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10 Best desh bhakti poem in hindi | देश भक्ति की सर्वश्रेष्ठ कविताएँ

10 Best desh bhakti poem in hindi ये पोस्ट आपके इस स्वतंत्रता दिवस को स्पेशल बना देगी। नमस्कार दोस्तों आप का स्वागत है हमारी वेबसाइट inhindistory.com पर आज हम आपके लिए बेस्ट देश भक्ति कविताओं का एक छोटा सा संग्रह लेकर आये हैं। उम्मीद है आप को हमारी ये पोस्ट पसंद आएगी।

1. ये दिया बुझे नही / ye diya bujhe nhi desh bhakti kavita

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देश भक्ति कविताएँ

घोर अंधकार हो,
चल रही बयार हो,
आज द्वार–द्वार पर यह दिया बुझे नहीं
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है ।

शक्ति का दिया हुआ,
शक्ति को दिया हुआ,
भक्ति से दिया हुआ,
यह स्वतंत्रता–दिया,
रूक रही न नाव हो
जोर का बहाव हो,
आज गंग–धार पर यह दिया बुझे नहीं,
यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है ।

यह अतीत कल्पना,
यह विनीत प्रार्थना,
यह पुनीत भावना,
यह अनंत साधना,
शांति हो, अशांति हो,
युद्ध¸ संधि¸ क्रांति हो,
तीर पर, कछार पर, यह दिया बुझे नहीं,
देश पर, समाज पर, ज्योति का वितान है ।

तीन–चार फूल है,
आस–पास धूल है,
बांस है –बबूल है,
घास के दुकूल है,
वायु भी हिलोर दे,
फूंक दे¸ चकोर दे,
कब्र पर मजार पर, यह दिया बुझे नहीं,
यह किसी शहीद का पुण्य–प्राण दान है।

झूम–झूम बदलियाँ
चूम–चूम बिजलियाँ
आंधिया उठा रहीं
हलचलें मचा रहीं
लड़ रहा स्वदेश हो,
यातना विशेष हो,
क्षुद्र जीत–हार पर¸ यह दिया बुझे नहीं,
यह स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है ।

– गोपाल सिंह नेपाली

2. कदम मिलाकर चलना होगा कविता / atal bihari desh bhakti kavita kadam milakar chalna hoga|10 Best desh bhakti poem in hindi

Best hindi poem

क़दम मिला कर चलना होगा 

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में,
अगर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

कुछ काँटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुबन,
परहित अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा। 

3. पुनः चमकेगा दिनकर / atal bihari kavita punah chalega dinkar|10 Best desh bhakti poem in hindi

आज़ादी का दिन ममननई ग़ुलामी बीच;
सूखी धरती, सूना अंबर,
मन-आंगन में कीच;
मन-आंगम में कीच,
कमल सारे मुरझाए;
एक-एक कर बुझे दीप,
अंधियारे छाए;
कह क़ैदी कबिराय
न अपना छोटा जी कर;
चीर निशा का वक्ष
पुनः चमकेगा दिनकर। 

4. राम प्रसाद बिस्मिल कविता आजादी/ Ram prasad bismil poem Azadi |10 Best desh bhakti poem in hindi

इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं,
हमें तोहमत लगाते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं।

कभी आज़ाद करते हैं, कभी बेदाद करते हैं।
मगर इस पर भी हम सौ जी से उनको याद करते हैं।

असीराने-क़फ़स से काश, यह सैयाद कह देता,
रहो आज़ाद होकर, हम तुम्हें आज़ाद करते हैं।

रहा करता है अहले-ग़म को क्या-क्या इंतज़ार इसका,
कि देखें वो दिले-नाशाद को कब शाद करते हैं।

यह कह-कहकर बसर की, उम्र हमने कै़दे-उल्फ़त मंे,
वो अब आज़ाद करते हैं, वो अब आज़ाद करते हैं।

सितम ऐसा नहीं देखा, जफ़ा ऐसी नहीं देखी,
वो चुप रहने को कहते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं।

यह बात अच्छी नहीं होती, यह बात अच्छी नहीं करते,
हमें बेकस समझकर आप क्यों बरबाद करते हैं?

कोई बिस्मिल बनाता है, जो मक़तल में हमंे ‘बिस्मिल’,
तो हम डरकर दबी आवाज़ से फ़रियाद करते हैं।

5. पुष्प की अभिलाषा / Makhanalal chaturvedi poem pushp ki abhilasha

चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध
प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक।

6. झंडा गीत श्यामलाल गुप्त ‘ पार्षद’/ jhanda geet shyamlal gupt parshad

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,

वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।। झंडा…।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में,

कांपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाए भय संकट सारा।। झंडा…।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,

बोलें भारत माता की जय,
स्वतंत्रता हो ध्येय हमारा।। झंडा…।

आओ! प्यारे वीरो, आओ।
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।। झंडा…।

इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,

विश्व-विजय करके दिखलाएं,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।। झंडा…।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।

7. बहुत हो चुका अब हमें इंसाफ मिलना चाहिए कविता

बहुत हो चुका अब हमें इन्साफ मिलना चाहिए
खदेड़कर धुंध स्याह,नभ साफ़ मिलना चाहिए

भ्रष्ट तंत्र भ्रष्टाचार, भ्रष्ट ही सबके विचार
हर एक जन अब इसके, खिलाफ मिलना चाहिए

भड़काए नफरत के शोले, सरजमीं पर तुमने बहुत
जर्रा –जर्रा इसका हमें, आफताब मिलना चाहिए

झूठे वादे झूठे इरादे और नहीं चल पायेंगे
बच्चे बच्चे का पूरा, हर ख्वाब मिलना चाहिए

उखाड़ फैंको तंत्र को, स्वतंत्र हो तुम अगर
लोकतंत्र का हमें अब, पूरा स्वाद मिलना चाहिए।

8. रची बसी भारत की मिट्टी Rma duwedi poem

कोई कहता है हिंदी बेढ़ंगी
कोई कहता है बैरंग चिठ्ठी।
हिंदी तो है हिंद की भाषा,
रची बसी भारत की मिट्टी॥

गैरों को गले लगाना,
प्रीति हमारी है यह कैसी?
अपनों को अपमानित करना,
रीति हमारी है यह कैसी?

अपनी हिंदी अपनाने को,
यह रीति बदलनी ही होगी।
अंग्रेजी के प्रति मोह है जो,
यह सोच बदलनी ही होगी॥

तब ही हम हिंदी से,
हिन्दुस्तान बनायेंगे।
पूर्ण स्वतंत्र होंगे तब ही,
जब सब हिंदी को अपनायेंगे॥

9. कुमार विश्वाश देश भक्ति कविता / Kumar vishvas desh bhakti poem

desh bhakti kavitayen

दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला
बस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौला
शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

बस एक सदा ही सुनें सदा बर्फ़ीली मस्त हवाओं में
बस एक दुआ ही उठे सदा जलते-तपते सेहराओं में
जीते-जी इसका मान रखें
मर कर मर्यादा याद रहे
हम रहें कभी ना रहें मगर
इसकी सज-धज आबाद रहे
जन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

गीता का ज्ञान सुने ना सुनें, इस धरती का यशगान सुनें
हम सबद-कीर्तन सुन ना सकें भारत मां का जयगान सुनें
परवरदिगार,मैं तेरे द्वार
पर ले पुकार ये आया हूं
चाहे अज़ान ना सुनें कान
पर जय-जय हिन्दुस्तान सुनें
जन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो।।

10. कृष्ण की चेतावनी रामधारीसिंह कविता / Krishna ki chetavani Ramdhari singh dinkar poem

देश भक्ति कविता

वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
सौभाग्य न सब दिन सोता है,
देखें, आगे क्या होता है।

मैत्री की राह बताने को,
सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को,
भीषण विध्वंस बचाने को,
भगवान् हस्तिनापुर आये,
पांडव का संदेशा लाये।

‘दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असि न उठायेंगे!

दुर्योधन वह भी दे ना सका,
आशीष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,
जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।

हरि ने भीषण हुंकार किया,
अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,
भगवान् कुपित होकर बोले-
‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,
हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।

यह देख, गगन मुझमें लय है,
यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,
मुझमें लय है संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें,
संहार झूलता है मुझमें।

‘उदयाचल मेरा दीप्त भाल,
भूमंडल वक्षस्थल विशाल,
भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं,
मैनाक-मेरु पग मेरे हैं।
दिपते जो ग्रह नक्षत्र निकर,
सब हैं मेरे मुख के अन्दर।

‘दृग हों तो दृश्य अकाण्ड देख,
मुझमें सारा ब्रह्माण्ड देख,
चर-अचर जीव, जग, क्षर-अक्षर,
नश्वर मनुष्य सुरजाति अमर।
शत कोटि सूर्य, शत कोटि चन्द्र,
शत कोटि सरित, सर, सिन्धु मन्द्र।

‘शत कोटि विष्णु, ब्रह्मा, महेश,
शत कोटि जिष्णु, जलपति, धनेश,
शत कोटि रुद्र, शत कोटि काल,
शत कोटि दण्डधर लोकपाल।
जञ्जीर बढ़ाकर साध इन्हें,
हाँ-हाँ दुर्योधन! बाँध इन्हें।

‘भूलोक, अतल, पाताल देख,
गत और अनागत काल देख,
यह देख जगत का आदि-सृजन,
यह देख, महाभारत का रण,
मृतकों से पटी हुई भू है,
पहचान, इसमें कहाँ तू है।

‘अम्बर में कुन्तल-जाल देख,
पद के नीचे पाताल देख,
मुट्ठी में तीनों काल देख,
मेरा स्वरूप विकराल देख।
सब जन्म मुझी से पाते हैं,
फिर लौट मुझी में आते हैं।

‘जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन,
साँसों में पाता जन्म पवन,
पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर,
हँसने लगती है सृष्टि उधर!
मैं जभी मूँदता हूँ लोचन,
छा जाता चारों ओर मरण।

‘बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन,
पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?

‘हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।

‘टकरायेंगे नक्षत्र-निकर,
बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
फण शेषनाग का डोलेगा,
विकराल काल मुँह खोलेगा।
दुर्योधन! रण ऐसा होगा।
फिर कभी नहीं जैसा होगा।

‘भाई पर भाई टूटेंगे,
विष-बाण बूँद-से छूटेंगे,
वायस-श्रृगाल सुख लूटेंगे,
सौभाग्य मनुज के फूटेंगे।
आखिर तू भूशायी होगा,
हिंसा का पर, दायी होगा।’

थी सभा सन्न, सब लोग डरे,
चुप थे या थे बेहोश पड़े।
केवल दो नर ना अघाते थे,
धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे।
कर जोड़ खड़े प्रमुदित,
निर्भय, दोनों पुकारते थे ‘जय-जय’!

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1. Desh bhakti kavitayen

2. Ruk na tu thak na tu

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for love quotes

Love quotes in hindi

मनुष्य का स्वाभाविक गुण है कि वो प्यार चाहता है। हर एक व्यक्ति चाहता है कि कोई उसे प्यार करे और वो भी किसी को प्यार करे। प्यार कई प्रकार का हो सकता है भाई का अपनी बहन के लिए , बहन का अपने भाई के लिये , माँ का अपने बच्चों के लिए, lovers का एक दूसरे के लिए आदि। प्यार love के बिना मानव जीवन व्यर्थ है , रंगहीन और निरही है। कहा भी जाता है कि मुहोब्बत ही खुदा की सच्ची इबादत है। ये प्रसिद्ध दोहा तो सभी ने पढ़ा ही होगा :-
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ , पंडित भया न कोई।
ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय।।

Swami vivekanand quotes

           Swami vivekanand quotes in hindi

Swami vivekanand quotes in hindi

Quotes in hindi :-   

  

                   “खुद को कमजोर समझना 

                        सबसे बड़ा पाप हैं।   

 –  Swami vivekanand quotes in hindi

Quotes In english :-  

  “Understanding ourselves as weak is   

                     the greatest sin.”

    –  Swami vivekanand quotes in hindi

Quotes in hindi :-  

     “ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। 

   वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं  

       और फिर    रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।”

    – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :-

 “We already have all the powers of the

  universe. It is we who keep our hands 

   on our eyes and then cry about how 

                        dark it is.

    – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :- 

“तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं 

बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। 

        आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।”

Quotes in english :- 

     “No one can teach you, no one can 

  make you spiritual. You have to learn 

everything from inside yourself. There 

        is no better teacher than soul.”

-Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

 “सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर            

               भी हर एक सत्य ही होगा।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :- 

“Truth can be told in a thousand ways,              

             yet each will be true.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

                “दिल और दिमाग के टकराव में

                            दिल की सुनो।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english:- 

  “Listen to the heart in a collision of 

                 heart and mind.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

 

            “जितना कठिन संघर्ष होगा जीत 

                 उतनी ही शानदार होगी”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :- 

“संभव की सीमा को जानने का सबसे उत्तम तरीका है 

      असंभव की सीमा से आगे निकल जाना।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :- 

   “The best way to know the possible 

    range Overcoming the impossible.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

 ” जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को 

निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल      

                           बन जाओगे।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :-

 ” You will become what you think. If 

you consider yourself weak and weak 

   and strong, you will become strong.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

 ” जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करते, तब तक 

       आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :- 

” You can’t believe in God until you 

              believe in yourself.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

 “उठो जागो और जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना 

            हो जाये तब तक मत रुको।”

Quote in english :- 

        “Wake up and do not stop until 

                 the goal is achieved.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :-

                      “ज्ञान का प्रकाश

          सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :-

              “The light of knowledge 

               annihilates all the blind.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in hindi :- 

“कोई और तुम्हारी मदद नहीं कर सकता, अपनी मदद 

स्वयं करो ।आप ही खुद के सबसे अच्छे मित्र हैं और 

                   सबसे बड़े दुश्मन भी ।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :-

    “Nobody else can help you, help 

  yourself.You are your own best friend 

          and your biggest enemy.”

  – Swami vivekanand quotes in english

Quote in hindi :- 

   “शक्ति जीवन है,निर्बलता मृत्यु है,विस्तार जीवन 

है,संकुचन मृत्यु है,प्रेम जीवन हैऔर द्वेष मृत्यु है।”


  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :- 



Power is life,Weakness is death,Extension 

is life,Contraction is death,Love is lifeAnd 
  
                  malice is death.”

  – Swami vivekanand quotes in English




Quote in hindi :-


जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, 

बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :- “Whatever makes you weak – physically, intellectually or mentally, discard it like poison.”



Quote in hindi :- 


  ” किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए 

   हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं. अगर नहीं 

बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को 

आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने 

                         दीजिये।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :- 

  “Do not condemn anyone: If you can raise 

your hand to help, then definitely increase.   
   If you can’t extend, then join your hands, 

    bless your brothers, and let them go on 

                           their path.”


  – Swami vivekanand quotes in english



Quote in hindi :- 


दुनिया क्या सोचती है उन्हें सोचने दो, आप अपने इरादे 

 में मज़बूत रहो, दुनिया एक दिन तुम्हारे क़दमों में होगी।”


  – Swami vivekanand quotes in hindi




Quote in english :- 


     “Let the world think what they think, be       

       strong 

in your intentions, the world will one day be       

                          in your steps.”


  – Swami vivekanand quotes in english




Quote in hindi :- 


“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस 

बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्दगौण 


        हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।”


  – Swami vivekanand quotes in hindi

Quote in english :-


 “We are what our thinking has made us, so 

  take care what you think. Words are 

 secondary. Thoughts remain, they travel far.”

  – Swami vivekanand quotes in english





Quote in hindi :- 


   ” मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं.      

       जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :-


 “The powers of the brain are similar to  

    the rays of the sun. When they are 

                 centered, they glow.”

  – Swami vivekanand quotes in english

Quote in hindi :-

 ” किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये 

– आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर 

                               चल रहे हैं।”


  – Swami vivekanand quotes in hindi




Quote in english :-


        “Someday, when you do not face any 

   problem – you can be sure that you are 

           walking on the wrong path.

  – Swami vivekanand quotes in english



Quote in hindi :-


 ” जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, 

                 यह अग्नि का दोष नहीं है।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :-


” The fire that gives us heat, can also destroy 

              us, it is not the fault of fire.”



Quote in hindi :- 


      “चिंतन करो, चिंता नहीं ,नए विचारों को जन्म दो।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi






Quote in english :- 


   “Worry, don’t  worry, Givebirth to new ideas.”


  – Swami vivekanand quotes in english




Quote in hindi :-


   ”  सभी को मरना है, सज्जन भी मरेंगे और दुर्जन भी 

      मरेंगे, गरीब भी मरेंगे और अमीर भी मरेंगे इसलिए 

                      निष्कपट होकर जीवन जियो।”  

  – Swami vivekanand quotes in hindi





Quote in english :-


 “Everyone has to die, the gentleman will die 

 and the wicked will also die, the poor will 

 also die and the rich will also die, so 

              live life in a fair way.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in hindi :-


     “जीवन में एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति ये 

     अनुभव करता है कि दूसरे मनुष्यों की सेवा करना, 

                   लाखों जप तप के बराबर है ।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :- 

  “There comes a time in life when a person 

experiences that Serving other human beings 

           is worth millions of chanting.”



Quote in hindi :-


   “यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से 

पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन 

है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा      

                       गायब हो गया होता।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :- 


     “If believing in myself would have been 

   taught and practiced in more detail, I 

   am sure that a great deal of evils and 

     sorrows would have disappeared.”

  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in hindi :- 


    “अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो 

 इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक 

ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये     

                          उतना बेहतर है।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :-


  “If money helps others’ well-being, then it 

 has some value; otherwise, it is just a 

heap of evil, and the sooner it gets rid 

                     of it, the better. “

  – Swami vivekanand quotes in english


Quote in hindi :- 


” उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, 

  तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, 

   सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व 

       तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।”


  – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :-


” Wake up, my lion, erase the illusion that you 

   are weak, you are an immortal soul, a free 

   creature, blessed, eternal, you are not an 

    element, nor a body, an element is your 

servant, you are not a servant of the element.”


  – Swami vivekanand quotes in english




Quote in hindi :- ” जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।”



Quote in hindi :-


      “Just as the currents generated from 

  different sources mix their water in the sea, 

 similarly every path chosen by man, whether 

                 good or bad goes to God.”

  – Swami vivekanand quotes in english






Quote in hindi :- 


   “एक समय में एक ही काम करो और पूरी निष्ठां और 

            लगन से करो बाकि सब कुछ भुला दो।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi





Quote in english :-


       ” Just as the currents generated from 

  different sources mix their water in the sea, 

 similarly every path chosen by man, whether 

                good or bad goes to God.”


  – Swami vivekanand quotes in english



Quote in hindi :- 


  “कभी भी बड़ी योजना का हिसाब मत लगाओ, धीरे 

धीर शुरू करें, अपनी ज़मीन बनाये और धीरे धीरे उसे 

                                    बढ़ाएं।”

  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :-


 ” Never calculate a big plan, start slow, build 

          your land and increase it slowly.”

    – Swami vivekanand quotes in hindi 




Quote in hindi :-


खड़े हो जाओ , और सारी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले 


        लो ,अपने को कमज़ोर समझना बंद कर दो ।”

      – Swami vivekanand quotes in hindi

   


Quote in hindi :- 


” Stand up, and take all the responsibility on 

 your shoulders. Stop thinking of yourself as 

                                     weak.”


          – Swami vivekanand quotes in hindi




Quote in hindi :-


” दुनिया एक व्यायामशाला  है जहाँ हम सभी मजबूत 

                                    बनते हैं |”


  – Swami vivekanand quotes in hindi


Quote in english :-


The world is a gym where we all become 

                                  strong.”

           – Swami vivekanand quotes in english





Quote in hindi :-


    “कुछ ऊर्जावान मनुष्य एक साल में इतना कर देते हैं 

      जितना भीड़ हजार साल में भी नहीं कर सकती |”


              – Swami vivekanand quotes in hindi




Quotes in english :-


   “Some energetic humans do as much in a 

   year as the crowd cannot do in a thousand 

                                  years.”

             – Swami vivekanand quotes in hindi





Quote in hindi :- 


जिस व्यक्ति के पास सीखने को कुछ नहीं है वो मौत से 

                              पहले ही मर गया है |”

           – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :-

  

  “The person who has nothing to learn has 

                          died before death.”


  – Swami vivekanand quotes in english




Quote in hindi :-



” खुद को कमज़ोर समझना  सबसे बढ़ा पाप है |”


         – Swami vivekanand quotes in hindi




Quote in english :-


      ” To think of ourselves as weak is the 

                                greatest sin.”


        – Swami vivekanand quotes in english




Quote in hindi :-


 “बाहरी स्वाभाव अंदरूनी स्वाभाव का ही दूसरा रूप है।”

             – Swami vivekanand quotes in hindi



Quote in english :- 


       “External nature is another form of inner 

                                  nature.”

       -Swami vivekanand quotes in english

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25 motivational quotes

     25  motivational quotes in hindi


हर एक व्यक्ति अपने जीवन में success होना चाहता है। success प्राप्त करे ने के लिए प्रेरणा ( inspiration)  की आवश्यकता होती है जो व्यक्ति को hardwork करने के लिए प्रेरित करती हैं। आज हम 25 best motivational quotes in hindi लेकर आये है जो आपके लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेंगे।


25 best motivational quotes in hindi , quotes in hindi

Quote 1 :- “I have not failed. I’ve just found 10,000 ways that won’t work.”  –ThomasA. Edison



Quote in hindi :- “मैं असफल नहीं हुआ। मुझे सिर्फ 10,000 ऐसे तरीके मिले हैं जो काम नहीं करते हैं। “
            – थॉम ए। एडीसन


Quote 2 :- “If you don’t value your time, neither will others. Stop giving away your time and talents. Value what you know & start charging for it.”.   -Kim Garst



Quote in hindi :- “यदि आप अपने समय का मूल्य नहीं रखते हैं, तो दूसरे भी नही रखेंगे । अपना समय और प्रतिभा देना बंद करें। मूल्य जो आप जानते हैं और इसके लिए शुल्क लेना शुरू कर दें। ” – किम गार्स्ट


Quote 3 :- “A successful man is one who can lay a firm foundation with the bricks others have thrown at him.”  – David Brinkley


Quote in hindi :- “एक सफल व्यक्ति वह है जो ईंटों के साथ एक मजबूत नींव रख सकता है जिसे दूसरों ने उस पर फेंक दिया है।” – डेविड ब्रिंकले


Quote 4 :- “No one can make you feel inferior without your consent.” – Eleanor Roosevelt


Quote in hindi :- “कोई भी आपकी मर्जी के बिना आपको नीचा महसूस नहीं करा सकता है।” – एलेनोर रोसवैल्ट



Quote 5 :- “Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever.” – Mahatma Gandhi


Quote in hindi :- जियें ऐसे की कल ही हो अंत। सीखें ऐसे की जीवन हो अनन्त।



25 best motivational quotes in hindi

Quote 6 से 10 




Quote 6 :- “Twenty years from now you will be more disappointed by the things that you didn’t do than by the ones you did do.” –Mark Twain



Quote in hindi :- “अब से बीस साल बाद आप उन चीजों से ज्यादा निराश होंगे जो आपने नहीं कीं।” –मार्क ट्वेन


Quote 7 :- “The difference between a successful person and others is not a lack of strength, not a lack of knowledge, but rather a lack of will.” – Vince Lombardi



In hindi :- “एक सफल व्यक्ति और दूसरों के बीच अंतर ताकत की कमी नहीं है, ज्ञान की कमी नहीं है, बल्कि इच्छाशक्ति की कमी है। ”- विंस लोम्बार्डी



Quote 8 :- “Success is about creating benefit for all and enjoying the process. If you focus on this & adopt this definition, success is yours.” – Kelly Kim



Quote in hindi :- “सफलता सभी के लिए लाभ पैदा करने और प्रक्रिया का आनंद लेने के बारे में है। यदि आप इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं और इस परिभाषा को अपनाते हैं, तो सफलता आपकी है। ” -केली किम


Quote 9 :- “I used to want the words ‘She tried’ on my tombstone. Now I want ‘She did it.’-Katherine Dunham


Quote in hindi :- “मैं अपने मकबरे पर ‘उसने कोशिश ‘ कि शब्द चाहता था। अब मैं चाहता हूं कि वह ऐसा करे। ”- कैथरीन डनहम



Quote 10 :- ““Really it comes down to your philosophy. Do you want to play it safe and be good or do you want to take a chance and be great?” – Jimmy J




Quote in hindi :- ““वास्तव में यह आपकी philosophy के लिए नीचे आता है। क्या आप इसे सुरक्षित खेलना चाहते हैं और अच्छा होना चाहते हैं या आप एक मौका लेना चाहते हैं और महान बनना चाहते हैं? ” – जिमी जे



25 best motivational quotes in hindi


Quote 11 से 15





Quote 11 :- “It is our choices, that show what we truly are, far more than our abilities.” -J. K Rowling




Quote in hindi :- “यह हमारी पसंद है, कि हम जो दिखाते हैं वह वास्तव में हमारी क्षमताओं से कहीं अधिक है। ” – जे के राउलिंग



Quote 12 :-” You have to learn the rules of the game. And then you have to play better than anyone else.” – Alber Einstein




Quote in hindi :- “आपको खेल के नियमों को सीखना होगा। और फिर आपको किसी और की तुलना में बेहतर खेलना होगा। ” –  आइंस्टीन



Quote 13 :- “Every great dream begins with a dreamer. Always remember, you have within you the strength, the patience, and the passion to reach for the stars to change the world.” – Harriet Tubman


Quote in hindi :- “हर महान सपना एक सपने देखने के साथ शुरू होता है। हमेशा याद रखें, आपके पास दुनिया को बदलने के लिए सितारों के लिए पहुंचने की ताकत, धैर्य और जुनून है। ” – हेरिएट टबमैन



Quote 14 :- “The successful warrior is the average man, with laser-like focus.” – Bruce Lee



Quote in hindi :- “सफल योद्धा औसत आदमी है, जिसमें लेज़र जैसा फोकस होता है। ” –ब्रूस ली


Quote 15 :- “Take up one idea. Make that one idea your life – think of it, dream of it, live on that idea. Let the brain, muscles, nerves, every part of your body, be full of that idea, and just leave every other idea alone. This is the way to success.” – Swami Vivekananda




Quote in hindi :- “एक विचार लो। उस एक विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो, उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भरा होने दें, और हर दूसरे विचार को अकेला छोड़ दें। यह सफलता का रास्ता है। ” – स्वामी विवेकानंद




25 best motivational quotes in hindi


Quote 16 से 20





Quote 16 :- ‘Develop success from failures. Discouragement and failure are two of the surest stepping stones to success.” –Dale Carnegie




Quote in hindi :- “असफलताओं से सफलता का विकास करना। हतोत्साह और असफलता सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। ” –डेल कार्नेगी


Quote17 :- ” If you don’t design your own life plan, chances are you’ll fall into someone else’s plan. And guess what they have planned for you? Not much.” –Jim Rohn



Quote in hindi :-” यदि आप अपनी खुद की जीवन योजना नहीं बनाते हैं, तो संभावना है कि आप किसी और की योजना में नहीं पड़ेंगे। और अनुमान लगाओ कि उन्होंने आपके लिए क्या योजना बनाई है? बहुत ज्यादा नहीं।” -जिम रोहन



Quote 18 :- “The question isn’t who is going to let me; it’s who is going to stop me.” -Ayn Rand



Quote in hindi :- “सवाल यह नहीं है कि कौन मुझे जाने वाला है; यह मुझे रोकने वाला है। -एयन रैण्ड


Quote 19 :- “If you genuinely want something, don’t wait for it – teach yourself to be impatient.”

Gurbaksh Chahal

Quote in hindi :- “यदि आप वास्तव में कुछ चाहते हैं, तो इसके लिए प्रतीक्षा न करें – खुद को अधीर होना सिखाएं। ”

Quote 20 :- ” “Don’t let the fear of losing be greater than the excitement of winning.”  –Robert Kiyosaki


Quote in hindi :- ““हारने के डर को जीतने के उत्साह से अधिक न होने दें।”
रॉबर्ट कियोसाकी



25 best motivational quotes in hindi


Quote 21 से 25




Quote 21 :- “If you want to make a permanent change, stop focusing on the size of your problems and start focusing on the size of you!” – T. Harv Eker


Quote in hindi :- यदि आप एक स्थायी परिवर्तन करना चाहते हैं, तो अपनी समस्याओं के आकार पर ध्यान देना बंद करें और आप के आकार पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करें! ” – टी। हार्व एकर

Quote 22 :- ““You can’t connect the dots looking forward; you can only connect them looking backwards. So you have to trust that the dots will somehow connect in your future. You have to trust in something – your gut, destiny, life, karma, whatever. This approach has never let me down, and it has made all the difference in my life.” –Steve Jobs

Quote in hindi :- “आप आगे देख डॉट्स कनेक्ट नहीं कर सकते; आप केवल उन्हें पीछे की ओर देखते हुए कनेक्ट कर सकते हैं। इसलिए आपको भरोसा करना होगा कि डॉट्स आपके भविष्य में किसी न किसी तरह से जुड़ेंगे। आपको किसी चीज पर भरोसा करना होगा – आपका आंत, भाग्य, जीवन, कर्म, जो भी हो। इस दृष्टिकोण ने मुझे कभी निराश नहीं किया, और इसने मेरे जीवन में सभी बदलाव लाए हैं। ” -स्टीव जॉब्स


Quote 23 :- “If you don’t build your dream, someone else will hire you to help them build theirs.” -Dhirubhai Ambani


Quote in hindi :- यदि आप अपने सपने को साकार नही करते हैं, तो कोई अन्य व्यक्ति आपको उनके सपने को साकार करने में मदद करने के लिए काम पर रखेगा। ” –धीरू भाई अंबानी

Quote 24 :- ” The first step toward success is taken when you refuse to be a captive of the environment in which you first find yourself.” –Mark Caine


Quote in hindi :- “सफलता की ओर पहला कदम तब उठाया जाता है जब आप उस माहौल को बंदी बनाने से इंकार करते हैं जिसमें आप पहली बार खुद को पाते हैं। ” –मार्क सिने


Quote 25 :- ” Here’s to the crazy ones. The misfits. The rebels. The troublemakers. The round pegs in the square holes. The ones who see things differently. They’re not fond of rules. And they have no respect for the status quo. You can quote them, disagree with them, glorify or vilify them. About the only thing you can’t do is ignore them. Because they change things. They push the human race forward. And while some may see them as the crazy ones, we see genius. Because the people who are crazy enough to think they can change the world, are the ones who do.” – Steve Jobs


Quote in hindi :- “यह है दीवानों के लिए। द मिसफिट्स। विद्रोही। संकटमोचन। वर्गाकार छेद में गोल खूंटे। वह जो चीज़ों को भिन्नतापूर्वक देखता है। वे नियमों के शौकीन नहीं हैं। और उनमें यथास्थिति के प्रति सम्मान नहीं है। आप उन्हें उद्धृत कर सकते हैं, उनसे असहमत हो सकते हैं, उनका महिमामंडन कर सकते हैं या उनकी प्रशंसा कर सकते हैं। केवल एक चीज के बारे में आप उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते। क्योंकि वे चीजों को बदलते हैं। वे मानव जाति को आगे ले जाते हैं। और जबकि कुछ उन्हें पागल के रूप में देख सकते हैं, हम प्रतिभा देखते हैं। क्योंकि जो लोग यह सोचने के लिए पागल हैं कि वे दुनिया को बदल सकते हैं, वही हैं जो करते हैं। ” –स्टीव जॉब्स



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Har na mane story

  हार न माने story in hindi

यह एक लंबे समय से चली आ रही कहानी है। भारत के देश में, लगभग पाँच हज़ार साल पहले, एकलव्य नाम का एक लड़का रहता था, जो राज्य के जंगलों में एक आदिवासी प्रमुख का बेटा था। एकलव्य एक बहादुर, सुंदर लड़का था। उसे सभी से प्यार था। लेकिन वह खुश नहीं था।

उसके पिता ने देखा कि कुछ दिनों से  एकलव्य कुछ  परेशान है। एक बार जब उसने पाया कि उसका लड़का गहरे विचार में खो हुआ है, ओर दूसरे लड़के शिकार करने और खेलने का आनंद उठाया रहे हैं। एक दिन पिता ने अपने बेटे से पूछा, तुम इतने दुखी क्यों हो एकलव्य?  तुमको शिकार करने में दिलचस्पी क्यों नहीं है?

In hindi story

पिताजी, मैं  एक तीरंदाज बनना चाहता हूं, मैं महान द्रोणाचार्य का शिष्य बनना चाहता हूं, जो हस्तिनापुर में तीरंदाजी के महान शिक्षक हैं। उनका गुरुकुल एक जादुई जगह है जहाँ आम लड़कों को शक्तिशाली योद्धाओं में बदल दिया जाता है।
एक्लव्य ने देखा कि उसके पिता चुप थे। उसने कहना जारी रखा, पिताजी, मुझे पता है कि हम शिकार जनजाति से हैं, लेकिन मैं एक योद्धा होना चाहता हूं। इसलिए कृपया मुझे घर छोड़ने और द्रोणाचार्य का शिष्य बनने की अनुमति दें। एकलव्य के पिता परेशान थे, क्योंकि वे जानते थे कि उनके बेटे की महत्वाकांक्षा आसान नहीं थी। लेकिन मुखिया एक प्यार करने वाला पिता था और वह अपने इकलौते बेटे की इच्छा से इंकार नहीं करना चाहता था। तो उस दयालु व्यक्ति ने अपना आशीर्वाद दिया और अपने बेटे को द्रोण के गुरुकुल  भेज दिया। एकलव्य अपने रास्ते पर चल पड़ा। जल्द ही वह जंगल के उस हिस्से में पहुँच गया जहाँ द्रोण ने हस्तिनापुर के राजकुमारों को पढ़ा रहे थे।

उन दिनों में स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय या छात्रावास जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। एकमात्र स्थान जहाँ कोई शिक्षा प्राप्त कर सकता था, वह गुरुकुल था। एक गुरुकुल (गुरु “शिक्षक” या “मास्टर” को संदर्भित करता है, कुल अपने डोमेन को संदर्भित करता है, संस्कृत शब्द कुला से है, जिसका अर्थ है विस्तारित परिवार।) भारत में प्राचीन हिंदू स्कूल का एक प्रकार है जो शिशिर या छात्रों के साथ प्रकृति में आवासीय है। और गुरु या शिक्षक निकटता में रहने वाले, एक ही घर के भीतर कई बार। गुरुकुल वह स्थान है, जहाँ छात्र अपने सामाजिक प्रतिष्ठा के बावजूद समान होते हैं। इस प्रकार प्रदान की जाने वाली शिक्षा एक संपूर्ण थी।

 एकलव्य द्रोणाचार्य के गुरुकुल में पहुंचा, तो उसने देखा कि इसमें झोपड़ियों का एक समूह है, जो पेड़ों से घिरा हुआ है और एक तीरंदाजी मैदान है। शिष्य मैदान  में अपने धनुष और तीर के साथ तीर चलाने का अभ्यास कर रहे थे। यह एक आकर्षक दृश्य था। लेकिन एकलव्य की आँखे  द्रोण को खोज रहीं थी। वे कहाँ हैं? क्या वह उनको को देख पाएगा? द्रोण के बिना, यहां आने का उसका सारा उद्देश्य निरर्थक होगा। लेकिन जल्द ही उनकी सारी चिंताएँ कम हो गईं। उसे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ा। वहाँ एक पेड़ के पास एक आदमी खड़ा था जो एक लड़के को निर्देश दे रहा था, जो तीसरे पांडव राजकुमार अर्जुन के अलावा और कोई नहीं था, जैसा कि एकलव्य को बाद में पता चला। हालांकि एकलव्य ने द्रोण को पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन उसने  अनुमान  लगा लिया। वह द्रोण के पास गया और उनको प्रणाम किया। ऋषि एक अजीब लड़के को देखकर उसे आश्चर्यचकित कर रहे थे। तुम कौन हो? उन्होंने पूछा।

“द्रोणाचार्य, मैं एकलव्य  जंगलों के पश्चिमी भाग में जनजातीय प्रमुख का पुत्र एकलव्य हूँ।” एकलव्य ने उत्तर दिया। “कृपया मुझे अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करें और मुझे तीरंदाजी की अद्भुत कला सिखाएँ।”

द्रोण ने आहें भरी। “एकलव्य… यदि तुम एक आदिवासी शिकारी हैं, तो तुम को वैदिक जाति व्यवस्था के अनुसार एक शूद्र, सबसे कम सामाजिक समुदाय होना चाहिए। मैं ब्राह्मण हूं, जो राज्य में सबसे ऊंची जाति है। मैं शूद्र लड़के को नहीं सिखा सकता।

“और यह एक रॉयल शिक्षक भी है,” राजकुमार अर्जुन ने बाधित किया। “हमारे गुरु को राजा द्वारा हमें, राजकुमारों और उच्चतर लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए नियुक्त किया गया है। गुरुकुल के अंदर आने और उसे पाने की तुमने  हिम्मत कैसे की है? यहाँ से जाओ ! अभी!” ।

एकलव्य अर्जुन के व्यवहार पर स्तब्ध था। वह स्वयं अपने कबीले के प्रमुख का पुत्र था, लेकिन उसने कभी भी अपने से नीचे किसी का इस तरह अपमान नहीं किया। उसने द्रोण को किसी तरह के समर्थन के लिए देखा, लेकिन ऋषि चुप रहे। संदेश  स्पष्ट था। द्रोणाचार्य भी उसे छोड़ना चाहते थे। उसने उसे पढ़ाने से मना कर दिया। द्रोण द्वारा उसे पढ़ाने से इंकार करने पर निर्दोष आदिवासी लड़का बहुत आहत हुआ। “यह सही नहीं है!” वह बुरी तरह से सोचा। “भगवान ने सभी को ज्ञान दिया है, लेकिन आदमी अकेले अपनी तरह का अंतर करता है।”

वह टूटे हुए दिल और मुंह में कड़वा स्वाद के साथ वहाँ से चला  गया। लेकिन यह तीरंदाजी सीखने की अपनी महत्वाकांक्षा को चकनाचूर नहीं कर सका। वह तीरंदाजी सीखने के लिए अभी भी दृढ़ था। “मैं शूद्र हो सकता हूं लेकिन क्या इससे कोई फर्क पड़ता है?” हालांकि। “मैं द्रोण के राजकुमारों और शिष्यों की तरह मजबूत और उत्साही हूं।” अगर मैं हर दिन कला का अभ्यास करता हूं, तो मैं निश्चित रूप से तीरंदाज बन सकता हूं। ”

एकलव्य अपने स्वयं के जंगलों में पहुंचा और पास की एक नदी से कुछ मिट्टी ले गया। उन्होंने द्रोणाचार्य की एक मूर्ति बनाई और इसे लगाने के लिए जंगलों में एकांत स्थान का चयन किया। एकलव्य ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह विश्वास करता था कि यदि वह अपने गुरु के सामने अभ्यास करता है, तो वह एक सक्षम धनुर्धर बन जाएगा। इस प्रकार, हालांकि उसके गुरु ने उसे छोड़ दिया, फिर भी उसने उन्हें उच्च सम्मान में रखा और उन्हें अपना गुरु माना।

उन्होंने अपना धनुष और तीर लिया, द्रोण की मूर्ति की पूजा की और अभ्यास शुरू किया। समय के विश्वास, साहस और दृढ़ता ने एकलव्य को असाधारण धनुर्धर एकलव्य को मात्र एक आदिवासी शिकारी में बदल दिया। एकलव्य असाधारण भविष्यद्वाणी करने वाला बन गया, जो द्रोण के सर्वश्रेष्ठ शिष्य अर्जुन से भी श्रेष्ठ था।

एक दिन जब एकलव्य अभ्यास कर रहा होता है, वह एक कुत्ते को भौंकते हुए सुनता है। पहले तो, लड़के ने कुत्ते को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन उसके अभ्यास में लगातार गड़बड़ी ने उसे नाराज कर दिया। उसने अपना अभ्यास बंद कर दिया और उस स्थान की ओर चला गया जहाँ कुत्ता भौंक रहा था। इससे पहले कि कुत्ते चुप हो सकें या बाहर निकल सकें, एकलव्य ने तेजी से अपने तरकश से सात तीरों को निकाल कर,  कुत्ते को बिना घायल किए उसका मुंह में भर दिए।

लेकिन एकलव्य अपने अभ्यास में अकेला नहीं था। वह इस तथ्य से अनभिज्ञ था कि कुछ ही दूरी पर, जंगल के उस क्षेत्र में पांडव राजकुमार भी मौजूद थे। , उस दिन, वे अपने शिक्षक, द्रोण के साथ आए थे, जो उन्हें खुले जंगल की वास्तविक जीवन की स्थिति में सीखकर तीरंदाजी के कुछ बारीक बिंदुओं के बारे में निर्देश दे रहे थे।

वे अभ्यास में व्यस्त थे, उन्होंने अचानक “भरवां” कुत्ते पर धावा बोला, और आश्चर्य हुआ  तीरंदाजी के ऐसे करतब को देखकर। द्रोण भी चकित थे। ” ऐसा उत्कृष्ट कार्य केवल एक शक्तिशाली तीरंदाज ही कर सकता है। ” उन्होंने कहा। उन्होंने पांडवों से कहा कि अगर कोई इतना अच्छा धनुर्धर था तो उसे मिलने की जरूरत है। अभ्यास बंद कर दिया गया और एक साथ वे ऐसे अद्भुत पराक्रमी  की खोज करने लगे। उन्होंने पाया कि एक गहरे रंग का आदमी काले रंग के कपड़े पहने हुए था, उसका शरीर गंदे से लगा हुआ था और उसके बाल उलझे हुए ताले में थे। यह एकलव्य था। द्रोणाचार्य उसके पास गए।

तुम्हारी धनुर विद्यया सचमुच  अद्भुत है!” द्रोण ने एकलव्य की प्रशंसा की, और पूछा, “तुमने तीरंदाजी किससे सीखी?” द्रोण से  प्रशंसा सुनकर एकलव्य रोमांचित हो गया।  उसने द्रोण से कहा कि  वास्तव में, आप ही मेरे  गुरु हो!  एकलव्य ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया।

 मैं आपका गुरु कैसे हो सकता हूं? मैंने तुमको पहले कभी नहीं देखा! ” द्रोण अचरज में पड़ गए। लेकिन अचानक उन्हें कुछ याद आया। उन्हें एक उस लड़के के बारे में याद आया, जो कई महीने पहले उनके  गुरुकुल में आया था। ” हाँ मुझे याद है, ”उन्होंने कहा। “क्या तुम वही शिकारी लड़के हो जिसे मैंने कुछ महीने पहले अपने गुरुकुल में प्रवेश देने से मना कर दिया था?”

“हाँ, आचार्य”, लड़के ने उत्तर दिया। “मैं आपके गुरुकुल से निकलने के बाद, मैं घर आया और आपकी तरह एक प्रतिमा बनाई और हर दिन इसकी पूजा की। मैंने आपकी मूर्ति  से पहला अभ्यास किया। आपने मुझे सिखाने से मना कर दिया, लेकिन आपकी प्रतिमा नहीं । इसके लिए धन्यवाद, मैं एक अच्छा धनुर्धर बन गया हूं। ”

यह सुनकर अर्जुन क्रोधित हो गया। “लेकिन आपने मुझसे वादा किया था कि आप मुझे दुनिया का सबसे अच्छा तीरंदाज बना देंगे!” उसने द्रोण पर आरोप लगाया। “अब यह कैसे हो सकता है? अब एक आम शिकारी मुझसे बेहतर हो गया है! ”

अर्जुन के प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ, द्रोण चुप रहे। ऋषि इस बात से भी नाराज थे कि राजकुमार अर्जुन से किया गया उनका वादा पूरा नहीं होने वाला था। वह एकलव्य से उसकी अवज्ञा करने के लिए भी क्रोधित थर। इसलिए ऋषि ने एकलव्य को दंड देने की योजना बनाई। “मेरी गुरु दक्षिणा कहाँ है? तुमको  प्रशिक्षण के लिए मुझे एक उपहार देना होगा, ”ऋषि ने मांग की। उसने आखिरकार एकलव्य को उसकी अवज्ञा के लिए पीड़ित करने का एक तरीका ढूंढ लिया था।

एकलव्य को बहुत मजा आया। एक गुरु दक्षिणा उनके प्रशिक्षण के अंत में एक शिष्य द्वारा अपने गुरु को दिया जाने वाला स्वैच्छिक शुल्क या उपहार था। गुरु-शिष्य परम्परा, यानी शिक्षक-छात्र परंपरा, हिंदू धर्म में एक पवित्र परंपरा थी। एक शिष्य के अध्ययन के अंत में, गुरु “गुरु दक्षिणा” मांगते हैं, क्योंकि कोई गुरु फीस नहीं लेता है। एक गुरु दक्षिणा एक छात्र से आश्रम छोड़ने से पहले गुरु से अंतिम भेंट है। शिक्षक कुछ न कुछ माँग सकता है।

“दआचार्य मैं आपकी सेवा करने वाला पृथ्वी का सबसे खुश नसीब व्यक्ति बनूगा । मुझसे कुछ भी मांगो और मैं इसे अपनी गुरु दक्षिणा के रूप में प्रदान करूंगा। “मैं तुम से कुछ भी माँग सकता हूँ । क्या होगा अगर तुम मेरे द्वारा इच्छित दक्षिणा से इनकार करते हैं? ” द्रोण ने चालाकी से पूछा।

एकलव्य हैरान था। अगर गुरु की दक्षिणा मना कर दी जाती तो यह घोर अपमान और एक महान पाप माना जाता था। “नहीं! मैं कैसे कर सकता हूँ, शिक्षक? मैं वह कृतघ्न नहीं हूं। द्रोणाचार्य द्वारा पूछे गए कुछ भी कहने से मैं कभी इनकार नहीं करूंगा।

द्रोण अब और नहीं रुके। उन्होंने कहा, “एकलव्य, मैं तुम्हारे दाहिने हाथ के अंगूठे को अपने गुरु दक्षिणा के रूप में लेना चाहता हूं।” चारो ओर सन्नाटा छा जाता है। सब लोग चौंक गए, यहाँ तक कि अर्जुन भी। उसने अपने शिक्षक को डरावने और अविश्वास में देखा। उनके शिक्षक इतनी क्रूर माँग कैसे कर सकते थे? वह भी महज लड़के से?

एक पल के लिए एकलव्य चुप खड़ा रहा। अपने अंगूठे के बिना, वह फिर कभी तीर नहीं मार सकता था। लेकिन शिक्षक को संतुष्ट होना चाहिए। “ठीक है गुरुदेव जैसा आप चाहें”, उसने कहा। फिर, थोड़ी सी हिचकिचाहट के बिना, एकलव्य ने अपना चाकू निकाल दिया और अपना अंगूठा काट दिया!  लेकिन आदिवासी लड़के ने दर्द का कोई संकेत नहीं दिया और अपने  अंगूठे को द्रोणाचार्य को सौंप दिया।

“यहाँ मेरी गुरु दक्षिणा है, आचार्य”, एकलव्य ने कहा। “मुझे खुशी है कि आपने मुझे अपना शिष्य बना लिया है, भले ही मैं केवल एक शूद्र शिकारी हूं।”

ऋषि दीन थे। उन्होंने उसके साहस के लिए युवा तीरंदाज को आशीर्वाद दिया। “एकलव्य, यहां तक ​​कि आपके अंगूठे के बिना भी, आपको एक महान धनुर्धर के रूप में जाना जाएगा। मैं आपको आशीर्वाद देता हूं कि आपको अपने गुरु के प्रति वफादारी के लिए हमेशा याद किया जाएगा, ”द्रोण ने कहा।

लेकिन अपने विकलांग होने के बावजूद, एकलव्य ने तीरंदाजी का अभ्यास करना जारी रखा। वह ऐसा कैसे कर सकता है? जब एक समर्पित होता है, तो कोई भी पहाड़ों को धनुष बना सकता है। अभ्यास के साथ, एकलव्य अपनी तर्जनी और मध्यमा के साथ तीर मार सकता था और वह पहले से कहीं ज्यादा बड़ा तीरंदाज बन गया। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली थी।

 द्रोण के आशीर्वाद  सच हुआ, महाभारत के महाकाव्य में एकलव्य को सबसे वफादार और बहादुर छात्र के रूप में प्रशंसा की जाती है।

Moral of story :- अगर आपके अंदर सीखने की चाह वास्तविक है तो आप अपने जीवन में कुछ भी प् सकते हैं।

Aaspatal ki khidki story

      अस्पताल की खिड़की story in hindi

गंभीर रूप से बीमार दो व्यक्तियों को एक ही अस्पताल के एक ही कमरे में भर्ती कराया गया। एक व्यक्ति को अपने फेफड़ों से तरल पदार्थ निकालने में मदद करने के लिए प्रत्येक दोपहर एक घंटे के लिए अपने बिस्तर पर बैठने की अनुमति दी गई थी। उसका बिस्तर कमरे की एकमात्र खिड़की के बगल में था। दूसरे आदमी को अपना सारा समय अपनी पीठ के बल सो कर ही गुजरना पड़ता था। दोनों में दोस्ती हो गई और वो घंटों  बात करते। उन्होंने अपनी पत्नियों और परिवारों, अपने घरों, अपनी नौकरियों, सैन्य सेवा में अपनी भागीदारी के बारे में बात की, जहां वे छुट्टी पर थे।

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हर दोपहर जब खिड़की से बिस्तर पर बैठा आदमी उठ सकता था, तो वह अपने रूममेट को खिड़की के बाहर दिखाई देने वाली सभी चीजों का वर्णन करके समय गुजारता था।

दूसरे बिस्तर के आदमी  उस  एक घंटे की अवधि का इंतजार करता रहता , जब उसको  बाहर की दुनिया की सभी गतिविधियों और रंग से व्यापक और जीवंत बनाया जायेगा।

   खिड़की से एक सुंदर झील के साथ एक पार्क  को  देखा गया। बच्चों ने अपने मॉडल नावों को रवाना किया, जबकि पानी पर बत्तख और हंस बजाए गए। हर रंग के फूलों के बीच युवा प्रेमी हाथ में हाथ डालकर चलते थे और शहर के क्षितिज का एक अच्छा दृश्य दूर से देखा जा सकता था।

जैसा कि खिड़की के आदमी ने एक्सक्लूसिव विस्तार से यह सब बताया है, कमरे के दूसरी तरफ का आदमी अपनी आँखें बंद कर लेता है और चित्र दृश्य की कल्पना करता ।

एक तपतापती दोपहर खिड़की से आदमी ने पास से गुजरने वाली परेड का वर्णन किया।

हालाँकि दूसरा आदमी बैंड नहीं सुन सकता था – वह देख सकता था।  वर्णनात्मक शब्दों के साथ जिसे चित्रित किया जा रहा था।

दिन और हफ्ते बीतते गए।

एक दिन, सुबह  नर्स खिड़की के पास वाले आदमी के पास गई तो उसने पाया कि  उसकी नींद में शांति से मृत्यु हो गई थी। उसे दुःख हुआ और शरीर को ले जाने के लिए अस्पताल परिचारकों को बुलाया।

जैसे ही यह उचित लगा, दूसरे आदमी ने पूछा कि क्या उसे खिड़की के बगल में ले जाया जा सकता है। नर्स ने उसका बिस्तर वहाँ पर लगा दिया।

धीरे-धीरे, दर्द से, उस आदमी ने खुद को एक कोहनी पर रखा ताकि वह बाहर की वास्तविक दुनिया पर अपना पहला नज़र डाल सके।

वह धीरे से बिस्तर के पास खिड़की से बाहर देखने के लिए मुड़ा।

पर ये क्या वहाँ पर कोई खिड़की नही थी  केवल दिवार थी। उस आदमी ने नर्स से पूछा कि उसके दोस्त ने यहाँ से ही खिड़की से बाहर देखकर चीजों का वर्णन किया था। अब यहाँ की खिड़की कहाँ गयी।

नर्स ने जवाब दिया कि वह आदमी अंधा था और वह दीवार भी नहीं देख सकता था।

नर्स ने आगे कहा, “शायद वह आपको प्रोत्साहित करना चाहता था।” इसलिए खिड़की की बात कही।

Moral of story :- हमें हमेशा अपने आस पास के लोगो को खुश और उत्साहित रखना चाहिए।

Moral of story :-   बिषम परिस्थितियों में चतुराई से कार्य करना चाहिए।

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Two moral story in hindi

                  Two moral storystory in hindi

 एक बुद्धिमान व्यक्ति था। लोग हर बार एक ही प समस्याओं के बारे में शिकायत करने, बुद्धिमान व्यक्ति के पास आते हैं। एक दिन उसने उन्हें एक चुटकुला सुनाया और सभी लोग हंसी में झूम उठे।

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कुछ मिनटों के बाद, उन्होंने उन्हें वही चुटकुला सुनाया और उनमें से कुछ ही मुस्कुराए।
जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हंसा।
बुद्धिमान व्यक्ति मुस्कुराया और कहा:
“आप एक ही मजाक में बार-बार हँस नहीं सकते। तो आप हमेशा एक ही समस्या के बारे में क्यों रो रहे हैं? “

Moral of story :-

चिंता करने से आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, यह सिर्फ आपका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।

          Second moral story in hindi

एक कहानी बताती है कि दो दोस्त रेगिस्तान से गुजर रहे थे। यात्रा के समय किसी बात को लेकर दोनों दोस्तों में झगड़ा हो गया, और एक दोस्त ने दूसरे को चेहरे पर थप्पड़ मार दिया।

जिसे थप्पड़ मारा गया, उसे चोट लगी, लेकिन बिना कुछ कहे, उसने रेत में लिखा दिया –
“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा।”

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वे तब तक टहलते रहे फिर उन्होंने एक नदी देखी, जहां उन्होंने स्नान करने का फैसला किया। जिसको थप्पड़ मारा गया था, वह भवंर में फंस गया और डूबने लगा, लेकिन दोस्त ने उसे बचा लिया। डूबने से बचने के बाद, उसने एक पत्थर पर लिखा;

“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई।”

जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा था और अपने सबसे अच्छे दोस्त को बचाया था, उसने उससे पूछा;

“मैंने जब तुमको थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें  बचाया तो तुमने पत्थर पर लिखा ऐसा क्यों?”

दूसरे मित्र ने उत्तर दिया;

“जब कोई हमें ठेस पहुँचाता है तो हमें इसे रेत में लिख देना चाहिए जहाँ क्षमा की हवाएँ इसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे पत्थर में उकेरना चाहिए, जहां कोई हवा उसे मिटा नहीं सकती है। ”

Moral of story:-

अगर कोई हमारा बुरा करता है तो उसे क्षमा कर भुला देना चाहिए पर यदि कोई हमारा भला करता है तो उसे हमेशा याद रखना चाहिये।

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Story in hindi – एक बूढ़ा

                   Story in hindi – एक बूढ़ा

बहुत पहले एक बूढ़ा एक गाँव में रहता था। वह हमेशा नेगेटिव सोचता रहता था। पूरा उससे थक गया था; वह हमेशा उदास रहता था, वह लगातार शिकायत करता था और हमेशा बुरे मूड में रहता था।

उसकी उम्र जितनी अधिक होती जा रही थी, उतना ही अधिक  वह निराश  और उतने ही जहरीले उसके शब्द हो गए थे। लोग उससे बचते थे, क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था। यह भी अस्वाभाविक था और उसके साथ में खुश होना सम्भव नही था।

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उसने दूसरों में नाखुशी की भावना पैदा की।

लेकिन एक दिन, जब वह अस्सी साल का हो गया, तो एक अविश्वसनीय बात हुई। तुरंत सभी ने अफवाह सुननी शुरू कर दी:

“वह बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है, मुस्कुराता है, और यहां तक ​​कि उसका चेहरा भी ताजा हो जाता है।”

पूरा गाँव इकट्ठा हो गया। बूढ़े आदमी से पूछा गया:

ग्रामीण: आपको क्या हुआ?

“कुछ खास नहीं। अस्सी साल मैं खुशी का पीछा कर रहा था, और यह बेकार था। और फिर मैंने खुशी के साथ जीने का फैसला किया और बस जीवन का आनंद लिया। इसीलिए मैं अब खुश हूं। ” – बूढ़ा आदमी

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Moral of story:-
खुशी का पीछा मत करो। जीवन का आनंद लो।जिस दिन आपने ऐसा करना शुरू कर दिया आपका जीवन आनन्दमय हो जायेगा और आप महसूस करोगे कि आप दुनिया के सबसे खुशनसीब व्यक्ति हो।

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रटो नही समझो hindi story with moral

  रटो नही समझो / hindi story with moral

hi दोस्तों स्वागत है आपका inhindistory.com पर आज हम आपके लिए इन नई  hindi story with moral लेकर आये हैं । जो आपको पसंद आएगी।  रटो नही समझो hindi story with moral :-
 
                                 बहुत समय एक वन के अन्दर एक

     आश्रम था । जिसमें एक महाऋषि रहते थे। वो उस शांत वातावरण में घोर तपस्या करते थे। वो बहुत दयालु प्रकृति के थे और वन के पशु पक्षियों से उनका काफी लगाव था। एक दिन वो वन में घूम रहे थे तो उनको तोते के दो बच्चे दिखाई दिए जो काफी मासूम और शरीर से दुर्बल लग रहे थे । ऋषि को उन तोतों के बच्चे पर दया आ गई । तो ऋषि उन बच्चों को अपने आश्रम ले आये । ऋषि उन दोनों तोतों का बहुत अच्छी तरह से लालन पालन करने लगे। तोते के बच्चे भी ऋषि से बहुत प्यार करते जब भी उनको भूख लगती जोर जोर से चिल्लाते और ऋषि को आते देख प्रणाम बोलते । ऋषि भी यह देख बहुत खुश होते।

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जब तोते बड़े हो गए तो वो उड़कर वन में भी जाने लगे। वो जब तक वन से लौट कर आश्रम न आ जाते जब तक ऋषि को उनकी काफी चिंता रहती । जब तक उनका पूजा पाठ में बिलकुल भी मन नही लगता। उनको चिंता रहती की तोतों को कोई शिकारी न पकड़ ले। एक दिन ऋषि के मन में विचार आया की क्यों न तोतों को सीखा दिया जाये की शिकारी उनको पकड़ने आये तो वो शिकारी के जल में न फसें।

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अगले दिन ऋषि ने तोतों को पढ़ाना शुरू किया उन्होंने तोतों से बोला की बोलो ” बहेलिया ( शिकारी) आयेगा दाना डालेगा जाल बिछाएगा जाल में नही फसना।” तोते भी बोलने लगे “बहेलिया आयेगा दाना डालेगा जाल बिछाएगा जाल में नही फसना।” कुछ ही दिनों में तोतों ने यह वाक्य बहुत ही अच्छे से रट लिया वो जब भी ऋषि को देखते और चिल्लाने लगते ” बहेलिया आयेगा दाना डालेगा जाल बिछाएगा जाल में नही फसना।” ऋषि जब उन तोतों से यह सुनते तो उन्हें बहुत ख़ुशी होती की अब ये तोते शिकारी के जाल में नही फसेंगे। इस प्रकार ऋषि की सारी चिंता खत्म हो गई ।

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एक बार ऋषि को आश्रम से कहीं बाहर जाना था । तो उन्होंने तोतों से कहा याद रखना बहेलिया के जाल में नही फसना । तोते चिल्लाकर बोलने लगे ” बहेलिया आयेगा दाना डालेगा जाल बिछाएगा जाल में नही फसना।” यह सुन ऋषि ख़ुशी ख़ुशी आश्रम से बाहर चले गए।

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कुछ ही देर बाद एक बहेलिया आश्रम तरफ आया उसने दाना डाला और जाल बिछा दिया। तोतों ने दाना देखा तो खा ने गये और जाल में फस गये। बहेलिये ने जाल को उठाया और अपनी घर की और जाने लगा कुछ ही देर में संयोग ऋषि भी उसी रास्ते से आश्रम की और आ रहे थे । जैसे ही जाल में फसे तोतों ने ऋषि को देखा तो वो खुश होकर चिल्ललाने लगे ” बहेलिया आयेगा दाना डालेगा जाल बिछाएगा जाल में नही फसना।” ☺☺ऋषि ने तोतों को जाल में देखा और उनके मुंह से ये वाक्य सुना तो अपना सर पिट लिया। ☺☺

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Moral of story :-   दोस्तों यह कहानी थोड़ी funny है पर यह हमें बहुत ही सुंदर सन्देश देती है कि किसी भी चीज को रटना नही समझना चाहिये। कभी कभी हम भी बहुत सारी बातों को रट लेते है पर समझते नही ज्यादातर छात्र यही करते है । पर आज से आप रटना बन्द करिए और समझना शुरू कीजिए नही तो किसी दिन तोतों की तरह फास जाओगे।☺☺

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Betal pachis tisari kahani in hindi

Hi दोस्तों स्वागत है आपका inhindistory. com पर आज betal pachisi सीरीज की तीसरी कहानी पोस्ट कर रहे हैं:-

   Betal pachis tisari kahani in hindi

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शिशपा-वृक्ष पर चढ़कर विक्रमादित्य ने फिर बेताल को उतारा और उसे कंधे पर
डालकर चुपचाप भिक्षु की ओर चल पड़ा। कुछ आगे चलने पर शव में बैठा बेताल फिर
से बोला-“राजन, रात के समय इस भयानक श्मशान में आते-जाते तुम घबरा नहीं रहे
हो, यह आश्चर्य की बात है। लो, तुम्हारे जी बहलाने के लिए मैं तुम्हें फिर एक कथा
सुनाता हूं।”Betal pachis tisari kahani in hindi
पाटलीपुत्र नाम का एकजगत-विख्यात नगर है। प्राचीन काल में वहां विक्रम केसरी
नाम का एक राजा था, जिसके पास ऐश्वर्य के सारे सामान मौजूद थे। उसका खजाना
बहुमूल्य रलों से सदैव ही भरा रहता था। उसके पास एक शुक (तोता) था जिसने श्राप
के कारण यह जन्म पाया था। वह तोता समस्त शास्त्रों का ज्ञाता और दिव्य ज्ञान से युक्त
था। उस तोते का नाम था-विदग्धचूड़ामरिन।
उस तोते के परामर्श से राजा ने अपने समान कुल वाली मगध की राजकुमारी
चंद्रप्रभा से विवाह किया। उस राजकुमारी के पास भी सोमिका नाम की एक वैसी ही
सारिका (मैना) थी जो समस्त विज्ञानों को जानने वाली थी। वे दोनों तोता-मैना अपने
बुद्धिबल से अपने स्वामियों (पति-पत्नी) की सेवा करते हुए,
वहां एक ही पिंजरे में रहते
थे। एक दिन उत्कंठित होकर उस तोते ने मैना से कहा-“सुभगे, तुम मेरे साथ एक
सेज पर सोओ, एक आसन पर बैठो, एक साथ भोजन करो और हमेशा के लिए मेरी ही
होजाओ।”Betal pachis tisari kahani in hindi
___ मैना बोली-“मैं पुरुष जाति का संसर्ग नहीं चाहती, क्योंकि वे दुष्ट और कृतघ्न
होते हैं।”
___ मैना की बात सुनकर तोता बहुत आहत हुआ। उसके स्वाभिमान को ठेस पहुची।
वह बोला-“तुम्हारा यह कथन बिल्कुल मिथ्या है, मैना । पुरुष दुष्ट नहीं होते, दुष्टा तो
स्त्रियां होती हैं और वे क्रूर हृदय वाली भी होती हैं।”
तोते की बात पर दोनों में झगड़ा पैदा हो गया। तब उन दोनों ने शर्त लगाई कि यदि
मैना झूठी हो तो वह तोते से विवाह कर लेगी और यदि तोते की बात गलत निकले तो वह
मैना का दास बन जाएगा। निर्णय के लिए वे दोनों राजसभा में बैठे हुए राजपुत्र के पास
गए।Betal pachis tisari kahani in hindi
अपने पिता के न्यायालय में बैठे हुए राजपुत्र ने जब उन दोनों के झगड़े का वृत्तांत
सुना, तब उसने मैना से कहा-“सारिका,पहले तुम यह बतलाओ कि पुरुष किस प्रकार
कृतज होते हैं?”मैना ने कहा- “सुनिए।”
अपने पक्ष की पुष्टि के लिए उसने पुरुषों का दोष सिद्ध करने वाली यह कथा सुनाई।
सारिका द्वारा सुनाई हुई कथा
इस धरती पर कामंदिका नाम की एक बहुत बड़ी नगरी है। वहां अर्थदत्त नाम
का एक बहुत धनी व्यापारी रहता था। व्यापारी के यहां एक पुत्र ने जन्म लिया तो
व्यापारी ने उसका नाम धनदत्त रखा। पिता की मृत्यु के बाद धनदत्त बहुत उच्छृखल
हो गया। वह बुरे लोगों की संगति में उठने-बैठने लगा।
उसके कुछ धूर्त मित्रों ने उसे
जुआ आदि दुर्व्यसनों में डाल दिया।
थोड़े ही दिनों में, इन व्यसनों के चलते धनदत्त का सारा धन जाता रहा।Betal pachis tisari kahani in hindi

लज्जावश स्वदेश छोड़कर विदेश भ्रमण हेतु चल दिया।
चलते-चलते वह चंदनपुर नाम के एक गांव में पहुंचा। वहां, भोजन के निमित्त उसने
एक व्यापारी के घर में प्रवेश किया।
व्यापारी ने धनदत्त को कुलीन परिवार का समझकर
उसका कुल आदि पूछा और फिर आदर सहित अपने घर में ठहरा लिया। व्यापारी
धनदत्त के व्यवहार से इतना खुश हुआ कि उसने रत्नावती नाम की अपनी कन्या भी उसे
ब्याह दी और दहेज में ढेर सारा धन भी दे दिया।
तब वह धनदत्त वहीं अपने श्वसुर के
घर में रहने लगा।Betal pachis tisari kahani in hindi

कुछ समय बीतने पर, सुख के कारण वह अपनी पिछली दुर्गति भूल गया। धन
मिल जाने से वह फिर व्यसनों मे फंस गया और स्वदेश जाने के लिए उद्यत हो गया।
रलावली अपने माता-पिता कि इकलौती संतान थी,
अतः वह व्यापारी उसे
अपने पास से दूर नहीं जाने देना चाहता था। लेकिन उस दुष्ट ने बड़ी कठिनाई से
किसी तरह उसे अनुमति देने के लिए विवश कर दिया। अनंतर, एक वृद्धा के साथ,
गहनों से अलंकृत अपनी स्त्री को लेकर वह उस देश से चल पड़ा।
Betal pachis tisari kahani in hindi
चलते-चलते वे बहुत दूर तक जंगल में जा पहुंचे। वहां चोरों का भय बतलाकर
उसने अपनी स्त्री के गहने लेकर अपने पास रख लिए।
___धन के लोभ से उस पापी ने अपनी गुणवती स्त्री और उस वृद्धा को एक खंदक में
धकेल दिया। खंदक में गिरते ही वृद्धा तो मर गई लेकिन झाड़ियों में उलझजाने के कारण
उसकी पली नहीं मरी। किसी तरह वह रोती-बिखलती उस खंदक से बाहर निकल
आई। उसका शरीर क्षत-विक्षत हो गया था।
जगह-जगह राह पूछती वह बड़ी कठिनाई
से अपने पिता के घर पहुंच पाई।
____ अचानक इस रूप में उसके लौट आने पर उसके माता-पिता सकते में आ गए।
उन्होंने कारण पूछा तो रोते-रोते उसने कहा-“पिताजी, डाकुओं ने हमें मार्ग में लूट
लिया । वे मेरे पति को बांधकर ले गए। उन्होंने मुझे और वृद्धा को खंदक में फेंक दिया।हर्षवती नाम की एक नगरी में एक धनवान बनिया रहता था। वासुदत्ता नाम की
उसकी एक कन्या थी, जो अत्यंत सुंदर थी। बनिया उसे अपने प्राणों से भी अधिक
प्यार करता था। उसने अपनी उस कन्या का विवाह समुद्रदत्त नाम के एक सजातीय
युवक के साथ कर दिया जो सज्जनों के निवास स्थान ताम्रलिपि में रहता था।Betal pachis tisari kahani in hindi
समुद्रदत्त सज्जन था। वह वासुदत्ता के समान ही रूप-यौवन वाला था। संदर स्त्रियां
उसकी ओर इस तरह टकटकी लगाए देखती थीं जैसे चंद्रमा को चकोर देखता है।Betal pachis tisari kahani in hindi
____एक बार जब वासुदत्ता का पति अपने देश में था और वह अपने पिता के घर
थी, तो उसने दूर से एक पुरुष को देखा। उस सुंदर युवक को देखकर वह चंचल
स्त्री कामातुर हो गई और
अपनी सखी द्वारा उसे गुप्त रूप से बुलवाकर उसके साथ
काम-क्रीड़ाएं कीं। उसके बाद भी वह उससे गुप्त रूप से अनेकों बार मिली। उसकी
उस सखी के अलावा किसी और को उसकी करतूतों का पता न चला।Betal pachis tisari kahani in hindi
___एक दिन उसका पति अपने देश से वापस लौटा तो उसके सास-श्वसुर ने उसका
बहुत आदर-सत्कार किया और उसे उचित मान-सम्मान दिया। अपनी इकलौती
संतान वासुदत्ता का पति होने के कारण उनके लिए वह सबसे प्रिय व्यक्ति था।Betal pachis tisari kahani in hindi
वह सारा दिन उत्सव-उल्लास में बीता। रात में वासुदत्ता की माता ने अपनी बेटी
को सजा-संवारकर उसके पति के शयनकक्ष में भेजा। कितु एक ही सेज पर सोकर
भी वह अपने पति के प्रति अनुरक्त न हुई।
दूसरे पुरुष में मन लगा रहने के कारण,
पति के आग्रह करने पर भी वह नींद आने का बहाना किए पड़ी रही। तब राह की
थकावट और मदिरा के नशे से चूर उसके पति को जल्द ही नींद आ गई। धीरे-धीरे
घर के सब लोग सो गए किंतु करवट लिए वासुदत्ता जागती हुई अपने प्रेमी के
विचारों में खोई रही। तभी एक चोर उसके महल में दाखिल हुआ
और वासुदत्ता को
जागता हुआ महसूस कर एक अंधेरे कोने में सिमटकर खड़ा हो गया। वासुदत्ता
अपने प्रेमी से मिलने को बेचैन हो रही थी। उसने अपने प्रेमी से दिन में ही यह मालूम
कर लिया था कि रात के समय उन्हें कहां मिलना है।
अतः वह चुपचाप उठी और
खूब गहने पहनकर, सज-संवरकर, अपने प्रेमी से मिलने महल से निकल पड़ी।
यह देखकर उस चोर को बहुत आश्चर्य हुआ। उसने सोचा कि ‘जिन गहनों की
चोरी करने मैं यहां आया हूं, वह गहने तो यह स्त्री पहनकर बाहर जा रही है। अतः
इसका पीछा करके यह तो देखू कि यह कहां जा रही है ?
रास्ते में ही इसके गहने भी
लूट लूंगा।’ यही सोचकर वह चोर भी चुपचाप उस वणिकपुत्री पर नजर रखता
हुआ, छिपकर उसके पीछे-पीछे चलने लगा।
कुछ दूर जाने पर चोर ने देखा कि वणिकपुत्री की एक सखी उसके लिए कुछ फूल
और मालाएं लिए एक उद्यान में घुस गई जहां उसके प्रेमी ने उससे मिलने का वचन दे रखा
था।Betal pachis tisari kahani in hindi
वासुदत्ता जब प्रेमी द्वारा बताए मिलन-स्थल पर पहुंची तो उसने अपने प्रेमी को एकवृक्ष पर मृत अवस्था में लटकता हुआ देखा। हुआ यूं था कि जब वह युवक चोरी-छिपे
उद्यान में प्रवेश कर रहा था तो नगर रक्षकों ने उसे कोई चोर समझा और उसे पीट-पीटकर
मार डाला । फिर उसी उद्यान में उसके गले में फांसी का फंदा डालकर उसे वृक्ष से लटका
दिया। अपने प्रेमी को इस अवस्था में देखकर वासुदत्ता स्तब्ध रह गई।
वह विह्वल और
उद्भ्रांत होकर चीख पड़ी-“हाय मैं मारी गई।” तदोपरांत वह भूमि पर गिरकर करुण
स्वर में विलाप करने लगी। जब वह कुछ चैतन्य हुई तो उसने अपने प्रेमी को वृक्ष से
उतारकर भूमि पर रखा और उसे फूलों से सजाया ।
प्रीति और शोक से उसका हृदय विवेकशून्य हो गया था। उसने उस निष्प्राण
शरीर का आलिंगन किया और उसका मुख ऊपर उठाकर, वह ज्योंही उसका चुंबन
करने चली, त्योंही उसके प्रेमी ने, जिसके शरीर में बेताल प्रविष्ट हो गया था, अचानक
अपने दांतों से उसकी नाक काट ली।
पीड़ा से तिलमिलाकर वासुदत्ता तुरंत उससे दूर हट गई। लेकिन इस विचार से
कि ‘कहीं वह जीवित तो नहीं है ?” वह अभागिनी फिर से आकर उसे देखने लगी।
जब उसने देखा कि उसके शरीर से बेताल चला गया है
और वह निश्चेष्ट तथा मृत है,
तब वह डर गई और हारी-सी, रोती हुई, धीरे-धीरे महल की ओर लौट पड़ी।Betal pachis tisari kahani in hindi
उस चोर ने छिपकर यह सारी बातें देखीं। उसने सोचा-‘इस पापिनी ने यह
क्या किया ? अरे, स्त्रियों का हृदय तो बहुत भयानक, घने अंधेरे से भरा, अंधे कुएं
के समान और बड़ा गहरा होता है। चलूं, देखू अब यह क्या करती है।’ ऐसा
सोचकर कौतूहल के कारण वह दूर से ही फिर उसका पीछा करने लगा।
वणिकपुत्री अपनी उस कोठरी में पहुंची, जहां उसका पति सोया पड़ा था। तब
वह जोर-जोर से रोती हुई चिल्लाने लगी-“बचाओ…बचाओ। पति के रूप में इस
दुष्ट ने मेरी नाक काट ली है।”Betal pachis tisari kahani in hindi
___इस तरह बार-बार उसका रोना-चिल्लाना सुनकर उसके कुटुंबीजन और माता-पिता
सभी घबराए हुए जागकर उनके शयनकक्ष में पहुंचे। वहां पहुंचकर जब उसके पिता ने
देखा कि वासुदत्ता की नाक कटी हुई है और उसकी नाक से रक्त बह रहा है, तब उसके
पिता ने क्रोध में आकर अपने जमाताको भार्याद्रोही जानकर रस्सी से बांध दिया।Betal pachis tisari kahani in hindi
___वासुदत्ता की बातें सुनकर उसका पिता तथा अन्य सभी लोग समुद्रदत्त के
प्रतिकूल हो गए थे। अतः बांधे जाने पर भी उसने गूंगे की तरह कुछ न कहा। इसी
हो-हल्ले में धीरे-धीरे रात बीत गई। तब, सब कुछ जानता हुआ भी वह चोर, चुपके
से वहां से चला गया।Betal pachis tisari kahani in hindi
समुद्रदत्त का श्वसुर वह बनिया, उसे तथा कटी नाक वाली अपनी बेटी को लेकर
राजा के दरबार में पहुंचा। सारा वृत्तांत सुनने के बाद राजा ने समुद्रदत्त को दोषी मानते
हुए उसे प्राणदंड की आज्ञा दे दी। अनंतर, जब बांधकर उसे वधस्थल की ओर ले जाया
जा रहा था, तब वह चोर राजा के आदमियों के पास आकर बोला-“हे अधिकारियों,अकारण ही इस व्यक्ति को प्राणदंड नहीं देना चाहिए। यह निर्दोष है, सारी बातें मैं
जानता हूं। तुम लोग मुझे राजा के पास ले चलो, जिससे मैं उन्हें सारा वृत्तांत कह सकू।”
___ उसके ऐसा कहने पर कर्मचारी उसे राजा के पास ले गए। वहां अभयदान
मांगकर उस चोर ने आरंभ से उस रात की सारी बातें राजा को कह सुनाईं। उसने
राजा से कहा-“महाराज. यदि आपको मेरी बातों पर विश्वास न हो तो सत्य की
स्वयं ही जांच करवाएं। इसकी कटी हुई नाक अब भी उस शव के मुंह में है।”
___यह सुनकर राजा ने देखने के लिए अपने अनुचरों को उद्यान में भेजा और जब
सच्चाई मालूम हुई तो उसने समुद्रदत्त को रिहा कर दिया। राजा ने उस दुष्टा पत्नी के
कान भी कटवा दिए और उसे देश-निकाला दे दिया। उसने उसके श्वसुर की सारी
धन-संपत्ति भी जब्त करवा ली। इतना ही नहीं, उस चोर पर प्रसन्न होकर उसे नगर
का अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिया।
___ इतनी कथा सुनकर तोते ने राजा से कहा- “हे राजन, इस संसार में स्त्रियां
ऐसी दुष्टा और स्वभाव से विषम होती हैं।” इतना कहते ही, उस तोते पर से इंद्र का
श्राप जाता रहा और वह चित्ररथ नाम का गंधर्व बनकर, दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग
को चला गया। उसी तरह तत्काल ही मैना का भी श्राप दूर हो गया और वह भी
तिलोत्तमा नाम की अप्सरा बनकर सहसा ही स्वर्ग चली गई।
___ यह कथा सुनाकर बेताल ने राजा विक्रमादित्य से पूछा- “राजन, तोता-मैना के
अपने-अपने आक्षेपों का निराकरण हो गया था। अब तुम बताओ कि स्त्रियां निंदित
होती हैं अथवा पुरुष ? जानते हुए भी यदि तुम कुछ नहीं बताओगे तो तुम्हारा
मस्तक टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा।”Betal pachis tisari kahani in hindi
___ कंधे पर बैठे हुए बेताल की बातें सुनकर राजा ने कहा- “हे बेताल, निदिंत तो
स्त्रियां ही होती हैं। पुरुष शायद ही कोई, कभी और कहीं, वैसा दुराचारी होता है
लेकिन ज्यादातर स्त्रियां प्रायः सभी जगह और सदा ही, वैसी होती हैं।”Betal pachis tisari kahani in hindi
राजा के ऐसा कहते ही बेताल पहले की तरह फिर उसके कंधे से गायब हो
गया। राजा भी उसे वापस लेने के लिए फिर से उसी वृक्ष की ओर चल पड़ा।
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