यह कहानी है (Bhoot Ko Mili Mukti) भूत को मिली मुक्ति के बारे में। एक समय की बात है, एक गाँव था। गाँव के बाहर थोड़ी ही दूरी पर एक पुराना बहुत बड़ा घर था। उस गांव के लोग कहते थे की उस घर में एक भूत रहता हैं।
एक दिन, एक लड़का उस घर में घूमने गया। उसने लोगों से उस घर की कहानी सुनी थी, लेकिन उसने सोचा कि यह सिर्फ एक अफवाह हैं।लड़का घर के अंदर गया।
Bhoot Ko Mili Mukti
पूरा घर मकड़ी के जालो से भरा हुआ था, और अंधेरा भी काफ़ी था। वह अंधेरे और खाली कमरों से घूमता रहा। कुछ देर के बाद वह थोड़ा सा डरा, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
अचानक, लड़का के कानो में एक अजीब सी आवाज सुनाई दी। वह आवाज उसके पीछे से आ रही थी। वह लड़का झट से घूम कर पीछे देखा तो उसे वहाँ कोई नहीं दिखा।
लड़का फिर से आगे बढ़ा। उसने एक कमरे में से एक सफेद और डरावनी परछाई उसके सामने आते हुई दिखी। वह लड़का उस परछाई को देख कर थोड़ा थोड़ा पीछे हटने लगा, लेकिन धीरे धीरे परछाई उसके पास आ गई।
लड़का बहुत डर गया। उसने वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन वह भाग नहीं सका क्योंकि वह परछाई एकदम उसके नजदीक आ गई थी। जब वह परछाई उसके सामने आई तो उसे पता चला कि वह एक भूत हैं।
भूत ने लड़के को देखा और कहा, “तुम यहां क्यों आए हो?” लड़का डर से कांप रहा था। उसने कहा, “मैं गांव में किसी से इस घर के बारे में सिर्फ एक कहानी सुना था, की इस घर में एक भूत रहता हैं।
और बस इसीलिए यहाँ आ गया, ये पता करने की सच में यहाँ भूत रहता हैं? भूत ने कहा, “यह कहानी सच है। मैं एक बुरा आदमी था। मैंने लोगों को नुकसान पहुंचाया।”इसलिए लोगों ने मुझे मार दिया।
लड़का ने भूत के सामने हाथ जोड़कर कहा, “मुझे माफ़ कर दो।” अब मैं इस हवेली में दोबारा कभी नहीं आऊंगा। भूत ने कहा, ” मैं भी तुम्हारे की तरह हाथ जोड़कर सबसे माफ़ी मांगी थी लेकिन मुझे माफ नहीं किया गया,और सब मिलकर मुझे मार डाले।
लेकिन तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करूंगा। मैं तुम्हें एक बात बताता हूं, बस तुम मेरा एक काम कर दो। भूत ने लड़के को बताया कि लोगों ने मुझे मार तो दिया लेकिन मेरा अंतिम संस्कार नहीं किया।
इसलिए मैं इस हवेली में फंसा हूँ। मर तो गया हूँ, लेकिन मेरी आत्मा अभी भी हवेली में घूम रही है। लड़का ने कहा, “मैं आपकी मदद कर सकता हूँ।”
लड़के ने भूत को बताया कि मैं एक पुजारी को जानता हूं, वह आपको इस भूत के शरीर से मुक्त कर देंगे। मैं अभी उसे पुजारी को बुला कर लाता हूं।
लड़के ने पुजारी को बुलाया। पुजारी ने हवेली में आकर पूजा पाठ किया और भूत को मुक्त कर दिया। जब भूत को मिली मुक्ति तब उसने लड़के को धन्यवाद दिया और उसने कहा, “तुमने मेरी मदद की। मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा।”
भूत ने हवेली छोड़ दी और कभी वापस नहीं आया। ये सारी बाते गांव के लोगो को पता चली। इसके बाद से वहां के लोग बिना किसी डर के अपनी जिंदगी आराम से जीने लगे।
सारांश – यह कहानी हमें सिखाती है कि बुराई को हमेशा माफ नहीं किया जा सकता। लेकिन अच्छे लोग हमेशा मदद कर सकते हैं।
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