“आँख का अंधा नाम नयनसुख ” ( Aankh Ka Andha Naam Nayan Sukh ) का अर्थ : कहा जाता है जैसा नाम वैसा काम, पर कई बार देखा जाता है की बहुत से लोगो के नाम उनके गुण के विपरीत होता है।
जैसे की जुग्गीलाल कई कम्पनियो का मालिक होता है, वही कुबेर नाम का आदमी कही चौकीदारी करता है। साधु सिंह कुख्यात डकैत, और जालीम नाम का व्यक्ति सज्जन होता है।
इस तरह के विपरीत नाम वाले व्यक्तियों के लिए ही कहा जाता है आंख का अँधा नाम नयनसुख ।
कहानी आँख का अंधा
कई साल पुरानी बात है। एक बहुत ही खूंखार राजा था, उसके कई राज्य जीत लिए थे। वो लंगड़ा होने के बावजूद लड़ाई करने से पीछे नहीं हटता था। बहुत सारे राज्यों को लूट के उसने अपने पास बहुत सारी दान दौलत जमा कर ली थी।
एक दिन उसका गाना सुनने का मन कर रहा था तो उसने अपने दरबारियों को बुलाया, और किसी अच्छे गायक को बुलाने के लिए कहा।
उन लोगो के ले अच्छे गायक को ढून्ढ के लाया पर वो अँधा था। राजा ने उसे गाना गाने के लिए कहा, उस गायक ने अपने गाना चालू किया। उसका गाना सुन के राजा और सारे दरबारी बहुत खुश हुए।
गाना सुनने के बाद राजा उस गायक की बहुत तारीफ करने लगे, की ऐसा संगीतकार उन्होंने कभी नहीं देखा और ना ही कभी ऐसा संगीत सुना। फिर राजा ने गायक से उसका नाम पुछा।
गायक ने राजा को अपना नाम बताया की उसका नाम दौलत है, उसकी बाते सुन के राजा को हंसी आ गई, राजा हसते हुए उससे कहा क्या दौलत अंधी होती है।
तब उस गायक ने राजा से कहा! महाराज माफ़ करिये, अगर दौलत अंधी नहीं होती तो लंगड़े के पास क्यों जाती। गायक की बात सुनकर राजा और दरबारी सभी हसने लगे। राजा ने उसे काफी सारा इनाम दे के वापस भेज दिया।
इस कहानी में दोनों लोग अपने नाम के अनुकूल नहीं है, राजा लंगड़ा होते हुए भी बादशाह था और गायक का नाम दौलत होते हुए भी वो गरीब था। तो इनके लिए ये कहावत कही जा सकती है, ” आँख का अंधा नाम नयनसुख ”
अवलोकन – inhindistory.com के द्वारा बताई गई, ( Aankh Ka Andha Naam Nayan Sukh) आँख का अंधा नाम नयनसुख की कहानी आपको कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।