जंगल का भूत
आज हम इस पोस्ट में जंगल का भूत की कहानी पढ़ेंगे एक बहुत पुरानी कहानी हैं। नदी किनारे एक बहुत सुन्दर गांव था। वहाँ के लोग बहुत अच्छे थे , लोगो में एकता भी बहुत थी। सब एक दूसरे से मिल- जुल कर रहते थे।
और एक दूसरे के काम में हाथ बटाते थे। कभी किसी से भी नाराज नहीं होते थे। उस गांव में कुछ बड़े लोग भी रहते थे और कुछ छोटे लोग भी थे, जिसमे से अधिकतर लोग किसान थे।
गांव के बगल में एक बहुत ही घना जंगल था। वो जंगल देखने में तो बहुत ही सूंदर था ,लेकिन उतना ही डरावना था। उस जंगल में एक बहुत ही डरावना भूत रहता था।
वह भूत इतना शैतान था की रात में हर एक से दो दिन बाद किसी न किसी को मार कर ही दम लेता था। दिन में जो भी उस जंगल में जाता था उसको भूत कुछ नहीं करता था।
लेकिन जैसे ही रात होती थी वो गांव वालो को परेशान करना शुरू कर देता था। गांव वाले बहुत डरे रहते थे। उसके डर से शाम होते ही सब अपने अपने घर का दरवाजा बंद कर देते थे और पुरे गांव में सन्नाटा फ़ैल जाता था।
भूत जब रात को गांव में आता था तो कभी किसी पशुओं को नुकसान पहुँचाता तो कभी किसी आदमी को डराता था। उसके डर से कभी कोई रात को घर से बाहर नहीं निकलता था। उस भूत ने इतना दहशत फैला दिया था की गांव के लोग थर- थर काँपते थे।
गांव वाले जब भूत से बहुत परेशान हो गए तो सोचा की हमें कुछ करना चाहिए। एक दिन एक बड़े ज्ञानी साधु उस गांव से गुजर रहे थे। गांव के एक आदमी ने उस साधु को देखा।
और उसके पास जाकर उसका पैर पकड़ लिया और बोला- बाबा हमें बचा लो हम सारे गांव वाले बड़ी मुसीबत में हैं। साधु बोला की बेटा क्या बात है , तुम मुझे साफ – साफ बताओ।
तो उस आदमी ने साधु को गांव में लेकर आया और सारे गांव वालो को इकट्ठा किया और बोला बाबा हमारे गांव में रोज रात को एक भूत आता है। और वो हमलोग को इतना डराता हैं।
की हम अपने घर से बाहर निकलने में थर- थर काँपते है। आप इस भूत से बचने के लिए कोई उपाय बताओ। तभी पीछे से सारे गांव वाले बोलने लगे – हाँ बाबा इस भूत से हमारा पीछा छुड़वा दो।
साधु ने गांव वालो की बात ध्यान से सुना और बोला की भूत जहाँ रहता है। वो जगह दिखाओ मुझे। तो गांव वालो ने साधु को लेकर उस जंगल में चले जाते है। साधु अपने तंत्र मंत्र से भूत को काबू में लाने की कोशिश करता है। लेकिन नाकामयाब हो जाता है वह कुछ नहीं कर पाता है ।
फिर वह दूसरे दिन भी कोशिश करता है। बहुत कोशिश करने के बाद उसके दिमाग में एक उपाए आता हैं। और सब गांव वालो से कहता है की अब आपलोग को डरने की जरुरत नहीं हैं।
मेरी बातें को ध्यान से सुनो। भूत तो बस रात के अँधेरे में आता हैं। वह दिन में कभी नहीं आता हैं। इसका मतलब उसे रौशनी से बहुत डर लगता है।
और अगर हम रौशनी का सहारा ले तो भूत से छुटकारा पाया जा सकता हैं साधु की बात सुनकर सभी गांव वाले मिलकर एक योजना बनाते है की रत में हम गांव के अंदर और बाहर रौशनी ही रौशनी फैला देंगे।
दूसरे दिन सभी गांव वाले मिलकर अपने अपने हाथ में मशाल लेकर गांव के चारो तरफ चले गए। और सब जगह मशाल की रौशनी फैला दी रात को जब भूत जंगल से निकलकर गांव में जाता है तो सभी गांव वालों के हाथ में मसाल देखकर डर जाता है। और वापस जंगल की ओर भाग कर एक पेड़ में छिप जाता है।
उसके पीछे पीछे गांव वाले भी जंगल में पहुंच जाते है। सब मिलकर उस साधु की मदद से उस भूत को पकड़ लेते है। साधु ने उस भूत को एक पेड़ में बांध दिया।
और गांव वाले उस जंगल का भूत को उस पेड़ के साथ जला देते है। सब गांव वाले साधु बाबा को धन्यवाद देते है और वहाँ से वापस अपने घर आते है बिना किसी डर के हसी -खुसी से रहने लगते है। अब उनको किसी भी भूत का डर नहीं रहता है।
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सारांश: जंगल का भूत की कहानी से सीख, अगर हम दिमाग का इस्तेमाल अच्छे से करे तो किसी भी तकलीफ से बाहर निकल सकते है। जंगल का भूत की कहानी आप लोगो को कैसी लगी हमें जरूर बताये।