यह एक भूत की कहानी है। साल 2004 की बात है, जिसमे उमेश नाम के एक टीचर को एक बार डर का अहसास (Dar Ka Ahsas) हुआ। एक गांव के छोटे से स्कूल में वो पढ़ाते थे, वो स्कूल में सारे बच्चों को बहुत प्यार करते थे।
बच्चे भी उनकी सारी बाते मानते थे। उनका घर स्कूल से बहुत दूर था और उन्हें आने जाने में बहुत दिकत होती थी इसलिए उन्होंने स्कूल में एक अच्छा सा कमरा देख कर वही पर रहने लगे, और बीच बीच में अपने गांव भी चले जाते थे।
Dar Ka Ahsas ( डर का अहसास )
कमरा एक दम अच्छा था, खिड़कियों से ताजी हवा आती थी, और स्कूल के थोड़ी ही दूर पर एक छोटा सा गांव था इसलिए कोई डरने की बात भी नहीं थी।
टीचर वहाँ आराम से रहने लगे। ऐसे ही कुछ दिन बीत गया, एक दिन टीचर रात में सो रहे थे, तभी उन्हें खिड़की से कुछ अजीब सी आवाज सुनाई दिया।
उन्होंने दरवाजा खोल कर देखा तो बाहर कोई नहीं था। उन्होंने उस आवाज को नजर अंदाज किया, और फिर दरवाजा बंद कर के सो गए। दूसरे दिन भी रात के समय फिर खिड़की से अजीब आवाज आने लगी, टीचर ने थोड़ा गुस्से में कहा – कौन हैं।
खिड़की पर जो इतनी रात को हमें परेशान कर रहा हैं और फिर ऐसा बोलते हुए दरवाजा खोले और वही पर खड़े होकर उस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे, लेकिन फिर कोई आवाज सुनाई नहीं दी।
समय बदलता रहा और ऐसे ही हर रोज वह रात को सोते समय उस अजीब सी आवाज को सुनने की कोशिश करते रहे लेकिन उन्हें कुछ नहीं सुनाई देता था। कई महीने बाद, उन्हें पता चला कि उस कमरे में कई सारी घटनाये घट चुकी थी।
एक दिन शाम को टीचर उदास होकर बाहर बैठे हुए थे तभी गांव का एक आदमी आकर पूछा, क्या हुआ मास्टर जी, आप इतने उदास क्यों हैं। तब टीचर ने उस आदमी को रात में होने वाली सारी घटना को बता दिए।
तब उस आदमी ने टीचर को बताया – बहुत साल पहले इस कमरे में कई सारी घटनाये हो चुकी हैं, और इस कमरे में एक स्वामी नाम का आदमी अपने परिवार के रहता था, किसी कारण वस उसके परिवार वाले ही उसकी हत्या कर दिए।
और इस कमरे को छोड़ कर भाग गए, तब से लेकर आज तक इस कमरे में हमेशा भूत का वास रहता हैं और रात को आते जाते लोगो को परेशान करता रहता हैं। टीचर इस बात को सुनकर काफी डर गया था, और कमरे में जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था।
जैसे तैसे करके रात गुजारा और दूसरे दिन ही वो स्कूल छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए अपने गांव चला गया, और कभी उस कमरे को देखने के लिए भी नहीं आया क्योंकि उसे डर का अहसास होने लगा था।
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अवलोकन – मुझे आशा है कि आपको यह डर का अहसास (Dar Ka Ahsas) की कहानी अच्छी लगी होगी! आपको ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।