कहानी 1. भूत का घर (Bhoot Ki Kahani)
यह एक भूत की कहानी ( Bhoot Ki Kahani ) है। रोहन नाम एक मेरा दोस्त था। उसकी तुरंत ही नौकरी लगी थी, और उसकी पोस्टिंग मेरे ही गांव में हुई थी।
गांव से थोड़ी ही दूर पर एक बहुत बड़ा और पुराना घर था, जो की बहुत साल से बंद पड़ा था। रोहन ने किराये पर रहने के लिए वो घर ले लिया। और आराम से अपनी नौकरी करने लगा।
कुछ समय बाद कुछ ऐसा हुआ, एक रात, जब वह सो रहा था तो उसे एक अजीब सी आवाज सुनाई दिया, जो किसी जानवर के आवाज की तरह था।
शुरुआत में, रोहन उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन फिर दूसरे दिन भी उसे वही आवाज दुबारा सुनाई देने लगा, फिर वो सोचने लगा कि इस घर में कोई भूत (Bhoot) हैं, जो मुझे डराने की कोशिश कर रहा हैं।
खैर रोहन भूत प्रेत को नहीं मानता था इस वो आराम से सो गया, कुछ समय बाद जब रोहन की नींद खुली तो सामने एक डरवाना काला साया दिखाई दिया।
रोहन इसके पहले कुछ करता वो खुद बेहोस होकर गिर गया। कुछ घंटे बाद जब उसे होश आया तो भागकर उस घर के मालिक के पास गया। और सारी घटना के बारे में बताया।
फिर मालिक ने रोहन को बताया की हमारे घर के ऊपरी मंजिल में एक भूत (Bhoot) रहता हैं, बहुत साल पहले इस गांव के कुछ लोग उसके साथ गलत व्यवहार करके उसकी हत्या कर दिए थे। तब से लेकर आज तक उसकी लास का पता नहीं चला हैं।
कई लोग तो यह भी बताते थे की रात के समय में इस रास्ते से अगर कोई जाता था तो वो भूत उसे अपने घेरे में ले लेता था और कई दिनों तक उसका पीछा नहीं छोड़ता था लेकिन उसे अभी तक कोई देखा नहीं हैं, कभी कभी उसकी डरावनी आवाज सुनाई देती थी और सबकी नींद उड़ा देती थी।
रोहन मकान मालिक की पूरी बात सुनने के बाद सोचा की यह सब कुछ केवल एक कल्पना और बकवास बाते हो सकती है। क्योंकि वो भूतों में विश्वास नहीं करता था। इसलिए वो वहाँ से चुप चाप अपने घर चला गया।
कुछ दिन बाद रात के समय लगभग 11 बजे के करीब रोहन खाना खा कर टहल रहा था तो उसने देखा की चारो तरफ अंधेरा छाया हुआ था, और एकदम शांत माहौल था।
फिर उसकी नजर दिवार पर गयी और देखा की घर के सारे दीवारों दरवाजों पर जानवरों की तरह कुछ निशानें बनी हुई थीं, और बहुत से वस्तुओं को बिना किसी वजह के ही अलग-अलग जगहों पर रख दिया गया था। इससे पहले उसने वहाँ कुछ भी ऐसा नहीं देखा था।
फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ, की उसकी रूह काप गयी, रोहन अपने घर में अकेले सो रहा था, तब उसे एक डरावनी सी आवाज सुनाई दिया.
रोहन नींद से उठ गया और इधर उधर देखने लगा की कौन हैं जो इतनी डरावनी आवाज निकाल रहा हैं लेकिन कही से भी कोई दिखाई नहीं दिया और थोड़ी ही देर में वो आवाज बार बार सुनाई देने लगी।
जल्दी से रोहन अपने कमरे की लाइट जलाया तो देखा की एक बहुत ही भयानक और डरावनी दृश्य उसके सामने खड़ा हैं और उसे घूर रहा हैं। अब रोहन डर के मारे थर थर कापने लगा और उसकी आवाज भी नहीं निकलना बंद हो गया था।
फिर उसने मन में ही सोचा की मैं अपने सपनों में भी नहीं सोच सकता था की मेरे साथ कभी भी कुछ ऐसा होगा। हे भगवान अब आप ही मेरी कुछ मदद करिये। उसने देखा की कमरे के बीच में एक आदमी खड़ा था, जिसका शरीर काफ़ी लम्बा और डरावना था।
दूध के तरह उजले और लहराते बाल थे और दोनों आँखे खून से लथपथ थी। वह भूत (bhoot) को डरावने रूप में अचानक अपने सामने देख कर उसकी हालत ख़राब हो गई थी,
रोहन ऐसा भयानक और डरावना भूत अपने जिंदगी में कभी पहले नहीं देखा था। जैसे तैसे करके वह उस घर से भागा। यह एक Bhoot Ki Kahani है।
खैर उस घर से निकलने के बाद, उसे ऐसा लगने लगा था कि वह सारी रात उस घर में वो अकेले नहीं था। उसके साथ शायद कोई भूत (bhoot) था।
उसने बार-बार पीछे मुड़ कर देखा लेकिन कुछ नहीं था। लेकिन कुछ देर बाद फिर से सोचने लगा, कही ये मेरा भ्रम तो नहीं है। और उसके दिमाग में भूतों और अदभुत चीजों की तस्वीरें आने लगी।
सच्चाई जानने के लिए उसने दोबारा उस कमरे में जाने का फैसला किया, लेकिन इस बार उसने अपनी दोस्त को साथ ले कर गया। दोनों फिर से उस घर में पहुंचे और उन्होंने कमरे की लाइट चालू कर दी।
इस बार उन्हें घर में पहले से भी ज्यादा डरावना दृश्य दिखाई दिया। दीवार के चारों तरफ लिखे हुए कुछ शब्द और तस्वीरें थीं, जो उन्हें अजीब लग रही थी। फिर उन्हे घर के एक कोने में बहुत बड़ा लोहे का बना हुआ एक डब्बा दिखा।
जब वे लोग उस डब्बे को खोला तो उन्हें एक भयानक चीज देखने को मिला। उस डब्बे में एक आदमी का लाश पड़ा हुआ था, जिसका सिर अलग हो गया था।
वो दोनों उस लास को देख कर पहले से और ज्यादा डर गए और उसे वही छोड़ दिया और उस घर से निकलकर भागने लगे।
लेकिन जैसे ही दोनों वहाँ से भागने लगे, वैसे ही उनके कानो में एक डरावना आवाज सुनाई दिया। जैसे उन्हें कोई (bhoot) कह रहा हो, वही रुक जाओ यहाँ से वापस जाने का सोचना भी मत, अब तुम दोनों मेरे शिकार बन गए हो, रुक जाओ वही पर नहीं तो मैं तुम्हे अभी मार डालूंगा।
रोहन और उसके दोस्त वही रुक गए और पीछे मुड़ कर देखा तो उन्हें कोई नहीं दिखाई दिया,बस उसकी आवाजे सुनाई दे रही थी।
फिर क्या था, वोलोग एक दूसरे का हाथ पकड़ा पर वहाँ से भागते हुए उस घर से कही दूर रुके।
थोड़ी ही देर में सुबह हो गई। दोनों दोस्त गांव में गए, और डरते हुए उन्होंने अपनी घटना सारे गांव वालो से बताया।
और उनलोगों को सावधान करवाया की गलती से भी कोई इस घर में न जाये, हमलोग तो जैसे तैसे करके वहाँ से भाग गए लेकिन अब दुबारा कोई वहाँ गया तो शायद वो जिन्दा वापस ना आये।
आप आप लोग कभी मत जाइएगा। और रोहन उसी दिन अपना पोस्टिंग किसी और जगह करवाया और उसी दिन वहाँ से अपना सारा सामान लेकर हमेशा हमेशा के लिए चला गया।
दिन पर दिन रोहन उस घर की घटना भूलने की कोशिश करता, लेकिन वो उस घटना को कभी भी भूल नहीं पाया। और उसकी रात भी खराब होने लगा था, वो अब रात को सोने में डरने लगा था।
कहानी 2. सर कटा भूत (Bhoot Ki Kahani)
यह बात कई साल पुरानी है। रमेश नाम का एक लड़का था। जो भूतो पे विश्वास नहीं करता था। उनका मानना था कि भूत प्रेत नहीं होते। मगर एक हादसे के बाद उसकी यह सोच पूरी तरीके से बदल गई।
रमेश गर्मी की छुट्टियाँ मनाने के लिए अपने गांव गया हुआ था। जब पहले रमेश अपने गांव जाता था, तो वहां पर वह अपनी छुट्टियां आराम से मनाता और वापस आ जाता था। मगर इस बार, जब अपने गांव छुट्टियां मनाने के लिए गया।
तो वहां जाकर पता चला कि इस गांव में सर कटा हुआ एक भूत घूमता रहता है। खैर रमेश ये सब बातों पर विश्वास नहीं करता था। उसे लगा कि उसके घर वाले उसे बाहर घूमने नहीं देना चाहते। इस कारण यह अफवाह फैला रहे है।
एक दिन दोपहर के समय, गर्मी बहुत ज्यादा थी। इसलिए वह गांव की बगीचे की ओर चल गया। बगीचे में एक बहुत बड़ा तालाब था, रमेश वहीं बैठ कर, ठंडी ठंडी हवाओं का आनंद लेने लगा।
थोड़ी देर में उसे नींद आने लगी। तभी उसके पास कोई आकर बैठ गया, और उससे बात करने लगा। रमेश भी आधी नींद में उस आदमी से बात करने लगा। बातों ही बातों में उस आदमी ने रमेश का सारा अतीत उसे बता दिया।
अपना अतीत, किसी गांव के आदमी से सुन के, रमेश की थोड़ी सी नींद खुली और उसने सामने बैठे आदमी की ओर देखा, तो रमेश के होश उड़ गए। क्योंकि उस आदमी का सर, था ही नहीं।
एक ही झटके में उसकी नींद उड़ गई और उसकी आंखें खुल गई। तब तक वह आदमी भी वहां से गायब हो गया था। रमेश सीधा भाग कर अपने घर आया और शाम को रमेश की तबीयत भी खराब हो गई। रमेश बहुत बीमार पड़ गया।
जब रमेश के घर वालों ने उससे पूछा क्या हुआ है। तो रमेश ने सारा किस्सा घर वालो कि बता दिया। उसके घर वाले पास के ही गांव से, एक तांत्रिक को बुलाया।
जब तांत्रिक ने उसका झाड़-फूंक किया तब जाके रमेश की तबीयत में सुधार हुआ। उस घटना को सोच कर वह आज भी डर जाता है।
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अवलोकन – मुझे आशा है कि आपको यह भूत की कहानी (Bhoot Ki Kahani) की कहानी अच्छी लगी होगी! आपको ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये।