किसी ने उससे पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहा है? तो मछुआरे ने जवाब दिया ” मेरी कड़ाई छोटी है।” अधिकतर लोग जीवन में इसलिये सफलता प्राप्त नही कर पाते क्यों कि वो छोटी कड़ाई ले कर घुमते रहते हैं।
- असफलता का डर ( fear of failure) :- अधिकतर लोग असफलता से डरते है । वो सोचते हैं कि यदि में fail हो गया तो क्या होगा? लोग क्या सोचेंगे मेरे बारे में? लोग क्या कहेंगे ? उनके अवचेतन मन में ये चलता रहता है कि यदि लक्ष्य ही निर्धारित नही करेंगे तो असफल भी नही होंगे। पर वो लोग ये नही समझते कि यदि उनके पास कोई लक्ष्य नही है तो वो वैसे भी असफल ही हैं।
- टालमटोल ( procrastination) :- अभी तो काफी समय है आराम से कर लेंगे लक्ष्य का निर्धारण इस सोच के कारण भी लक्ष्य निर्धारण में बाधा आती है। यह सोच महत्वकांक्षा में कमी का नतीजा है।
- सफलता का आतंक ( fear of success) :- खुद को दूसरों से कम आँकना या सफल जिंदगी को लेकर पाली गई आशंकाओं के कारण भी व्यक्ति में सफलता का आतंक पैदा हो जाता है।
- स्वप्रेरणा की कमी ( lack of self motivation) :- व्यक्ति के अंदर आंतरिक प्रेरणा के आभाव के करना भी वह कोई लक्ष्य निर्धारित नही करता है।
- लक्ष्य का महत्व न समझना :- उन लोगो को किसी ने कभी लक्ष्य के बारे में सिखाया नही और उन्होंने कभी लक्ष्य का महत्व समझ नही।
- लक्ष्य तय न करने का कोई तरीका न जानना ( lack of knowledge about goal setting) :- लोग लक्ष्य तय करने का कोई तरीका नही जानते उन्हें हर कदम पर गाइड की जरुरत पड़ती है जो उन्हें बाधाओं को पार करने मे मदद कर सके।
अपना लक्ष्य कैसे निर्धारित करें ?
How to set your goal?
लक्ष्य निर्धारित करने के लिए क्रमबद्ध कदम उठाने होते हैं जब आप किसी ट्रैन का टिकट खरीदते हैं तो उसमें क्या लिखा होता है ?
- यात्रा करने का स्थान ( starting point)
- कीमत ( price)
- गन्तव्य स्थान ( destination point)
- श्रेणी ( class of travel)
- टिकिट समाप्ति तिथि ( ticket ending date)
- S फॉर Specific ( स्पष्ट) :- यदि आप कहते हैं कि ‘ मैं वजन घटाना चाहता हूँ।” ये अस्पष्ट है लक्ष्य नही हो सकता ये मात्र आपकी इच्छा है। यह लक्ष्य तब बनता है जब आप निश्यचित कर लेते हैं कि ” मैं 100 दिन में 10kg वजन कम करूँगा।”
- M फॉर measurable ( मापे जाने योग्य) :- लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जिसे मापा जा सके। यदि लक्ष्य को मापा नही जा सकता तो लक्ष्य को हासिल भी नही किया जा सकता। यही वह रास्ता है जिससे अपनी तरक्की पर नजर रख सकते हैं।
- A फॉर Achievable ( हासिल किये जाने योग्य) :- इसका मतलब है कि लक्ष्य मुश्किल और कठिन तो हो पर वह नामुमकिन नही होना चाहिए क्योंकि असम्भव लक्ष्य निराश ही करता है।
- R फॉर Realistic ( वास्तविक) :- लक्ष्य मात्र काल्पनिक नही होना चाहिए जैसे ” मैं 30 दिन में 40 kg वजन कम करूँगा।”
- T फॉर Time bounded ( समयबद्ध) :- कार्य के सुरु और अंत की भी एक समय सीमा होना चाहिये।