यह कहानी है अनसुलझी हवेली की। एक बार की बात है, एक गाँव में दो बहनें रहती थीं। बड़ी बहन का नाम रंजू था और छोटी बहन का नाम संजू था। रंजू 18 साल की थी और संजू 16 साल की थी।
दोनों बहनों में बहुत प्यार था। वे हमेशा एक साथ खेलती थीं और एक-दूसरे के साथ रहती थीं। एक दिन, रंजू और संजू जंगल में गई, और वहाँ दोनों खेलने लगी। कुछ देर बाद उनलोगों को प्यास लग गई उसने उन्होंने एक पुरानी हवेली देखी और वे हवेली के अंदर चली गई।
अनसुलझी हवेली: भूत, बहनें और एक अतीत की रहस्यमय कहानी
जैसे ही हवेली के दहलीज पर पैर रखी वैसे ही उन्हें डर लगने लगा। हवेली में बहुत ही अंधेरा था और वह हवेली बहुत डरावनी भी थी। दोनों बहनें बहुत ज्यादा डर गई थीं, लेकिन उन्होंने साहस से काम लिया और धीरे-धीरे हवेली के अंदर चली गई।
वे अंदर जाकर अनसुलझी हवेली के चारों तरफ घूम घूम कर देखने लगी। जब दोनों एक कमरे में गई तो उन्होंने देखा की, उस कमरे के, एक कोने में एक बहुत ही डरावनी परछाई खड़ी है, उसका चेहरा बहुत ही भयानक था और आंखें लाल थीं।
उसे देखकर दोनों बहनों के होश उड़ गए। और डर के मारे थर-थर कापने लगी। वे वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन भूत ने उन्हें रोक लिया। भूत ने उनसे कहा, “तुम यहां क्यों आई हो?”
रीना ने कहा, “हम सिर्फ खेलने आए थे।” हमें माफ कर दो। दुबारा हम कभी यहाँ नहीं आएंगे। भूत ने कहा, “नहीं तुमने यहाँ आकर बहुत बड़ी गलती की हैं मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा। यह मेरा अड्डा है और यहां पर कोई नहीं आ सकता
रंजू और संजू ने कहा, “हम फिर से माफ़ी मांगते हैं। हम कभी यहां वापस नहीं आएंगे।” भूत ने कहा, “ठीक है। लेकिन याद रखो, तुमने जो मेरे भाई के साथ किया है, वह बात कभी नहीं भूलोगी ।”
इतना कहकर भूत गायब हो गया। रंजू और संजू जल्दी से उस घर से भागकर बाहर निकलीं और कभी भी वापस कभी वहाँ नहीं गईं। रंजू और संजू को भूत की बातों का इतना डर हो गया था की वे रात रात भर सो नहीं पाती थी।
बस उन्हें यही डर लगा रहता था कि भूत उन्हें कभी नहीं छोड़ेगा। उन्हें जान से मार डालेगा। कुछ दिन तक ऐसे ही बीते। तभी एक रात, रंजू को एक सपना आया। सपने में, उसने भूत को फिर से देखा। भूत ने उसे कहा, “तुम मेरे भाई की हत्या के लिए जिम्मेदार हो।”
रंजू को याद आया कि एक दिन, उसने और संजू ने एक लड़के को उस अनसुलझी हवेली में घूमते हुए देखा था। लड़के ने उन्हें देखा था, और वे उसे डराने के लिए पीछे छुप गई थीं। लड़का डरकर भाग गया था और फिर वो लड़का कभी नहीं दिखा।
रंजू जब सुबह उठी तो उसे एहसास हुआ कि भूत जो कुछ भी कह रहा था सही कह रहा था की हमलोग की वजह से उस लड़के की हत्या हुई थी। रंजू जब दूसरे रात में सोने गई तो उसे सपने में वही भूत दोबारा दिखाई दिया।
और वही बात दोबारा कह रहा था कि मेरे भाई का मारने का जिम्मेदार तुम्ही दोनों हो। उस रात रंजू ने सपने में भूत से माफी मांगी। उसने कहा, “मैं जानती हूं कि मैंने क्या किया है। इसके लिए मैं बहुत दुखी हूं।”
भूत ने कहा, “मैं तुम्हें तभी माफ करूँगा, जब तुम दोनों बहनें मेरे भाई का अंतिम संस्कार करोगी। अगर तुम इस काम को पूरा कर दोगी तो मैं तुम दोनों को कभी परेशान नहीं करूँगा।
रंजू ने दूसरे दिन सुबह जागते ही संजू को सब कुछ बताया। संजू भी उसकी बातें सुनकर भी बहुत दुखी हुई। रंजू और संजू ने फैसला किया कि वे भूत को शांति देने के लिए कुछ भी करेंगे। सबसे पहले उन दोनों ने उस अनसुलझी हवेली की साफ-सफाई की।
फिर उन्होंने सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की कोशिश की। और फिर उन्होंने उस अनसुलझी हवेली में उस लड़के के लिए पूजा – पाठ करवाया। तब जाकर उनदोनो को थोड़ी शांति मिली। उसके बाद से रंजू और संजू ने उस भूत को कभी नहीं देखा, और बिना डर के आराम से रहने लगी।
निष्कर्ष यह अनसुलझी हवेली कहानी हमें सिखाती है कि बुराई का परिणाम हमेशा बुरा ही होता हैं। हमें अपने कार्यों के बारे में सोचना चाहिए और दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
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अवलोकन – मुझे उम्मीद है कि आपको यह inhindistory.com द्वारा लिखी गई ये अनसुलझी हवेली: भूत, बहनें और एक अतीत की रहस्यमय कहानीआपको अच्छी लगी होगी।