Ek Darawni Raat Ki Kahani – एक डरावनी रात की कहानी

यह कहानी है एक डरावनी रात ( Ek Darawni Raat ) की। किसी गांव में, बंटी नाम का एक लड़का रहता था। वह परीक्षा देने के लिए गुजरात जा रहा था। ठंडी का दिन था। चारों तरफ से कोहरा छाया हुआ था। आमने-सामने भी कोई नहीं दिख रहा था। पुरे पंद्रह घंटे के बाद वह गुजरात पहुंच गया था।

Ek Darawni Raat

परीक्षा अगले दिन थी। इसलिए वह एक हॉटेल में रहने के लिए सोचा। रात हो गई थी और कही भी उसे। उसके बजट में सस्ता हॉटेल मिल नहीं रहा था। काफ़ी ढूंढ़ने के बाद उसे एक सस्ता हॉटेल मिला।

वह उस हॉटेल में एक कमरा बुक करवाया। और जब वह कमरे में गया तो देखा की कमरे के चारों तरफ जाले लगे हुए थे। ऐसा लग रहा था की यह कमरा काफ़ी सालों से बंद पड़ा था। और कमरे के अंदर का माहौल एकदम डरावना और सुनसान लग रहा था।

लेकिन उसने ये सब नजरअंदाज कर दिया और हॉटेल से खाना मंगवाया और खा – पीकर सोने चल दिया। जब वह सो रहा था, तो लगभग रात के एक बजे के करीब उसे किसी के पायल की घूँघरू की आवाज सुनाई दी। वह रात थी Ek Darawni Raat

बंटी तुरंत नींद से उठ गया और जल्दी से खिड़की के पास गया। ये पता करने के लिए को इतनी रात को किसकी पायल की आवाज सुनाई दे रही हैं। और इस सुनसान रास्ते में कौन आधी रात को घूम रहा हैं।

क्योंकि वहाँ हॉटेल में बंटी और मैनेजर के अलावा कोई भी नहीं था। तो ये फिर किस औरत की पायल की आवाज सुनाई दे रही हैं। बंटी खिड़की पर काफ़ी देर तक खड़ा रहा लेकीन उसे कोई भी नहीं दिखाई दिया।

फिर उसने अपने कमरे से मैनेजर को फ़ोन किया और उसे बताया की मुझे इतनी रात को, कब से किसी की, पायल की आवाज सुनाई दे रही हैं। आपको भी दे रही हैं क्या? मैनेजर ने कहा की सर ऐसी कोई बात नहीं हैं। आपको हवा से ऐसा लग रहा होगा।

वैसे भी ये जंगली इलाका हैं यहाँ पर तो हल्की हवा भी तूफान के जैसी लगती हैं। आप सो जाइये ऐसी कोई बात नहीं हैं। बंटी मैनेजर की बात पर भरोसा करके फिर से सोने चला गया। कुछ देर बाद उसे दुबारा वही पायल की आवाज पहले से भी ज्यादा तेज सुनाई देने लगी।

इस बार उसने अपने कमरे का दरवाजा खोला और सीधा हॉटेल के बाहर देखने के लिए चला गया। जब वह बाहर आया तो देखा की एक काफ़ी लम्बी औरत हैं, जो सफ़ेद साड़ी पहनी हुयी थी। उसके काफ़ी लम्बे बाल थे। और चेहरा ढका हुआ था।

वह अपने हाथ में एक नारियल ले करके हॉटेल के चारों तरफ चक़्कर लगा रही थी। ऐसा लग रहा था की मानो अपने पायल की आवाज से किसी को बुला रही हैं। बंटी दौड़ कर उसके पास गया की, कौन हैं ये औरत जो इतनी रात को यहाँ घूम रही हैं।

लेकिन वह तुरंत ही गायब हो गई और चारों तरफ कोहरा ही कोहरा फ़ैल गया। बंटी भी थोड़ा घबरा गया। क्योंकि जिस औरत को वह सामने से देखा था, अब वो नहीं दिख रही थी।

बंटी अपने हॉटेल में वापस जाना चाहा लेकिन फिर उसे दुबारा पायल की आवाज सुनाई देने लगी। यह कहानी है एक डरावनी रात के बारे में।

बंटी अब उसे ढूंढ़ते हुए जंगल की ओर जाने लगा। चलते चलते वह अपने हॉटेल से इतनी दूर आ गया उसे पता ही नहीं चला। फिर उसने उस घने जंगल में कुछ ऐसा देखा की उसका दिल दहल गया।(Ek Darawni Raat)

उसने देखा की उस औरत ने एक पीपल के पेड़ के नीचे पांच – छः लाश रखी थी। और बारी बारी से एक – एक को नोच नोच कर खा रही थी। उसका मुँह खून से लथपथ था और चेहरा भी एक दम डरावना था।

बंटी जब ये सब देखा तो उसके पाव तले जमीन खिसक गई। ये सब नजारा देखटे ही उसे डर के साथ साथ रोना भी आने लगा की वह चुड़ैल अब मुझे भी मार देगी। क्योंकि अपने पायल के आवाज से यहाँ तक तो मुझे लेकर आयी हैं।

लेकिन उसने हिम्मत से काम लिया और और हनुमान चालीसा पढ़ते पढ़ते धीरे से वहाँ से भाग गया ताकि भूत उसे देख ना ले, लेकिन भूत तो भूत होते हैं। बंटी जैसे ही वहाँ से भागने की कोशिश किया। वो चुड़ैल अचानक उसके सामने आ गई।

और उसे इशारों से अपने अड्डे पर ले जाने लगी, जहाँ पर उसने लासे रखी थी। बंटी हनुमान जी जाप करके इतनी तेजी से वहाँ से भागा की मानो जैसे उसके अंदर किसी की शक्ति आ गई हो।(Ek Darawni Raat)

भागते भागते सीधा वह अपने हॉटेल वापस आ गया। वहाँ थोड़ी देर रुका तो उसे एक आदमी दिखाई दिया। उसे देख कर ऐसा लग रहा था की ये अच्छा आदमी हैं। वह बंटी के पास आकर बोला, अरे भाई क्या हुआ तुम्हे, इतना डरे हुए क्यों हो।

बंटी ने सारा किस्सा उस आदमी को सुनाया तो उसने बताया की भाई तुम बहुत किस्मत वाले हो की आज तुम बच गए। वो भूत किसी को भी नहीं छोड़ती। और तुम इस हॉटेल में क्या कर रहे हो, इसको तो बंद हुए काफ़ी साल हो गए। यह कहानी है एक डरावनी रात के बारे में।

बंटी जब उस आदमी का इतना बात सुना तो उसका डर कर मारे पसीने निकले लगे। फिर वह आदमी बताने लगा की इस हॉटेल में बहुत साल पहले एक लड़की के साथ चार-पांच लड़के, उसका भयानक तरीके से रेप करके मार दिये थे।

लड़की तो मर गई लेकिन किसी को भी नहीं छोडी, और जो भी रात के समय में इस रास्ते से गुजरता हैं सबको अपने कब्जे में कर लेती हैं और मार देती हैं। और कुछ दिन बाद इस हॉटेल पर पुलिस का छापा पड़ा तब से ये हॉटेल बंद है।

बंटी जब उस आदमी की पूरी बातें सुना तो वह बहुत जोर जोर से रोने लगा। ये सोच कर की आज मैं मर जाता। फिर वो आदमी बंटी को चुप कराया और बोला चलो, आज रात तुम मेरे घर रह लो, मेरा घर पास में ही हैं।

डरो मत अब मैं आ गया हूँ न। बंटी उस आदमी को धन्यवाद किया और उसके साथ उसके घर चला गया। और अपने आप से एक वादा किया की आज के बाद वह भूल कर भी कभी अनजान जगह पर नहीं जाऊंगा।(Ek Darawni Raat)

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अवलोकन – मुझे आशा है कि आपको यह ( Ek Darawni Raat ) एक डरावनी रात की कहानी अच्छी लगी होगी! आपको ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।

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