यह कहानी है एक डरावनी हवेली (Daravani Haveli Ki Kahani) के बारे में। किसी गांव में रोहन नाम का एक लड़का था। उसकी उम्र लगभग 14 से 15 साल था, वह बहुत सुन्दर और पढ़ने में बहुत होशियार था।
अपने माता पिता का आज्ञाकारी लड़का था। उसे पढ़ने का बहुत शौख था। पूरा पूरा दिन दिन पढ़ता ही रहता था। स्कूल के टीचर भी रोहन से बहुत ख़ुश रहते थे। एक दिन टीचर ने सारे बच्चों को अपने साथ पिकनिक पर लेकर गए।
Daravani Haveli Ki Kahani
जिसमे रोहन भी साथ में गया। टीचर ने सारे बच्चों को एक ही दिन में सब जगह घुमा दिया। घूमते घूमते शाम हो गयी। तो टीचर ने गांव के पास एक मंदिर में रात गुजारने की फैसला किया।
मंदिर के बगल में एक घना जंगल था और उस जंगल के बिच में एक बहुत सुंदर हवेली था। शाम के लगभग 7 बज रहा था। रोहन ने उस हवेली को दूर से देख लिया था और उसे नजदीक से देखने की इच्छा होने लगी।
रोहन टीचर से बिना बताये उस जंगल की ओर चल पड़ा। जंगल बहुत ही ज्यादा घना था, फिर वो उस हवेली के पास पंहुचा। जैसे ही उसने हवेली के चौखट पर गया उसे बहुत तेज से ठोकर लगा और वो वही पर गिर गया।
फिर रोहन खड़ा हुआ और देखा की हवेली काफ़ी साल पुरानी थी, और काफ़ी सारे उगी हुई बेल के पतों से घिरी हुई थी और मकड़ी के जाले से ढकी हुई थी।(Daravani Haveli Ki Kahani)
खौफनाक माहौल के बावजूद भी रोहन की जिज्ञासा उस पर हावी हो गई, और उसने हवेली का पता लगाने का फैसला किया। जैसे ही रोहन ने हवेली में प्रवेश किया, उसने महसूस किया कि हवेली के अंदर की हवा काफ़ी ठंडी और शीतल हैं।
और उसका का पूरा शरीर ठंडा हो रहा हैं। फिर उसने जैसे ही हवेली के चौखट पर पैर रखा तो उसे ऐसा लगा की उसके पैरों के नीचे के फर्श चरमरा रहा हैं। रोहन ने सावधानी से पत्ते और जालों को हटाते हुए कमरे के अंदर गया।
अचानक, रोहन को एक कमरे से एक धीमी सी आवाज़ सुनाई दी। वह सावधानी से कमरे के पास पहुँचा और जैसे ही अंदर झाँका तो उसने देखा की कमरे के दिवार पर एक भूतिया परछाई हवा में तैर रहा था। भूत के लंबे, लहराते सफेद बाल और एक पीला, डरावना चेहरा था।
रोहन का शरीर डर के मारे थर थर कापने लगा, उसे बिलकुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। भूत को भी पता चल गया की इस कमरे में कोई आ गया हैं। और वह अपना डरावना चेहरा लेकर रोहन की ओर मुड़ा।
फिर उसने अपना मुंह खोला और खून से लथपथ चीख निकाली, जिससे रोहन पीछे मुड़ा तो उस भूत को अपने सामने देख लिया और जितनी तेजी से दौड़ सकता था, उतनी तेजी से वहाँ से भागा।
रोहन ने तब तक दौड़ना बंद नहीं किया जब तक कि वह अपने स्कूल के सारे बच्चे और टीचर के पास नहीं पहुंच गया। फिर वह उस पुरानी और डरावनी हवेली में कभी नहीं गया, रोहन ने वहाँ जाकर सारी बाते टीचर को बताई।
टीचर ने ये सारी बाते वहाँ पर रहने वाले आस पास के लोगो को बताया। फिर उनलोगो ने बताया की बहुत पहले एक औरत यहाँ पर रहती थी और किसी कारण वस उनकी मौत हो गयी।
और भूत बनकर वह सबको डराती थी और जो भी उस हवेली में जाता था जिन्दा वापस नहीं आता था। इसलिए तब से कोई भी उस हवेली में दुबारा नहीं गया। इस लड़के का नसीब अच्छा था की ये वापस जिन्दा आ गया।
आपलोग की भलाई इसी में हैं की आपलोग जल्द से जल्द यहाँ से चले जाइये। रोहन और उसके टीचर वहाँ से उसी समय अपने घर वापस चले गए।
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अवलोकन – मुझे आशा है कि आपको यह डरावनी हवेली की कहानी (Daravani Haveli Ki Kahani) अच्छी लगी होगी! आपको ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।