Bhutiya Kila – भूतिया किला: 2 रहस्यमयी और भयंकर सफर

1. रहस्यमयी Bhutiya Kila

भूतिया किला (Bhutiya Kila) रहस्यमयी और भयंकर सफर। पूरे गांव में एक अजीब सा माहौल बन गया था। बदलते मौसम के साथ वहाँ की धूप और छाया दोनों में ही डर का माहौल फ़ैल गया था। लोगों की आँखों में सिर्फ डर ही नजर आ रहा था।

गांव के निवासियों की इस भयभीत स्थिति का कारण था ‘भूतिया किला’ (Bhutiya Kila), जिसकी कहानी उनके दिलों में घर कर चुकी थी।

बहुत ही पुराने समय की बात है, जब किले पर एक महल बना था। वहाँ के बड़े-बड़े दरवाजे, सुंदर और कलात्मक सजावट देखकर लोगो को ऐसा लगता था कि किला किसी महान राजा की राजधानी हो सकता है।

परंतु यह दृश्य तो केवल बाहर से ही देखने के मिलता था, क्योंकि जैसे ही कोई व्यक्ति किले के अंदर कदम रखता, तो वह अद्भुत और डरावनी घटनाओं का शिकार हो जाता।

कहते हैं कि रात्रि के समय, किले की दीवारों से डरावनी आवाज सुनाई देती थी, जैसे कि कोई अदृश्य शक्ति उनकी ओर आ रही हो।

गांव के प्रत्येक निवासी ने इस भूतिया किले ( Bhutiya Kila ) की कहानियों को सुनकर रात्रि के समय उस किले के पास जाना बंद कर दिया था।

यह बात गांव के युवाओं को आश्चर्य में डालती थी, की आखिर रात के समय गांव वाले उस किले के पास भी नहीं जाते। वे लोग इस रहस्य का पता लगाना चाहते थे की, क्या वहां सच में भूत है, या बस लोगो का वहम है।

उन्होंने तय किया कि वे इस रहस्यमयी किले की सच्चाई को गांव वाले के सामने लाएंगे। एक दिन, गांव के युवाओं ने एक मीटिंग बुलाई और तय किया कि वे Bhutiya Kila के अंदर जायेंगे इस किले का राज जानने के लिए।

उन्होंने खुद को पूरी तरह से तैयार किया। वे लोग हर डर का सामना करने के लिए हिम्मत जुटाई और उस Bhutiya Kila के रहस्य का पता करने के लिए रात के समय उस किले के पास पहुंच गए।

जैसे ही वे लोग किले के दरवाजे पर पहुँचे, उन्होंने कुछ अजीब सी आवाजें सुनीं। वे लोग रात्रि के अंधकार में उसी आवाज की ओर बढ़ने लगे, मगर उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

धीरे-धीरे, वे लोग Bhutiya Kila के अंदर आगे बढ़ते गए। जैसे जैसे वो लोग किले के अंदर जा रहे थे वैसे वैसे ही किले के दीवारों पे रहस्य्मयी चित्र दिखाई दे रहे थे।

उन्होंने महसूस किया कि वे किले के अंदर एक अलग ही दुनिया में पहुँच गए हैं, जहाँ सब कुछ रहस्यमय और अज्ञात था।

एक कमरे में पहुँचकर, उन्होंने विचित्र चीजों को देखा जो देखने के बहुत ही ज्यादा डरावना था। वे एक दीवार पर लटकी हुई छवि के पास पहुँचे और उसे ध्यान से देखने लगे। वह छवि किसी महारानी की लग रही थी, जिसका चेहरा अद्भुत था।

अचानक, छवि ने उनसे कहा – “तुम यहाँ इतने डरावने किले में आए हो, मै तुम्हारे साहस की परीक्षा लेना चाहती हूँ। मैं तुम्हें तीन चुनौतियों का सामना करवाऊंगी।

अगर तुम उन्हें पार कर पाओगे, तो मै तुम्हे इस किले का रहस्य को जरूर बताउंगी जिसे जानने के लिए तुम लोग यहाँ तक आ गए हो”।

लड़कों का मन उत्सुकता से भर गया, पर उन्होंने अपने साहस को बनाए रखते हुए कहा, “हम उन चुनौतियों का सामना करेंगे और उन्हें पार करेंगे, चाहे वो कितनी भी भयंकर क्यों न हों।”

उन लड़को ने उस छवि की चुनौतियों का सामना किया और उसे पार कर लिया। छवि ने उन्हें एक रहस्यमय और भयंकर सच्चाई बताई की – किले के नीचे एक रहस्यमयी गुफा है, जिसमें एक प्राचीन भूत बंद है।

उस छवि ने उन लड़को को बताया की इस Bhutiya Kila के नीचे जो भूत बंद है उसे एक मंत्र से परास्त किया जा सकता है। अगर तुम लोग ऐसा कर पाते हो तो ये किला भूत मुक्त हो जायेगा।

जैसे ही वे किले की गहराईयों में जाने लगते हैं, वैसे ही वे अपने पास अजीब आवाजें सुनते हैं, और फिर एक बहुत ही भयंकर भूत उनके सामने आ जाता है। भूत की आँखें एक दम लाल, दांत पीले पीले और उसका चेहरे की चमड़ी सड़ी हुई थी।

लड़के भूत का इतना भयंकर रूप देख कर भयभीत हो जाते हैं, पर वे अपने डर को काबू करते हैं। वे एक-दूसरे का हाथ पकड़ते हैं और साथ मिलकर भूत के सामने खड़े होते हैं। “हम डरने वाले नहीं हैं,” उन्होंने उस भूत से कहा, “हम तुम्हारी शक्तियों का सामना करेंगे और तुम्हें परास्त करेंगे!”

भूत उन्हें देखकर हंसता है, और उसकी भयंकर हँसी से किला की दीवारें कांपने लगती हैं। “तुम लोग जितने भी साहसी हो, पर तुम मेरा सामना नहीं कर सकते। और तुरंत ही एक भयानक आवाज़ के साथ वे लड़कों पर आक्रमण कर दिया।

लड़को ने भी एक दूसरे का हाँथ पकड़ के उस छवि के द्वारा दिए गए मंत्र को पढ़ने लगे। मंत्र की आवाज सुन के भूत चिल्लाने लगता हैं, और उसकी शक्तियाँ कमजोर पड़ने लगती हैं। अंत में, भूत की शक्तियाँ ख़तम हो जाती है और उसकी आत्मा को मुक्ति मिल जाती है।

इस घटना के बाद, भूतिया किले (Bhutiya Kila) का माहौल शांतिपूर्ण हो जाता है, और गांव के लोग अब रात के समय भी वहां जा सकते है।

समापन: Bhutiya Kila भूतिया किले की इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि डरने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम अपनी साहस, समर्पण और निरंतर प्रयास से किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

रहस्यमयी घटनाओं और जगहों के पीछे छिपे सत्य से हमें कभी नहीं डरने चाहिए, बल्कि हमें उनका सामना करने का साहस दिखाना चाहिए।

यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि अगर हमारी आत्मशक्ति मजबूत हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।

2. रवि का आत्मविश्वास

किसी पुराने शहर में एक विचित्र और भूतिया किला (Bhutiya Kila) था, जिसे ‘चिराग गढ़’ के नाम से जाना जाता था। इस किले के बारे में कई किस्से और कहानियाँ प्रसिद्ध थीं।

लेकिन कोई भी नहीं जानता था कि ये किला असलियत में कैसा है। वहाँ रहने वाले लोग इसके पास भी जाने से डरते थे, क्योंकि यह किला सुनसान और डरावना दिखता था।

एक बार की बात है, गांव के एक युवक का नाम रवि था। वह खुद को डर से काबू में करने वाला और साहसी लड़का था। वह हमेशा से ही चिराग गढ़ का रहस्य खुद से सुलझाना चाहता है।

उसके दोस्त और परिवार ने उसे रोकने की कई बार कोशिश की, लेकिन रवि का साहस अद्भुत था। वह जानता था कि इस Bhutiya Kila का रहस्य कितना भी भयंकर क्यों ना हो वह बिना डरे ही इसका पता लगा सकता है।

एक दिन, रवि ने अपने दोस्तों से कहा, “मैं जानना चाहता हूँ कि चिराग गढ़ में क्या है जो लोग इससे इतना डरते हैं। मैं उस रहस्य को सुलझा के ही रहूँगा।”

उसके दोस्तों ने उसे रोकने की बहुत कोशिशें करते रहे, लेकिन रवि का आत्मविश्वास बहुत ही ज्यादा था। उसने अपना काम चालू किया और रात-रात भर चिराग गढ़ के पास वक्त बिताने लगा।

एक दिन, रवि ने अपने साथी दोस्तों को साथ लिया और वे सभी मिलकर किले की ओर बढ़े। किले के दरवाजे पर पहुंचकर, उन्होंने देखा कि दरवाजे पर लिखा है, “सावधान! जिन्दा रहने के लिए यहाँ न आएं।”

रवि ने अपने दोस्तों से कहा, “यह किला खतरनाक और Bhutiya Kila हो सकता है, लेकिन हमें यहाँ जाना होगा, की आखिर अंदर क्या है। ताकि हम इसके रहस्य को समझ सकें।”

उन्होंने धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए किले के अंदर की ओर बढ़ना शुरू किया। किले के अंदर एक डरावनी सी शांति का माहौल था। उन्होंने धीरे से आगे बढ़ते हुए एक बड़े कमरे में पहुँचा, जहाँ एक विशालकाय चिराग जल रहा था।

तभी उन्होंने एक कमरे की ओर देखा, जहाँ एक बहुत बड़ा पुराना पुस्तकालय था। उन्होंने पुस्तकालय में जा के देखा कि पुस्तकालय में अनगिनत पुरानी पुस्तकें रखी हुई थीं।

उन्होंने एक पुस्तक उठाई और देखा कि यह एक प्राचीन डायरी थी, जिसमें एक यात्री ने इस किले में हुए अपने अनुभव के बारे में लिखा था। रवि ने डायरी पढ़ते वक्त अपने दोस्तों बताया की इस डायरी में उस चिराग के बारे में लिखा हुआ है।

रवि और उसके दोस्तों ने डायरी पढ़ने के बाद चिराग गढ़ के रहस्य को समझ लिया। किले के अंदर वह चिराग शक्तिशाली मंत्रों और जादू से बंधा हुआ है, जिसे एक प्राचीन योगी ने बनाया था।

इस कारन से ही यहाँ डरावनी आवाजे आती है। वहां कोई भी भूत नहीं था। उस डायरी में लिखे हुए मंत्र के अनुसार उस चिराग को बुझाया जा सकता है। रवि और उसके दोस्तों ने उस मंत्र की सहायता से उस चिराग को बुझा दिया।

तब से उस किले के पास से डरावनी आवाजे आनी बंद हो गई। गांव वालो ने भी रवि की बहादुरी की बहुत तारीफ की, और उस गांव के लोग फिर बिना किसी डर के वह चैन से रहने लगे।

शीख: इस Bhutiya Kila कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि डर का सामना करने से ही हम उस डर पे विजय पा सकते है।

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अवलोकन – मुझे आशा है कि आपको यह ( Bhutiya Kila ) भूतिया किला की कहानी अच्छी लगी होगी! आपको ये कहानी कैसी लगी हमें comment कर के जरूर बताये

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