एक कहावत हैं की ( Saanp Ko Doodh Pilana ) सांप को दूध पिलाना, उसके जहर को बढ़ाना हैं। कहने का मतलब यह हैं की एक दुष्ट व्यक्ति को अच्छी से अच्छी सलाह भी उसे बेकार ही लगती हैं।
अगर कोई उसे अच्छी बात बता रहा हैं या फिर कोई उसे अच्छे राह पर चलने को कह रहा हैं तो उसे लगता हैं की मेरा मज़ाक उड़ाया जा रहा हैं।
एक समय की बात हैं। किसी जंगल में एक बहुत ही घना बरगद का पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत सारी चिड़िया अपना घोंसला बनाकर रहती थी। और उसी जंगल में कुछ बंदर भी रहते थे। बरसात का समय था। एक दिन बहुत जोरों की बारिश होने लगी।
सारी चिड़िया अपने अपने घोसले में चली गई, और बारिश का आनंद लेने लगी। लेकिन वहीँ बगल के एक पेड़ पर कुछ बंदर बैठे थे और बारिश से भींग रहे थे।
Saanp Ko Doodh Pilana
कुछ देर बाद बारिस बहुत ज्यादा होने लगी तो वे ठंढ के मारे कापने लगे, और उस बारिश से बचने के लिए पेड़ के डाली से चिपके हुए थे।बंदरो का यह हालत देख कर चिड़िया को रहा नहीं गया और उसने तुरंत बंदर से बोला.
बन्दर भाई तुमलोग अपने लिए एक घर क्यों नहीं बनाते। तुम्हारे पास तो दो हाथ हैं, इससे तुम अपने लिए एक अच्छा-सा घर बना सकते थे। लेकिन तुमलोग पूरे दिन इधर उधर घूमते रहते हो। और तुम्हे आनेवाली बरसात की कोई चिंता ही नहीं रहती हैं।
इसी वजह से आज तुम्हारी यह हालत हुई हैं। हमारे पास तो काम करने के लिए सिर्फ एक चोंच ही हैं। फिर भी हमने दिन भर मेहनत करके इधर उधर से तिनके लाकर बहुत सारी कठिनाइयों को सहकर एक घोसला बनाया हैं।
इसलिए अब हम इस भारी बरसात में आराम से अपने घोसले में रह रहे हैं और बारिश का आनंद ले रहे हैं। अब हमें बारिश से कोई डर नहीं हैं।चिड़ियों की ये बात सुनकर सारे बंदर बहुत गुस्सा हो गए।
तभी एक बंदर गुस्से में बोला – अरे ओ दुष्ट चिड़िया, हम इधर बारिश में भीग कर ठंड के मारे काप रहे हैं, और तू हमारा मज़ाक उड़ा रही हैं। एक छोटा सा घास फुस के घोसले पर तुझे इतना घमंड हो गया हैं की तू हम कामचोर और आलसी बोल रही हैं।
रुक जा, बारिश बंद होने दे, फिर देख हम क्या करते हैं। फिर थोड़ी देर बाद बारिस बंद हुई और सारे बंदरो ने मिलकर सभी चिड़ियों के घोसले को तोड़ कर इधर – उधर फेक दिए, और बोले – अब बोल चिड़िया, और कुछ बोलना हैं तुझे।
चली आयी हमें आलसी बोलने वाली। इतना बोलकर बंदर दूसरे पेड़ पर जाकर उछल-कूद करने लगे। चिड़िया बेचारी उन दुष्ट बंदरो के सामने कुछ नहीं कर पायी और अपना टुटा हुआ घोंसला देखकर रोने लगी।
इसलिए कहा गया हैं की दुष्टों और हरामियों से हमेशा दूर रहना चाहिए, क्योंकि उनसे अच्छी बाते कहो तो उन्हें लगता हैं की उनका मज़ाक उड़ाया जा रहा हैं। इसलिए कहा जाता हैं की सांप को दूध पिलाना, उसके जहर को बढ़ावा देने के बराबर हैं।
अवलोकन – inhindistory.com के द्वारा बताई गई, ( Saanp Ko Doodh Pilana ) सांप को दूध पिलाना, उसके जहर को बढ़ाना की कहानी आपको कैसी लगी हमें comment कर के अवश्य बताये।